यूपी के कई जिलों में बारिश का कहर, कासगंज में टूटा 43 साल का रिकॉर्ड

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Published : Sep 22, 2022, 4:35 PM IST

Updated : Sep 22, 2022, 5:16 PM IST

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उत्तर प्रदेश के कई जिलो में भारी बारिश हो रही है, इसके चलते लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं, कासगंज में लगातार मूसलाधार बारिश से लगभग 43 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. साथ ही किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.

कासगंज: जनपद में विगत 24 घंटे से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से लगभग 43 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. कासगंज के प्रमुख इलाके प्रभु पार्क, गांधी मूर्ति और राजनीतिक जनसभाओं के लिए प्रसिद्ध बारह पत्थर मैदान तालाब में तब्दील हो गए हैं. जबकि रेल यार्ड में पानी भरने से काफी देर तक सिग्नल बाधित रहे तो वही जनपद में सैकड़ों बीघा फसल किसानों की नष्ट हो गई हैं.

कासगंज में पिछले 24 घंटों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बताया गया कि इस बारिश ने पिछले 43 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इतना ही नहीं एक तरफ कासगंज के विद्युत पावर हाउस में पानी भर गया तो वही रेलवे यार्ड में पानी भरने से काफी देर तक सिग्नल फेल रहे. हालांकि गुरुवार सुबह डीआरएम इज्जत नगर के पीआरओ राजेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा जलभराव के चलते सिग्नल फेल हुए थे. लेकिन अब खराबी को दूर कर लिया गया है. इसके अलावा मूसलाधार बारिश से किसानों की धान मक्का और बाजरा और गाजर की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न होने से नष्ट होने से नष्ट हो गयी है.

कासगंज में बारिश से टूटा 43 साल का रिकॉर्ड

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वहीं, कासगंज के ग्राम खुशहालपुर (Village Khushalpur of Kasganj) के रहने वाले भूप सिंह ने बताया कि उसने 12 बीघा धान की फसल बोई थी, जिसके लिए उसने बैंक से कर्जा भी लिया था. अब जबकि धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है तो ऐसे में वह बैंक का कर्जा कैसे चुका पाएगा. यह उसकी समझ में नहीं आ रहा है. कुछ ऐसा ही किसान आनंद का कहना है कि उसने गाजर की फसल बोई थी और लगभग 35000 लागत आई थी. अब खेत में घुटनों तक पानी भर गया है, जिसके चलते फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है. कासगंज के सहावर तहसील क्षेत्र के अमापुर ब्लाक के ग्राम हुंदा शेखपुर में कई किसानों की धान की फसल नष्ट हो गई है तो पटियाली ब्लॉक के ग्राम श्री नगला के रहने वाली रीना पत्नी कुलदीप और राजेश कुछ अशोक कुमार की 35 बीघा धान की फसल नष्ट हो गई.

दूसरी ओर कासगंज जनपद के वरिष्ठ समाजसेवी प्रोफेसर डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से उन्होंने ऐसी बारिश नहीं देखी है. इस बारिश ने पूरे कासगंज को पानी से लबालब कर दिया है जबकि बारिश से किसानों का भारी नुकसान हुआ है. किसानों की सैकड़ों बीघा फसलें नष्ट हो गई हैं. इसके अलावा कासगंज के सहावर क्षेत्र के ग्राम नाथूपुर में मूसलाधार बारिश के चलते एक मकान के कमरे की छत धराशाई हो गई, जिसके चलते कमरे में सो रहे 50 वर्षीय तेजपाल की छत से गिरे मलबे में दबने से दर्दनाक मौत हो गई. मृतक के परिजनों के अनुसार बुधवार-गुरुवार की मध्य रात्रि तेजपाल अपने कमरे में सोए हुए थे. साथ ही पास के ही कमरों में अन्य परिजन सोए हुए थे. गुरुवार सुबह जब परिवारीजनों की आंख खुली तो उन्होंने कमरे की छत को गिरा हुआ देखा. छत गिरी देख परिवारी जनों में चीख-पुकार मच गई, जिसके बाद मलबा हटाया गया तो वहां तेजपाल का शव था. फिलहाल पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

