गन्ना किसानों की व्यथा: 'मिल पर साढ़े तीन लाख बकाया, सब्जी लाने के भी पैसे नहीं'

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Published : Sep 2, 2021, 9:04 PM IST

गन्ना किसानों की व्यथा

लखीमपुर खीरी के खम्भारखेड़ा चीनी मिल पर गन्ना बकाया भुगतान की मांग को लेकर 11 दिन से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.बता दें कि खीरी जिले में 1100 करोड़ रुपया किसानों का बजाज की तीन चीनी मिलों समेत कुल छह चीनी मिलों पर बकाया है. खम्भारखेड़ा चीनी मिल पर ही अकेले 238 करोड़ रुपया बकाया है.

लखीमपुर खीरी: मैं ठाकुर हूं, चीनी मिल पर साढ़े तीन लाख रुपया बकाया है. सब्जी लाने भर को पैसा नहीं बचा. घर का गल्ला बेंचकर मोटरसाइकिल में पेट्रोल डला कर प्रदर्शन करने आया हूं. ये दर्द लखीमपुर खीरी जिले के एक किसान का नहीं है, कमोबेश सभी गन्ना किसानों का यही हाल है. भुगतान न होने से परेशान ये किसान पिछले 11 दिनों से खम्भारखेड़ा चीनी मिल पर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इनकी आवाज कोई सुनने वाला नहीं है.बता दें कि खीरी जिले में 1100 करोड़ रुपया किसानों का बजाज की तीन चीनी मिलों समेत कुल छह चीनी मिलों पर बकाया है. खम्भारखेड़ा चीनी मिल पर ही अकेले 238 करोड़ रुपया बकाया है.

किसानों ने आज बन्द कर दिए मिल के सभी गेट
खम्भारखेड़ा चीनी मिल पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज चीनी मिल के सभी गेट बंद कर दिए और जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना था कि उनका गन्ना बकाया भुगतान जल्द से जल्द कराया जाए. किसानों ने बताया कि मिल प्रशासन के अधिकारियों से लगातार वार्ता करने की कोशिश की जा रही है पर उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. किसानों का यह भी कहना है कि करीब 30 करोड़ रुपए की एक किस्त के रूप में मिल प्रशासन अगर किसानों को भेज दे, तो वह धरना खत्म कर देंगे. लेकिन इसके लिए भी मिल प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है.

गन्ना किसानों की व्यथा.

चीनी मिल गेट पर किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष श्री कृष्ण वर्मा की अगुआई में बकाया भुगतान की मांग कर रहे किसानों का कहना है कि उनको बच्चों की फीस, माता-पिता की दवाई के लिए भी पैसा नहीं मिल पा रहा है. हमारा लाखों रुपया मिल पर बकाया पर मिल एक कौड़ी देने को राजी नहीं है. किसानों ने कहा कि मिल प्रशासन उनके धैर्य की परीक्षा ले रहा है. हम शांति से अपना हक मांग रहे हैं पर न तो सरकार हमारी सुन रही और न मिल प्रसाशन. बकाया भुगतान न होने से परेशान इन किसानों का कहना है कि अब वे तब तक प्रदर्शन से नहीं हटेंगे जब तक उनका भुगतान नहीं हो जाता चाहें जान भले ही क्यों न चली जाए.

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