गोरखपुर: राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेले में युवाओं ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

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Published : Dec 19, 2019, 11:02 AM IST

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यूपी के गोरखपुर में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला व खेल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. मेले में राम प्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की गई. मेले में गायन, नृत्य, कला और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

गोरखपुर: क्रांतिकारियों को समर्पित भारतीय संस्कृति, राष्ट्रभक्ति और देशभक्ति से ओतप्रोत 20 दिवसीय पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला व खेल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. 14 दिन मुख्य अतिथि एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर महेंद्र प्रताप सिंह उपस्थित रहे. गायन, नृत्य, कला और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला का आयोजन.


राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला का आयोजन

  • सिविल लाइन स्थित पार्क में आयोजित इस मेले में कई स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया.
  • मेले में राम प्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की गई.
  • चित्र प्रदर्शनी में वीर शहीदों के चित्र प्रदर्शित किए गए.
  • छोटे-छोटे बच्चे अमर शहीदों के चित्र को उकेर कर उसमें जान डालने की कोशिश की.

संस्थापक संयोजक और गुरु कृपा संस्थान के सचिव ब्रजेश राम त्रिपाठी ने बताया कि राम प्रसाद बिस्मिल बचपन से ही गुलामी को लेकर आजाद होने के लिए सोचते रहते थे. जब वह युवा हुए तो उन्होंने देश को आजाद कराने का संकल्प लिया. इस दौरान युवाओं और देशवासियों में आजादी की अलख जगाने के लिए उन्होंने साहित्य छपवाकर बंटवाने का भी कार्य किया. पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और उनके साथियों द्वारा किए गए काकोरी कांड के बाद अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी.


एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि इस मेले में उपस्थित हर बच्चे, बूढ़े के चेहरे और मन में राष्ट्रभक्ति की भाव दिखाई दे रही है. चित्र प्रदर्शनी में शहीदों के चित्र दिखाए गए. क्रांतिकारियों के इतिहास को जानना जरूरी है.

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चित्रकला प्रतियोगिता में बतौर प्रतिभागी वंदना यादव ने बताया कि ऐसे मेलों से देशभक्ति की भावना और जानकारी भी प्राप्त होती है. यहां वह चित्र प्रदर्शनी में भाग लेने आई हैं. शहीद पंकज त्रिपाठी के पिता ओम प्रकाश त्रिपाठी, शहीद संतोष पांडे के पिता सूबेदार देव शरण पांडे, शहीद विजय कुमार की पत्नी विजय लक्ष्मी मौर्य, शहीद साहब शुक्ला की पत्नी सुभाष शुक्ला भी मौजूद रही.

Intro:गोरखपुर। क्रांतिकारियों को समर्पित भारतीय संस्कृति राष्ट्रभक्ति व देशभक्ति से ओतप्रोत 20 दिवसीय अनूठे पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला व खेल महोत्सव के 14 दिन सिविल लाइन स्थित पार्क में मेले में बतौर मुख्य अतिथि एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर महेंद्र प्रताप सिंह ने अमर क्रांतिकारी शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। आज गायन, नृत्य, कला व रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

वही शहीद पंकज त्रिपाठी के पिता ओम प्रकाश त्रिपाठी, शहीद संतोष पांडे के पिता सूबेदार देव शरण पांडे, शहीद विजय कुमार की पत्नी विजयलक्ष्मी मौर्य, शहीद साहब शुक्ला की पत्नी सुभाष शुक्ला भी मौजूद रही।


Body:इस आयोजन में गोरखपुर बस्ती मंडल के विभिन्न जिलों के दर्जनों स्कूली छात्र छात्राओं ने विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। वही चित्र प्रदर्शनी में कुछ ऐसे शहीदों के चित्र प्रदर्शित किए गए जिसे देखकर वहां मौजूद लोग आश्चर्यचकित रह गए वर्तमान पीढ़ी इन नामों को जाने और भावी पीढ़ी को बताने का कार्य करें इसलिए ऐसे शहीदों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया था। छोटे-छोटे बच्चे अमर शहीदों के चित्र को अपने नन्हें हाथों से उकेर कर मानो उसमें जान डालने की कोशिश कर रहे हो।


Conclusion:संस्थापक संयोजक एवं गुरु कृपा संस्थान के सचिव ब्रजेश राम त्रिपाठी ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि आजादी के दीवाने रणबांकुरे के बारे में अध्ययन करने की जरूरत है। राम प्रसाद बिस्मिल बचपन से ही गुलामी को लेकर आजाद होने के लिए सोचते रहते थे। जब वह युवा हुए तो उन्होंने देश को आजाद कराने का संकल्प लिया। इस दौरान युवाओं और देशवासियों में आजादी की अलख जगाने के लिए उन्होंने साहित्य छपवा कर बंटवाने का भी कार्य किया। काकोरी कांड के नायकों में अग्रणी कहे जाने वाले पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और उनके साथियों द्वारा किए गए काकोरी कांड के बाद अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी। हमें क्रांतिकारियों के बताए हुए मार्ग पर चलने और उनके जीवन दर्शन को पढ़कर प्रेरणा लेने की जरूरत है।

बाइट - बृजेश राम त्रिपाठी संस्थापक संयोजक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला

वही कार्यक्रम बतौर मुख्य अतिथि पधारे एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि इस मेले का थीम जो दिखाई दे रहा है। बस सिर्फ कहने के लिए ही नहीं बल्कि यहां पर उपस्थित हर बच्चे, बूढ़े के चेहरे और मन के अंदर के भाव राष्ट्रभक्ति की दिखाई दे रही है। शहीदों के लगे हुए चित्र प्रदर्शनी को देखकर उन्होंने भूरी भूरी प्रशंसा की ही नहीं बल्कि इस बात का भी जिक्र किया की चित्र प्रदर्शनी में कुछ ऐसे शहीदों के भी चित्र दिखाई दे रहे हैं। इनका नाम कोई नहीं जानता वर्तमान पीढ़ी उन नामों को जाने और भावी पीढ़ी को बताने का कार्य करें। इसलिए कुछ ऐसी पुस्तक बननी चाहिए। जिसमें अज्ञात अमर शहीद क्रांतिकारियों के भी जीवन परिचय हो उन्होंने कहा कि बरसों के बाद आजादी मिली है। इस आजादी को हमें बनाएं और बचाए रखने के लिए क्रांतिकारियों के इतिहास को जानना जरूरी है। इतिहास में वर्तमान और वर्तमान से भविष्य का निर्माण होता है।

बाइट - अशोक कुमार वर्मा एसपी क्राइम

वही चित्रकला प्रतियोगिता में बतौर प्रतिभागी वंदना यादव ने बताया कि उसे यहां कर बहुत अच्छा लगा देश को शहीद कराने वाले अमर शहीदों के ऊपर व चित्र को उकेर रही है, ऐसे मेलों से देशभक्ति की भावना और जानकारी भी प्राप्त होती है।

बाइट - वन्दना यादव, प्रतिभागी



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
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