आगरा में बुधवार रात 11:00 बजे से लगातार बारिश हो रही है, जिससे कई जगह छपवा दीवार गिरने से नुकसान हुआ है. जानकारी के मुताबिक जिले की विधानसभा एत्मादपुर के थाना एत्मादपुर के गांव छलेसर बंघारा (Village Chhalesar Banghara) में तीन लोग घायल हो गए. गनीमत रही कि परिवार के अन्य सदस्य घर से बाहर थे ,दूसरी घटना थाना बरहन के गांव गढ़ी भंडार में आहरन रोड पर स्थित दुर्गे माता के मंदिर के पास की है, जहां आकाशीय बिजली गिरने से मंदिर के महंत गंगा राम 75 वर्ष घायल हो गए और मंदिर की लगभग 5 फीट शिखर टूट कर गिर गई. साथ ही पूरा मन्दिर में दरार पड़ गई, जिससे मंदिर में शिखर के मलबा गिरने से महंत घायल हो गए.

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वहीं, बिजली गिरने की आवाज से आसपास के घरों में हलचल मच गई. आवाज सुनकर ग्रामीण मंदिर की तरफ पहुंचे और घायल अवस्था में मंदिर में उपस्थित महंत गंगाराम को बरहन के निजी चिकित्सक के यहां उपचार के लिए भर्ती कराया है. जबकि तीसरी घटना थाना एत्मादपुर में गांव संवाई की है. यहां घर की दीवार गिर गई. लेकिन इस दौरान गनीमत यह रही कोई सदस्य घायल नहीं हुआ है.

फर्रुखाबाद में दो दिन से हो रही बारिश से ईओ आवास के सामने जर्जर भवन भरभराकर गिर गया, जिससे पालिका कर्मी और उसका परिवार बाल-बाल बच गया. बता दें कि नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी के आवास टाउन हाल के सामने पालिका के चार जर्जर भवन हैं, जिनमे पालिका के सर्वेयर रूपम अग्निहोत्री, मोहर्रिर राघवेन्द्र दीक्षित, सफाई नायक नन्द किशोर नन्दू और माली आशीष कुमार रहते हैं. दो मंजिल भवन में रूपम अग्निहोत्री रह रहे थे. भवन पूरी तरह से जर्जर था. इसके बाद भी अधिकारियों नें किसी को भी भवन को निसप्रियोज्य घोषित नहीं किया. बीते एक महीने पहले रूपम नें भवन जर्जर होनें के चलते दूसरी मंजिल छोड़कर पहली मंजिल पर रहना शुरू कर दिया. गुरुवार को रूपम अपने पुत्र अमन के साथ बाहरी कमरें में बैठे थे. रूपम की पत्नी कुसुम गाय को चारा डाल रही थी. पुत्र बधू प्रज्ञा चाय बनाने के लिए गई. उसी दौरान मकान की दूसरी मंजिल की छत भरभराकर गिरी तो पहली मंजिल की छत भी गिर गई, जिससे मलबा जमीन पर आ गया, जिससे घरेलू सामान दब गया. अधिशाषी अधिकारी रविन्द्र कुमार नें बताया कि बीते एक माह पूर्व मौखिक रूप से भवन खाली करनें को कहा गया था लेकिन भवन खाली नहीं किया गया. गुरुवार को भवन गिर गया. अब सर्वेयर रूपम के साथ अन्य को भी भवन खाली करनें का नोटिस दिया गया है. जबकि नगर पालिका की बिल्डिंग 1985 में बनाई गई थी.



Last Updated :Sep 22, 2022, 5:16 PM IST
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