कासगंज: उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में बसपा के पूर्व विधायक और वर्तमान में सपा नेता हसरत उल्लाह शेरवानी को कोर्ट ने जेल भेज दिया. कोतवाली में घुसकर पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति के साथ मारपीट करने के पुराने मामले की कोर्ट ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व विधायक को दोषी पाते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
दरअसल, 30 मई 2011 को कासगंज के ढोलना कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले शमीम अहमद, शमशाद के विरुद्ध छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराने ढोलना कोतवाली पहुंचे. यहां पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी. शमीम अहमद ने इसकी जानकारी उस समय बसपा विधायक रहे हसरत उल्लाह शेरवानी को दी. हालांकि बाद में पुलिस ने शमीम अहमद से शिकायती पत्र लेकर शमशाद को पकड़कर थाने ले आई और लॉकअप में बंद कर दिया.
आरोप था कि इस मामले में पुलिस द्वारा शमशाद के विरुद्ध मुकदमा न लिखने की जानकारी होने पर तत्कालीन बसपा विधायक और वर्तमान में सपा नेता हसरत उल्लाह शेरवानी उर्फ भद्दन मियां अपने 8 साथियों को लेकर ढोलना कोतवाली में घुस गए थे और लॉकअप में बंद शमशाद की जमकर पिटाई की थी. दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद शमशाद थाने से ही छूट गया था. थाने से छूटने के बाद पीड़ित शमशाद ने मानवाधिकार आयोग में विधायक द्वारा की गई पिटाई की शिकायत की. मानवाधिकार आयोग ने तत्काल मामले का संज्ञान लेते हुए विधायक के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
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शमशाद की तहरीर पर पुलिस ने उस समय के बसपा विधायक हसरत उल्लाह शेरवानी सहित 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें पुलिस ने चार्जशीट भी लगा दी थी. इस पूरे मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट के एडीजे तृतीय गगन कुमार भारती की कोर्ट में चल रही थी. शनिवार को सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक को दोषी पाते हुए कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया, जिसके बाद पूर्व विधायक को जेल भेज दिया गया. अब 25 अगस्त को एडीजे कोर्ट में जज गगन कुमार भारती के द्वारा पूर्व विधायक की सजा का निर्धारण किया जाएगा.