झांसी: जनपद में एक 10 साल की मासूम बच्ची से रेप करने के मामले में दोषी पुजारी सियाराम तिवारी को कोर्ट ने 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, जुर्माना न देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा काटने का भी आदेश दिया गया है. यह फैसला गुरुवार को पॉक्सो कोर्ट की अपर सत्र न्यायाधीश नीतू यादव ने सुनाया है. घटना के समय सियाराम तिवारी पारीछा के एक धार्मिक स्थल पर पुजारी था. पुजारी ने धार्मिक स्थल पर ही बच्ची के साथ दरिंदगी की थी.
बच्ची को आम देने के बहाने की थी दरिंदगी: विशेष लोक अभियोजक चंद्र प्रकाश शर्मा ने बताया कि पीड़िता के पिता ने बड़ागांव थाना में केस दर्ज कराया था. तहरीर दी थी कि 15 जून 2020 को उसकी 10 साल की बेटी परचून की दुकान पर पैसे देने गई थी. तभी बाबा सियाराम तिवारी आया और आम देने के बहाने बच्ची को धार्मिक स्थल पर बने कमरे में ले गया. वहां उसके साथ दरिदंगी की.
अन्य लड़कियों के आने पर बाबा ने बच्ची को छोड़ दिया. बच्ची घर पहुंची और अपनी मां को आपबीती बताई. तब परिजनों ने बाबा के खिलाफ तहरीर दी थी. पुलिस ने केस दर्ज कर बाबा(पुजारी) को गिरफ्तार किया और 23 जून 2020 को पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. कोर्ट में सुनवाई के बाद शुक्रवार को पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत आरोपी पुजारी को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है.
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