ललितपुर में बारिश से फसलें जलमग्न, किसानों को मुआवजे की आस

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Published : Sep 16, 2022, 10:24 PM IST

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ललितपुर में मूसलाधार बारिश से तैयार फसलें जलमग्न हो चुकी हैं. इससे परेशान किसानों को अब मुआवजे की आस है.

ललितपुरः जनपद में तीन दिन से हो रही बारिश से फसलें जलमग्न हो चुकी हैं. बुंदेलखंड का किसान (farmer of bundelkhand) कभी बारिश तो कभी सूखे का शिकार हो रहा है. किसानों की फसलें पूरी तरह से पक कर तैयार हो गई थी लेकिन बारिश की वजह से अब चारों तरफ की फसलों में पानी भर गया है.


बता दें कि बीते माह बारिश से खरीफ की फसलें प्रभावित हो गई थी. अब तीन दिनों की बारिश से उड़द और मूंग की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. किसान बर्बादी की कगार पर है. जिला प्रशासन का कहना है कि बारिश से नष्ट हुई फसलों का दोबारा सर्वे कराया जाएगा. किसानों को फसल नुकसान की राहत राशि मुहैया कराई जाएगी. बीते लगभग पांच वर्षों से फसल बर्बाद होने से किसानों की माली हालत भी खराब हो गई है.

इसके पहले अगस्त माह के दूसरे सप्ताह से शुरू हुई बारिश माह के अंतिम सप्ताह तक होती रही. इससे किसानों की फसलें प्रभावित हुई. किसानों की कुछ फसलें बची होने से किसान लागत मिलने की उम्मीद लगा रहे थे. फसल पूरी तरह से पक कर तैयार हो गई थी. कुछ क्षेत्रों में किसान ने कटाई करना भी शुरु कर दिया था. लेकिन दो दिन की बारिश ने फसल को पूरी तरह से बर्बाद हो गई.


इस मामले में जिन किसानों ने कटाई कर ली थी. उन किसानों की पूरी फसलों में जलभराव हो गया है. वहीं अधिकांश किसानों के खेतों में ही लगातार बारिश से फसलें सड़कर नष्ट हो गई हैं. अब किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. किसानों के आगे आगामी फसल की भी समस्या खड़ी हो गई है. किसानों का कहना है कि जल्द ही बीमा क्लेम व राहत राशि का भुगतान किया जाए. जिससे वे रबी की फसलों की तैयारी कर सकें.

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नष्ट फसलों का दोबारा होगा सर्वे
अगस्त माह में बारिश से नष्ट हुई फसलों का जिला प्रशासन के निर्देश पर कृषि विभाग ने 48 टीमों का गठन कर सर्वे शुरु कराई थी. इनमें सदर तहसील में 14 टीम, तहसील तालबेहट में 14, महरौनी में नौ, मड़ावरा में चार, पाली में सात टीमें लगाईं गई थी. लेकिन अब तक सर्वे पूरा नहीं हो पाया था. इस बीच बारिश से फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई.

फसलों का दोबारा होगा आकलन
जनपद में खरीफ फसल की बुवाई के लिए 3.35 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया था. इसमें सबसे अधिक उड़द की फसल बोई गई थी. इस वर्ष खरीफ की सभी फसलें अच्छी थी. किसान अधिक पैदावार की उम्मीद भी लगा रहे थे. लेकिन कटाई के दिनों में ही बारिश से फसलें नष्ट हो गई.


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अपर जिलाधिकारी गुलशन कुमार ( ADM Gulshan Kumar) ने बताया बारिश से पकी हुई खरीफ की फसल बर्बाद हो रही है. पूर्व सर्वे को बंद कर दोबारा सर्वे कराया जाएगा. इसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.


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