Tikunia Violence Case: अभी जेल में ही कटेंगी मंत्री पुत्र आशीष मिश्र की दो रातें

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Published : Jan 25, 2023, 6:33 PM IST

Tikunia Violence Case

तिकुनिया हिंसा मामले (Tikunia Violence Case) में भले ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्रा को राहत मिल गई है. लेकिन अभी दो दिन उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा. जानें क्यों

लखीमपुर खीरी: सुप्रीम कोर्ट से तिकुनिया हिंसा मामले में जमानत मिल जाने के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्रा को राहत भले ही मिल गई हो. पर अभी उनकी दो रातें जेल में ही कटेगी. आशीष मिश्र को अदालत ने तीन-तीन लाख की जमानतें दाखिल करने के आदेश दिए हैं. अदालत से इन दोनों जमानतदारों के वेरिफिकेशन के लिए सम्बंधित थानों को फाइल भेज दी गई.

तिकुनिया हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार सुबह आशीष मिश्र की जमानत अर्जी पर सुरक्षित फैंसले को सुनाते हुए आशीष को सशर्त जमानत दी है. आशीष को अदालत ने आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है. इस दौरान अदालत ने आशीष के यूपी और दिल्ली में रहने पर रोक लगाई है. वहीं, पासपोर्ट भी निचली अदालत में जमा कराने के निर्देश दिए हैं. जमानत आदेश में अदालत ने गवाहों को प्रभावित करने की दशा में जमानत रद्द करने की बात भी कही है. सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए काउंटर केस में जेल में बंद चार किसानों को भी अंतरिम जमानत दी है. इन चारों किसानों के जमानत प्रार्थनापत्र हाईकोर्ट में पेन्डिंग हैं.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लखीमपुर में तिकुनिया कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र के वकीलों और समर्थकों में खुशी की लहर है. जमानत की प्रक्रिया में आशीष के वकील अवधेश सिंह और उनकी टीम जमानत बांड दाखिल करने में जुट गए. लखीमपुर खीरी जिले में एडीजे प्रथम की अदालत में आशीष के जमानत प्रार्थनापत्र पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीन तीन लाख के दो जमानत दाखिल करने के आदेश दिए. आशीष के वकील ने दो जमानतदार अदालत में दाखिल किए, जिसे अदालत ने वेरिफिकेशन को सम्बंधित थानों को भेज दिया है. कल यानी 26 जनवरी को अवकाश है. बुधवार को इतनी जल्दी थानों से वैरिफिकेशन होकर आ नहीं सकता. जानकार बताते हैं कि अभी आशीष को दो रातें जेल की सलाखों के पीछे काटनी पड़ेंगी.

ये है तिकुनिया कांड की टाइमलाइन
3 अक्टूबर, 2021- तिकुनिया हिंसा में चार किसानों, एक पत्रकार और तीन भाजपा कार्यकर्ताओं सहित आठ की मौत हो गई और कई घायल हो गए. आक्रोशित किसानों ने एक थार एसयूवी और एक फॉर्च्यूनर को जलाकर राख कर दिया.

4 अक्टूबर, 2021- 219 और 220 नंबर की दो प्राथमिकी- एक किसान पक्ष की ओर से केंद्रीय कनिष्ठ गृह मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मोनू और दूसरी भाजपा के वार्ड सदस्य सुमित जायसवाल द्वारा अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हिंसा के संबंध में दर्ज की गई थी.

अक्टूबर 7,2021- सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा पर संज्ञान लिया.
9 अक्टूबर 2021- गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मोनू को एसआईटी के सामने पेश किया गया. देर रात गिरफ्तार किया गया. एसआईटी ने जांच के दौरान आशीष पांडे, लवकुश राणा, शेखर भारती, अंकित दास, लतीफ काले, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट, उल्लास त्रिवेदी उर्फ ​​मोहित, सुमित जायसवाल, शिशु पाल, रिंकू राणा और धर्मेंद्र बंजारा सहित 12 अन्य को गिरफ्तार किया.

