गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा में विकास योजनाओं को लेकर वर्तमान और पूर्व विधायक आमने-सामने

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Published : Sep 21, 2021, 7:16 PM IST

वर्तमान और पूर्व विधायक आमने-सामने

विधानसभा चुनाव 2022 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व और वर्तमान के विधायकों में अपनी-अपनी विकास योजनाओं को गिनाने और अपनी स्थिति को मजबूत दिखाने की होड़ सी मच गई है.

गोरखपुरः जिले के ग्रामीण विधानसभा सीट की इस बार सबसे ज्यादा चर्चा है. सभी नेता एक दूसरे को की कमियों को उजागर कर अपनी-अपनी उपलब्धियां दिखाने में लगे हुए हैं. गोरखपुर ग्रामीण सीट से वर्तमान में विपिन सिंह विधायक हैं. यह अपने कर्म और मेहनत से क्षेत्र में जहां अपनी पकड़ बनाने में मजबूती से आगे बढ़ रही है. सीएम योगी की विशेष कृपा से ये अपने क्षेत्र में ग्यारह सौ करोड़ रुपये की परियोजनाओं को पूर्ण कराने में सफल रहे हैं. वहीं इनके दावों को पिछले चुनाव में एसपी प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव सिरे से खारिज करते हैं.

वो कहते हैं कि एसपी सरकार की स्वीकृत योजनाओं को बीजेपी आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि अगर उनके दावे गलत निकल जाएं तो वह बीजेपी विधायक का प्रचार करेंगे. विजय बहादुर यादव सपा में आने से पहले दो अलग-अलग विधान सभा से बीजेपी के विधायक रहे हैं. योगी आदित्यनाथ के यह बेहद खास थे. लेकिन 2017 विधान सभा चुनाव से करीब दो वर्ष पहले कुछ मनमुटाव की वजह से इन्होंने बीजेपी छोड़ सपा का दामन थाम लिया था. यही वजह है कि उनके ग्रामीण विधान सभा में विकास को लेकर अपने अलग दावे हैं.

वर्तमान और पूर्व विधायक आमने-सामने

वह कहते हैं कि बीजेपी विधायक विपिन सिंह हों या सीएम योगी बाढ़ से 400 गांवों और शहर से डूबने से बचाने के लिए जिस तरकुलनी रेग्युलेटर को बनाना उपयोगी बता रहे हैं, उसको अखिलेश यादव ने उनकी पहल पर वर्ष 2016 में स्वीकृत किया था और 38 करोड़ का बजट भी दिया था. ये दुर्भाग्य है कि सरकार बदल गयी और इसको बनवाने की ढोल बीजेपी और विधायक पीट रहे हैं. जबकि इस रेग्युलर के निर्माण में भ्रष्टाचार के साथ तकनीकी खामियां भी खूब हुईं. जिससे बाढ़ के पानी को यह रेग्युलर पानी बाहर नहीं फेंक सका और हजारों एकड़ फसल डूब गई. उन्होंने कहा कि कोई भी इसकी जानकारी RTI से ले सकता है.

पूर्व विधायक ने कहा कि जब वह ग्रामीण विधान सभा से 2012 में विधायक हुए तो उन्होंने सूरजकुंड रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण 38 करोड़ की लागत से कराया. साढ़े छह करोड़ रुपये रेलवे को जमीन का भुगतान कराया. हरबर्ट बंधे का उच्चीकरण, सर्किट हाउस से एयरपोर्ट तक फोरलेन की सड़क उनके प्रयास और सपा सरकार की देन है. कालेसर से पैडलेगंज तक फोरलेन सड़क, ट्रांसपोर्ट नगर, चंदा घाट पुल की स्वीकृति, मलौनी बंधे को अपग्रेड किया. नौसढ़ बस अड्डा और दर्जनों ऐसी परियोजना है जो उन्होंने स्वीकृत कराया, बजट आवंटित हुआ, काम भी हुआ. जब चुनाव होगा और खुली बहस होगी तो हिसाब जनता खुद करेगी.

विजय बहादुर यादव, पूर्व विधायक
विजय बहादुर यादव, पूर्व विधायक
पूर्व विधायक के इन दावों को वर्तमान विधायक विपिन सिंह सिरे से खारिज करते हैं. वह कहते हैं कि मैं मीडिया के माध्यम से पूछना चाहता हूं कि साढ़े चार साल तक पूर्व विधायक कहां थे. अब चुनाव छह माह रह गया है तो क्यों दौड़ना शुरू किये. सभी परियोजनाओं को उन्होंने अपनी सरकार की देन बता रहे हैं. उन्होंने पूर्व विधायक को खुला चैलेंज किया. जब भी कोई बहस होती है तो वह खुद आ जाएं. जनता इस बाढ़ के दौर में देख रही है कौन उनकी मदद कर रहा है.

योगी सरकार ने जनता के लिए जो राहत सामग्री का पैकेट भेजा है उसे वह खुद बटवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ कहने को बचा नहीं है तो विपक्ष के लोगों की हालत खिसियानी बिल्ली का हो गया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विधान सभा में उन्होंने 11 सौ करोड़ से ज्यादा का काम कराया है. चिड़ियाघर पर अकेले 256 करोड़, पराग डेरी का उच्चीकरण पर 40 करोड़, कालेसर फोरलेन का निर्माण, सिविल सर्विसेज की तैयारी का सेंटर उनके विधान सभा में खुला, चंदा घाट पुल 35 करोड़ का, लहसडी बंधे का मरम्मत और पिचिंग पर 62 करोड़, सड़कों के जाल बिछाने पर 400 करोड़, रामगढ़ ताल के सौंदर्यीकरण पर 19 करोड़, बाघागाड़ा-जरलही मार्ग पर 21 करोड़, मोतीराम अड्डा से बरही चौड़ीकरण पर 38 करोड़ रुपये खर्च हुए.

विधायक विपिन सिंह
विधायक विपिन सिंह

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इन योजनाओं का जनता आज भरपूर लाभ उठा रही है और एक बार फिर योगी जी सरकार बनाने जा रहे हैं. विपक्ष के लोगों के आरोपों से उन पर फर्क इसलिए नहीं पड़ता क्योंकि उन्होंने काम किया है, जो नजीर है.

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