15 साल की किशोरी आंख से उगल रही पत्थर, डॉक्टरों ने बताया पागल

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Published : Sep 22, 2021, 6:23 PM IST

किशोरी की आंख से निकल रहे पत्थर.

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक किशोरी की आंख से पत्थर निकलने का मामला सामने आया है. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि मेडिकल साइंस में यह संभव नहीं है. सीतापुर में एक डॉक्टर ने तो किशोरी को पागल तक घोषित कर दिया और पागलपन की दवाई तक दे दी थी.

कन्नौज: गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के गढ़िया बलिदासपुर गांव में किशोरी की आंख से पत्थर निकालने का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. किशोरी की आंख से पत्थर निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. किशोरी के परिजन प्रतिदिन 10 से 15 पत्थर निकलने का दावा कर रहे हैं. परिजनों के मुताबिक 17 जुलाई से किशोरी की आंखों से पत्थर निकलने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसके बाद से यह लगातार जारी है. परिजनों ने बरेली, सीतापुर, कानपुर समेत अन्य जगह पर किशोरी की आंखों का इलाज कराया, लेकिन आंख से पत्थर निकालने के कारणों का पता नहीं चल सका. डॉक्टरों का कहना है कि मेडिकल साइंस में यह संभव नहीं है. सीतापुर में एक डॉक्टर ने तो किशोरी को पागल तक घोषित कर दिया और पागलपन की दवाई तक दे दी थी.

अब तक आंख से निकले करीब 70 से ज्यादा पत्थर

गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के गढ़िया बलिदासपुर गांव निवासी मुस्ताक दिल्ली में कपड़ा सिलाई कंपनी में हेल्पर का काम करके परिवार का भरण पोषण करते हैं. उनके 6 बच्चे और पत्नी रुखसाना गांव में ही रहती हैं. उनकी चौथे नंबर की 15 वर्षीय बेटी चांदनी ने 17 जुलाई को आंख से पत्थर निकलने का दावा किया. जिसके बाद परिजन चांदनी की बात सुनकर डर गए. जब लोगों के सामने किशोरी की बाई आंख से पत्थर निकला तो सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए. परिजनों ने दावा किया कि पहले दिन में दो या तीन बार ही आंख से पत्थर निकलते थे, लेकिन बीते कुछ दिनों से दिन में 10 से 15 बार तक पत्थर निकलते हैं. परिजनों के मुताबिक अब तक करीब 70 से ज्यादा पत्थर किशोरी की आंख से निकल चुके हैं. पत्थर निकलने के दौरान चांदनी की आंख लाल हो जाती है और आंसू निकलने लगते हैं. किसी व्यक्ति ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

किशोरी की आंख से निकल रहे पत्थर.
कई जगह कराया इलाज नहीं मिला आराम

चांदनी की मां रुखसाना ने बताया कि वह बेटी को लेकर बरेली, सीतापुर, कानपुर और रुहेलखंड तक डॉक्टर के पास लेकर गईं, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. आंख से पत्थर निकालने के कारणों का पता नहीं चल सका है. किशोरी की मां ने बताया कि बेटी की बात सुनकर डॉक्टर ने उसको पागल तक करार दे दिया है. सीतापुर में तो एक डॉक्टर ने उसको पागल घोषित कर पागलपन की दवा भी दे दी थी.

सुबह 6 बजे से शुरू हो जाता है पत्थर निकलने का सिलसिला

किशोरी ने बताया कि आंख से पत्थर निकलने का सिलसिला सुबह 6 बजे से शुरू हो जाता है और शाम तक चलता है. पत्थर धीरे-धीरे करके आंख से निकलते रहते हैं, लेकिन रात को आंख से पत्थर नहीं निकलते. परिजनों की माली हालत ठीक न होने की वजह से वह किशोरी का किसी अच्छे डॉक्टर के पास इलाज नहीं करा पा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक चांदनी कक्षा 8 में पढ़ती थी लेकिन इस समस्या के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी.

क्या बोले डॉक्टर

जिला अस्पताल में तैनात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अवधेश कुमार ने इस तरह की घटना को पूरी तरह से नकार दिया है. उनका कहना है कि मेडिकल साइंस में इस प्रकार का मामला संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि या तो लड़की आंख में पत्थर प्लांट कर रही है या फिर कोई उससे इस तरह की हरकत करवा रहा है.

नोट- ईटीवी भारत इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

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