लखीमपुर खीरी गोला उपचुनाव में सपा भाजपा हैं आमने सामने, किसकी होगी जीत?

author img

By

Published : Nov 6, 2022, 7:20 AM IST

Updated : Nov 6, 2022, 8:10 AM IST

Etv Bharat

लखीमपुर खीरी की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को उपचुनाव के तहत मतदान हुआ था. आज रविवार को आठ बजे से मतगणना शुरू होगी और परिणाम आने तक लगातार ईवीएम में कैद वोटों की काउंटिंग होगी. इस उपचुनाव में मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच का बताया जा रहा है.

लखीमपुर खीरी: यूपी के गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव के लिए मतगणना रविवार को होगी. किस प्रत्याशी को जीत मिलेगी और किसकी हार होगी यह रविवार दोपहर के बाद तक तय हो जाएगा. लखीमपुर खीरी के डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि मतगणना की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. सभी कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से अवगत करा दिया गया है. सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी. ईवीएम के जरिए मतदान हुआ था. गोला सीट पर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी आमने-सामने हैं. कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, चुनावी नतीजे किसी के भी पक्ष में हो सकते हैं.

गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा के दो बार से लगातार जीते विधायक अरविंद गिरी की हार्ट अटैक से मौत के बाद यहां पर तीन नवंबर को उपचुनाव के तहत मतदान हुआ था. भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरी को अपना प्रत्याशी बनाया. वहीं, समाजवादी पार्टी ने 2012 में गोला सीट से ही विधायक रह चुके विनय तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया. भारतीय जनता पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों के जरिए सीएम से लेकर डिप्टी सीएम तक इस चुनाव में धुआंधार प्रचार किया. एक-एक घर की कुंडी खटका कर वोट मांगा. वहीं, समाजवादी पार्टी ने बहुत ही साइलेंटली चुनाव प्रचार किया. ना कोई शोर-शराबा नाही स्टार प्रचारकों की कोई भारी भरकम टीम पर समाजवादी पार्टी भी गांव-गांव घर-घर पहुंची.


भारतीय जनता पार्टी जहां चुनाव में मंदिर से लेकर योगी और मोदी सरकार के तमाम विकास कार्यों की लंबी चौड़ी लिस्ट जनता के सामने पेश करती रही. छोटी काशी कॉरिडोर बनाने के वादे करती रही. वहीं, समाजवादी पार्टी ने गन्ना बकाया भुगतान, छुट्टा जानवर, पराली जलाने और ट्रॉली पर बैठने पर मुकदमे, बेरोजगारी, महंगाई जैसे जमीनी मुद्दों के जरिए अपना प्रचार किया. चुनाव में सात प्रत्याशी मैदान में हैं. लेकिन, मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के प्रत्याशियों के बीच बताया जा रहा.

इसे भी पढ़े- विधानसभा उपचुनाव: छह राज्यों की सात सीटों के नतीजे रविवार को आएंगे


वरिष्ठ पत्रकार नंद कुमार मिश्रा कहते हैं कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पास उसकी साख बचाने और चुनाव में एक लंबी लकीर खींचने का दबाव है. लेकिन, सपा के पास खोने को कुछ नहीं. मुकाबला दिलचस्प होना चाहिए. किसानों के मुद्दे और गन्ना भुगतान अगर हावी हुआ तो नतीजे कुछ भी हो सकते हैं.


युवराज दत्त महाविद्यालय में पॉलिटिकल साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर और चुनाव पर करीब से नजर रखने वाले डॉक्टर संजय कुमार कहते हैं कि वोटिंग परसेंटेज इस बार उपचुनाव के हिसाब से काफी रहा है. यह भारतीय जनता पार्टी के लिए कहीं न कहीं खतरे की घंटी बन सकता है. क्योंकि, उपचुनाव में आमतौर पर लोगों की दिलचस्पी नहीं होती. कम लोग वोट करने जाते हैं. लेकिन, करीब 58 फीसदी पड़ा वोट बहुत कुछ कहता है.

यह भी पढ़े-मंत्री दानिश आजाद बोले, विपक्षी दल राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए कर रहे मदरसों के सर्वे का विरोध

Last Updated :Nov 6, 2022, 8:10 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.