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IIT कानपुर में बनाई गई कृत्रिम मांसपेशी, एक तिहाई दाम में बन सकेंगे सर्जिकल रोबोट - IIT Kanpur research

आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने कृत्रिम मांसपेशी-पेनेट मसल को तैयार किया है. इसका उपयोग सर्जिकल रोबोट बनाने में, आर्टिफिशियल हाथों को बनाने में, गगनयान में भेजे जाने वाले रोबोट तैयार करने में किया जा सकेगा.

IIT कानपुर
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Published : July 20, 2022 at 9:44 AM IST

कानपुर: शहर में आईआईटी की जो पहचान है. वह यहां के नवीन व आधुनिक शोध को लेकर है जो पूरी तरह से जन व समाज उपयोगी भी सिद्ध होते हैं. इसी दिशा में कवायद करते हुए अब आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने कृत्रिम मांसपेशी-पेनेट मसल को तैयार कर दिया है. जिसका उपयोग सर्जिकल रोबोट बनाने में, आर्टिफिशियल हाथों को बनाने में, गगनयान में भेजे जाने वाले रोबोट तैयार करने में किया जा सकेगा. टाइटेनियम व निकिल की मदद से तैयार इस कृत्रिम मांसपेशी की खूबी यह है कि इसका उपयोग करने पर जहां 40 से 50 फीसद तक बिजली बचेगी. वहीं, इसमें अन्य रोबोट की अपेक्षा केवल 20 फीसद पार्ट्स का उपयोग किया गया है.

महज 80 लाख की लागत में बन जाएगा सर्जिकल रोबोट
इस शोध को लेकर आईआईटी कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर (रोबोटिक्स) व सेंटर फार टेलीमेडिसिन एंड रोबोटिक्स के हेड प्रो. बिशाख भट्टाचार्य ने बताया कि अपोलो समेत अन्य नामचीन अस्पतालों में जिन सर्जिकल रोबोट का उपयोग किया जाता है. उनकी कीमत करीब ढाई करोड़ रुपये हैं, हालांकि, अगर पैनट मसल का उपयोग कर रोबोट बनाया जाए तो यह केवल 80 लाख रुपये की कीमत में बन सकेगा. वहीं, आमतौर में जो सर्जिकल रोबोट होते हैं. उनके वजन की अपेक्षा बेहद हल्का होगा. जो सर्जिकल रोबोट में मोटर लगती है. उस मोटर की लागत भी एक तिहाई ही रह जाएगी. बशर्ते, उसमें पैनट मसल का उपयोग किया जाए.

शरीर में 74 मूवमेंट के लिए जरूरत होगी है 150 मसल्स की
प्रो.बिशाख ने बताया कि मानव शरीर में कुल 74 मूवमेंट होते हैं. इनके लिए 150 प्रकार के मसल्स होते हैं. जिनकी सहायता से शरीर में सभी मूवमेंट संभव हैं. एक हाथ में ही 21 अलग-अलग तरह के मूवमेंट होते हैं. जैसे शरीर में मसल्स अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. ठीक वैसे ही पैनट मसल्स की मदद से हम किसी भी डिवाइस को आसानी से संचालित कर सकेंगे.

इसे भी पढे़ं- वायु प्रदूषण का खतरा चरम पर, कृत्रिम फेफड़ा दो दिन में हुआ ग्रे

कानपुर: शहर में आईआईटी की जो पहचान है. वह यहां के नवीन व आधुनिक शोध को लेकर है जो पूरी तरह से जन व समाज उपयोगी भी सिद्ध होते हैं. इसी दिशा में कवायद करते हुए अब आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने कृत्रिम मांसपेशी-पेनेट मसल को तैयार कर दिया है. जिसका उपयोग सर्जिकल रोबोट बनाने में, आर्टिफिशियल हाथों को बनाने में, गगनयान में भेजे जाने वाले रोबोट तैयार करने में किया जा सकेगा. टाइटेनियम व निकिल की मदद से तैयार इस कृत्रिम मांसपेशी की खूबी यह है कि इसका उपयोग करने पर जहां 40 से 50 फीसद तक बिजली बचेगी. वहीं, इसमें अन्य रोबोट की अपेक्षा केवल 20 फीसद पार्ट्स का उपयोग किया गया है.

महज 80 लाख की लागत में बन जाएगा सर्जिकल रोबोट
इस शोध को लेकर आईआईटी कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर (रोबोटिक्स) व सेंटर फार टेलीमेडिसिन एंड रोबोटिक्स के हेड प्रो. बिशाख भट्टाचार्य ने बताया कि अपोलो समेत अन्य नामचीन अस्पतालों में जिन सर्जिकल रोबोट का उपयोग किया जाता है. उनकी कीमत करीब ढाई करोड़ रुपये हैं, हालांकि, अगर पैनट मसल का उपयोग कर रोबोट बनाया जाए तो यह केवल 80 लाख रुपये की कीमत में बन सकेगा. वहीं, आमतौर में जो सर्जिकल रोबोट होते हैं. उनके वजन की अपेक्षा बेहद हल्का होगा. जो सर्जिकल रोबोट में मोटर लगती है. उस मोटर की लागत भी एक तिहाई ही रह जाएगी. बशर्ते, उसमें पैनट मसल का उपयोग किया जाए.

शरीर में 74 मूवमेंट के लिए जरूरत होगी है 150 मसल्स की
प्रो.बिशाख ने बताया कि मानव शरीर में कुल 74 मूवमेंट होते हैं. इनके लिए 150 प्रकार के मसल्स होते हैं. जिनकी सहायता से शरीर में सभी मूवमेंट संभव हैं. एक हाथ में ही 21 अलग-अलग तरह के मूवमेंट होते हैं. जैसे शरीर में मसल्स अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. ठीक वैसे ही पैनट मसल्स की मदद से हम किसी भी डिवाइस को आसानी से संचालित कर सकेंगे.

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