हमीरपुर के बेतवा, केन और यमुना नदी खतरे के पार, कई गांव का टूटा संपर्क

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Published : Aug 25, 2022, 10:44 PM IST

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हमीरपुर जिले के बेतवा, केन, यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर दिया है. इसके चलते निचले इलाके में पानी घुसने के कारण कई गांव का संपर्क भी टूट चुका है.

हमीरपुर: जिले की यमुना-बेतवा नदियों की बाढ़ और विकराल हो गई है. दोनों नदियां बाढ़ का नया रिकार्ड बनाने की तरफ बढ़ रही हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को यमुना नदी में धौलपुर से 24.75 लाख और बेतवा नदी में माताटीला बांध से 4.03 लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है, जिससे बेतवा में डेढ़ से लेकर दो और यमुना में करीब ढाई मीटर और जल स्तर बढ़ सकता है. जबकि सुबह यमुना 106.02 और बेतवा 105.67 मीटर पर बह रही थी. केन नदी भी खतरे के निशान को छूते हुए 102.03 मीटर पर बह रही है.

यमुना और बेतवा नदी की बाढ़ से जिले के दो दर्जन ग्राम पंचायतों के निचले हिस्सों में पानी भरने से लोग परेशान हो गए है. साथ ही खेतों में बोई गई खरीफ की फसलें प्रभावित हुई. वहीं, केन नदी की बाढ़ से ग्राम पंचायत कैथी का संपर्क जनपद से टूट गया है. इसके आसपास बसे आधा दर्जन पुरवों के लोग एक दूसरे के पास नहीं जा पा रहे हैं. यमुना और बेतवा नदी की बाढ़ का कहर निरंतर बढ़ता जा रहा है. कलौलीतीर, बरदहा सहजना, हेलापुर, अमिरता, टिकरौली, सिमनौडी,बड़ागांव, सूरौली बुजुर्ग, बरुआ, भौरा सरीला क्षेत्र के कनेरा आदि के निचले इलाकों में पानी भर जाने से फसलों के साथ-साथ कुछ आबादी प्रभावित हुई है. इसके चलते निचले क्षेत्र में बसे लोग सामान समेटकर ऊंचे स्थानों की तरफ जाने लगे हैं.

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यमुना नदी का पानी छोटा कछार, बड़ा कछार, सुरौली बुजुर्ग, बरुआ, भौरा में बस्ती के अंदर पानी घुसने लगा है. इससे लोग परेशान हो गए हैं. वहीं, केन नदी की बाढ़ का पानी चंद्रावल नदी से होकर मौहर गांव तक आ गया है. इससे ग्राम पंचायत कैथी का संपर्क जनपद से टूट गया है. इसके आसपास बसे गन्ना डेरा,करेना डेरा,कुटी डेरा, जुजुवा डेरा,श्रीराम डेरा का संपर्क एक दूसरे से टूट गया है. ग्राम प्रधान अरिमर्दन सिंह ने बताया कि कैथी सुमेरपुर मार्ग में मौहर के मध्य सड़क में पानी आ जाने से आवागमन ठप हो गया है.

वहीं, सरीला तहसील के एसडीएम खलिद अंजुम ने बताया कि कुपरा से कनेरा जाने वाली सड़क में बाढ़ का पानी भर जाने से नाव लगाई गई है. एसडीएम सरीला खालिद अंजुम और तहसीलदार सरीला श्यामनारायण शुक्ला ने नाव की व्यवस्था कर नाव में बैठकर बाढ़ का जायजा लिया है. उन्होंने बताया कि कनेरा में कैंप लगा कर रात में राजस्व विभाग की टीम रुकेगी. लोगों से हाल-चाल लेती रहेगी. इसके बाद भेड़ी और जलालपुर का भी जायजा लिया है. कनेरा कुपरा जाने के लिए नाव की व्यवस्था की गई है. मुन्ना नाविक नाव चलाने के लिए लगाया गया है. लेखपाल को भी तैनात किया गया है. कोटेदार को भी लगा दिया गया है. कहा गया कि किसी भी प्रकार कोई समस्या नहीं आनी चाहिए. प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं. मंगरौठ में रपटा के ऊपर से पानी चलने पर लोगों से अपील की गई है कि पानी निकल जाने पर आवागमन करें. अगर किसी को बहुत ही जरूरी या बीमारी हो तो तहसील में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है.कंट्रोल रूम प्रभारी हरिशंकर कानूनगो से संपर्क कर सकता है.

इस दौरान मौदहा बांध के अधिशाषी अभियंता करन पाल गंगवार ने बताया कि जनपद में यमुना-बेतवा की बाढ से कल तक 13 गांव प्रभावित थे, लेकिन बांधों से छोड़ गए पानी की वजह से अब 90 गांव बाढ़ से प्रभावित होंगे. इन्हें तीन अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है. इसके अलावा यमुना-बेतवा की बाढ़ से भोला का डेरा, केसरिया का डेरा, जरैली मड़इयां, रमेड़ी डांडा और डिग्गी में जलभराव हो रहा है. प्रशासन बाढ़ राहत कैंप बनाकर प्रभावितों को उसमें ठहराने में जुटा हुआ है. कैंपों में खाने-पीने के इंतजाम के साथ ही मवेशियों के चारा-भूसा का इंतजाम किया गया है.

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