घूस लेने के लिए बाबू हुआ बेकाबू, एन्टी करप्शन टीम ने यूं किया काबू

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Published : Jul 27, 2021, 9:29 PM IST

घूस लेते बेसिक शिक्षा विभाग का बाबू गिरफ्तार

जालौन बेसिक शिक्षा विभाग (basic education department) के वित्त एवं लेखा अनुभाग में तैनात रिश्वतखोर लिपिक विनय कुमार (Bribery clerk Vinay Kumar) को झांसी एन्टी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ उरई कोतवाली में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

जालौन: जिले के बेसिक शिक्षा विभाग (basic education department) के वित्त एवं लेखा अनुभाग में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब सादे कपड़ों में झांसी से आई एन्टी करप्शन टीम (Anti Corruption Bureau) ने छापा मारकर रिश्वत लेते हुए एक बाबू को रंगे हाथों पकड़ लिया. पकड़ा गया वरिष्ठ बाबू बीएसए कार्यालय (BSA Office) के वित्त एवं लेखा विभाग में तैनात था, जिसकी शिकायत एक अध्यापक ने एरियल निकलवाने के नाम पर रिश्वत मांगने की थी. लिहाजा शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने बाबू को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ उरई कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

मामला उरई मुख्यालय के बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय का है. बताया गया है कि कुठौंद विकासखंड के ग्राम भदेख के उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात ओम जी राणा का दो माह का एरियल पेंडिंग पड़ा हुआ था, जिसको लेकर वह कई बार वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दे चुके थे, जिस पर वहां पर तैनात लिपिक विनय कुमार लगातार ओम जी को परेशान कर रहा था और एरियर करवाने के नाम पर उनसे रिश्वत की मांग की जा रही थी, लेकिन ओम जी ने लिपिक की मांग पूरी नहीं की, जिससे वो दो माह का वेतन नहीं निकल पाया था. लिहाजा, सहायक अध्यापक ने लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संस्थान झांसी इकाई में कर दी.

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एंटी करप्शन के निर्देशानुसार सहायक अध्यापक ने लिपिक विनय कुमार को रिश्वत का राशि देने की बात स्वीकार कर ली. पूर्व निर्धारित जगह पर जब सहायक अध्यापक ओम जी राणा ने लेखा एवं वित्त विभाग के लिपिक विनय कुमार को 10 हजार की रिश्वत दी. वैसे ही एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. लिपिक की गिरफ्तार से कार्यालय में हड़कंप मच गया. तत्काल एंटी करप्शन टीम लिपिक को कोतवाली ले आई. जहां आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक मामले में मुकदमा पंजीकृत किया गया. पीड़ित अध्यापक का कहना है कि उसके 2 माह का वेतन का भुगतान पेंडिंग पड़ा हुआ था. जिसको ट्रांसफर करने के लिए लिपिक ने 15 हजार रुपये बतौर रिश्वत की मांग की थी. एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक प्रेम कुमार ने बताया 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लिपिक को गिरफ्तार किया गया है. आगे की विधिक कार्रवाई जारी है.

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