लखनऊ: राजधानी के अलीगंज स्थित नया हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर समेत आरएसएस कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले आरोपी शफीक की गिरफ्तारी के बाद आतंकवाद दस्ता (ATS) द्वारा जांच की जा रही है. दिल्ली का रहने वाले शफीक के बड़े मंहंगे खर्चे थे और उसको फंडिंग कहां से होती थी और कौन करता था. इस पर खूफिया विभाग व एटीएस टीम और पुलिस ने मिलकर जांच शुरू कर दी है. अभी तक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी महिलाओं और लड़िकयों से ज्यादातर मिलता था. इसके साथ ही उनका धर्मांतरण के लिए उनका ब्रेनवॉश करता था. जांच में पुलिस को यह जानकारी भी मिली है कि आरोपी ने कुछ लोगों को रुपये भी दिए हैं. पुलिस इन सभी बिंदुओं पर जांच-पड़ताल करने में जुटी हुई है.
एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह के अनुसार पकड़ा गया आरोपी शफीक बीकेटी में एक फर्नीचर शोरूम खोल रखा था. लेकिन यह फर्नीचर का शोरूम भी काफी लंबे समय से बंद था. आरोपी की कमाई का बस यही एक जरिया था, लेकिन उसके खर्चे बहुत थे. आरोपी द्वारा मदरसों और मस्जिदों में सभाएं भी की जाती थी. इस दौरान आरोपी लोगों पर रुपये भी खर्च किया जाता था. आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसने घर का खर्च चलाने के लिए दिल्ली के सलीमपुर का मकान बेच दिया था. लेकिन इस मामले पर जब पुलिस ने जांच की तो झूठ निकला. एडीसीपी ने कहा कि आरोपी द्वारा पुलिस को गोलमोल जवाब दिया जा रहा है. आरोपी के पास से मिले मोबाइल फोन को फोरेंसिक लैब भेजा गया है. उन्होंने कहा कि मोबाइल से डाटा रिकवर होने पर और तथ्यों की भी जानकारी हासिल हो सकेगी.
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बता दें कि अभी हाल ही के दिनों में अलीगंज पुलिस ने क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर आरोपी शफीक को बीकेटी से गिरफ्तार किया था. आरोपी के पास से मंदिर और आरएसएस कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी भरे लेटर की फोटो कॉपी भी बरामद की थी. यह लेटर की वही फोटो कॉपी थी जो डाक द्वारा मंदिरों को भेजकर 15 अगस्त के दिन उड़ाने की धमकी दी गई थी. आरोपी के पास से रिजस्ट्री की रसीद व अन्य चीजें भी पुलिस ने बरामद की थी. शकील ने इस पत्र को त्रिवेणीनगर स्थित पोस्ट ऑफिस से मंदिरों को भेजा था. फिलहाल आरोपी के लखनऊ में फैले नेटवर्क खंगाले जा रहे हैं. बता दें कि राजधानी के अलीगंज थाना क्षेत्र में स्थित हनुमान मंदिर में 31 जुलाई की शाम को एक पत्र पहुंचा था. जिसमें राजधानी लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों को 14 अगस्त से पहले रिहा करने की मांग की गई थी. इसके साथ ही धमकी दी गई थि कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो शहर के बड़े मंदिर व आरएसएस के दफ्तर को निशाना बनाया जाएगा.