12 अक्टूबर 2021- एसआईटी ने मंत्रीपुत्र आशीष को रिमांड पर लिया.
आरोपी शेखर भारती गिरफ्तार, भेजे गए जेल
13 अक्टूबर2021- आशीष मिश्र मोनू की जमानत अर्जी सीजेएम कोर्ट से खारिज
18 अक्टूबर 2021- भाजपा सभासद सुमित जायसवाल समेत चार को एसआईटी ने किया गिरफ्तार.
21 अक्टूबर 2021- मंत्रीपुत्र आशीष मिश्र की जमानत अर्जी जिला जज की कोर्ट में दाखिल.
22 अक्टूबर 2021- आशीष मिश्र, अंकितदास समेत चार आरोपियों को एसआईटी ने दुबारा लिया रिमांड पर.
26 अक्टूबर 2021- भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के दो आरोपी गिरफ्तार.
15 नवम्बर 2021- मंत्रीपुत्र आशीष मिश्र की जमानत अर्जी जिला जज की कोर्ट से खारिज.
30 नवम्बर-2021- उल्लास त्रिवेदी, रिंकू राणा, धर्मेन्द्र बंजारा की जमानत अर्जी जिला जज की कोर्ट से खारिज.

नवंबर 17, 2021- सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन को तिकुनिया हिंसा की एसआईटी जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया, इसके अलावा यूपी सरकार द्वारा गठित एसआईटी में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया.

3 जनवरी 2022- एफआईआर नंबर 219, किसानों की मौत के मामले में एसआईटी ने जांच पूरी की और कोर्ट में 5000 पेज का चार्जशीट दाखिल किया जिसमें एसआईटी ने मंत्रीपुत्र आशीष मिश्र समेत 14 लोगों को आरोपी बनाया.

21 जनवरी, 2022- एफआईआर नंबर 220 , भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के मुकदमे में भी एसआईटी ने विचित्र सिंह, गुरविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह और कमलजीत सिंह नाम के चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
10 फरवरी 2022-मंत्री पुत्र आशीष मिश्र की जमानत अर्जी हाई कोर्ट से मंजूर.

15 फरवरी, 2022- मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू जमानत पर रिहा. आशीष 128 दिन जेल में रहे.
15 मार्च, 2022- आशीष मिश्रा मोनू की जमानत रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया.
30 मार्च2022- आशीष मिश्र ने जिला जज की कोर्ट में दाखिल की डिस्चार्ज अर्जी.
4 अप्रैल, 2022- सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया.

18 अप्रैल, 2022- सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जमानत आदेश को खारिज करते हुए आशीष मिश्रा मोनू को एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने को कहा. सर्वोच्च न्यायालय ने मामले को वापस उच्च न्यायालय में भेज दिया और तीन महीने के भीतर जमानत अर्जी पर नए सिरे से फैसला करने को कहा.
24 अप्रैल 2022- सुप्रीम कोर्ट से जमानत निरस्त होने पर आशीष मिश्र ने सीजेएम कोर्ट में किया सरेंडर.

3 दिसम्बर 2022 -भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के चार आरोपियों की डिस्चार्ज अर्जियां खारिज. 5 दिसम्बर को तय हुए आरोप
5 दिसम्बर 2022- मंत्रीपुत्र समेत 13 आरोपियों की डिस्चार्ज अर्जियां खारिज. 6 दिसम्बर को तय हुए आरोप.
इस समय तिकुनिया हिंसा काण्ड के दोनों मुकदमों की सुनवाई प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार वर्मा की कोर्ट में चल रही है.

19 जनवरी 2023 को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने आशीष की जमानत पर फैंसला सुरक्षित कर लिया था.
25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्र को सशर्त और काउंटर केस में बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के आरोप में जेल में बंद चार आरोपियों को भी अंतरिम जमानत दे दी.

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