डॉक्टरों की कमी के चलते बीमार जिला अस्पताल, ऐसे में कैसे मिले मरीजों को बेहतर इलाज!

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Published : Oct 14, 2021, 10:26 PM IST

कैसे मिले मरीजों को बेहतर इलाज?

कन्नौज में कोरोना महामारी के साथ-साथ डेंगू, वायरल फीवर, मलेरिया जैसे रोगों की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग की हालत खराब कर रही है. वहीं जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवायें बेहाल हैं. जिला अस्पताल खुद डॉक्टरों की कमी का दंश झेल रहा है.

कन्नौजः कोरोना महामारी के साथ-साथ डेंगू, वायरल फीवर, मलेरिया जैसे रोगों की दस्तक स्वास्थ्य विभाग की हालत खराब कर रही है. वहीं जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल हैं. डॉक्टरों की कमी के चलते जिला अस्पताल का खस्ताहाल है. ऐसे में पर्याप्त डॉक्टर न होने की वजह से मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है. जिला अस्पताल में 33 पदों के सापेक्ष केवल 17 डॉक्टर ही मौजूद हैं. जबकि 16 पद रिक्त पड़े हैं.

जिला अस्पताल कई सालों से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. पर्याप्त डॉक्टर न होने की वजह से गंभीर मरीजों को कानपुर या फिर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है.

डॉक्टरों की कमी के चलते बीमार जिला अस्पताल

दरअसल कन्नौज के लोगों को बेहतर इलाज मिल सके, इसके लिए जिला अस्पताल का निर्माण कराया गया था. लेकिन ये अस्पताल डॉक्टरों की कमी के चलते खस्ताहाल है. ऐसे में मरीजों को बेहतर इलाज कैसे मिल सकेगा. जिला अस्पताल में शासन से 33 डॉक्टरों के पदों की मंजूरी दी गई है. लेकिन वर्तमान समय में जिला अस्पताल में केवल 17 डॉक्टर काम कर रहे हैं. जबकि 16 कई सालों से रिक्त पड़े है. डॉक्टर न होने की वजह से गंभीर मरीजों को कानपुर, लखनऊ या अन्य जनपदों में इलाज कराने के लिए दौड़ लगानी पड़ती है. हद तो तब हो गई कि जो डॉक्टर जिला अस्पताल में कार्यरत हैं, वो भी समय से ड्यूटी पर नहीं आते हैं. जिससे मरीजों को घंटों केबिन के बाहर डॉक्टरों का इंतजार करना पड़ता है. जिला अस्पताल में सीएमएस बदले. लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी डॉक्टरों की कमी दूर नहीं हो सकी. जिला अस्पताल में डॉक्टरों कमी एक या दो साल से नहीं कई सालों से है.

जिला चिकित्सालय
जिला चिकित्सालय
जिला असस्पताल में डॉक्टरों के 33 पद स्वीकृत हैं. लेकिन वर्तमान समय में केवल 17 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं. अभी भी जिला अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षिका-1, वरिष्ठ फिजीशियन -1, फिजीशियन-1, रेडियोलॉजिस्ट-1, आर्थोपेडिक सर्जन-1, दंत सर्जन-1, बाल रोग विशेषज्ञ-2, कार्डियोलॉजिस्ट-1, आब्स्ट्रीशियन-2, ई.एम.ओ-2 और चिकित्सा महिला अधिकारी-3 पद खाली पड़े हैं. वहीं जिला अस्पताल में बने ट्रामा सेंटर में भी नौ पद मंजूर हैं. लेकिन आज तक ट्रामा सेंटर को भी डॉक्टर नहीं मिल सके हैं. ट्रामा सेंटर में दो सर्जन, दो आर्थो सर्जन, दो एनेस्थेटिस्ट व तीन ई.एम.ओ के पद खाली पड़े हैं.
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा अस्पताल
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा अस्पताल
जिला अस्पताल में मरीजों के लिए हृदय रोग विभाग बना हुआ है. दिल के मरीजों के लिए ईसीजी की भी सुविधा उपलब्ध है. बकायदा ईजीसी टेक्नीेशियन की तैनाती है. लेकिन करीब नौ साल से यहां पर हार्ट स्पेशलिस्ट की तैनाती नहीं की गई है. जानकार बताते हैं कि जिला अस्पताल में पहले दिल के डॉ. सुनील कत्याल की तैनाती थी. लेकिन 2013 में उनका ट्रांसफर दूसरे जनपद कर दिया गया. तब से लेकर आज तक जिला अस्पताल में किसी भी हार्ट स्पेशलिस्ट की तैनाती नहीं की गई है. ऐसे में इलाज कराने के लिए हार्ट के मरीजों को दूसरे शहरों के चक्कर लगाने पड़ते है.
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा अस्पताल
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा अस्पताल

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सीएमएस डॉक्टर शक्ति बसु ने बताया कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. 33 पदों के सापेक्ष में केवल 17 डॉक्टर काम कर रहे हैं. जिसमें तीन डॉक्टर अटैच हैं. सीएमओ से और डॉक्टरों की मांग की गई है. अभी दो संविदा चिकित्सकों की संसुति मिली है. उनको प्रशिक्षित कराकर काम लिया जा रहा है. बताया कि जिला अस्पताल में एक सर्जन, गाइनोकोलॉजिस्ट की जरूरत है. फीजिशियन और कार्डियोलॉजिस्ट का पद है. लेकिन कोई तैनाती नहीं है. उसके लिए शासन से मांग की जा रही है.

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