पुलिस की पिटाई से कानपुर के व्यापारी की गोरखपुर में हत्या प्रकरण की सुनवाई टली, 1 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

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Published : Aug 18, 2022, 10:46 PM IST

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गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी की पीटकर हत्या करने के मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आज सुनवाई टल गई. अब इस मामले की अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी.

गोरखपुर : दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में गोरखपुर में कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता (Businessman Manish Gupta) की पीटकर हत्या करने के मामले की सुनवाई टल गई. स्पेशल जज चंद्रशेखर(Special Judge Chandrashekhar) ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर आंशिक दलीलें सुनी. मामले की अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी. 22 अप्रैल को आरोपियों विजय यादव, राहुल दुबे और कमलेश सिंह यादव को आरोपों से बरी करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल किया था. सीबीआई ने इस मामले के एक गवाह आदर्श पांडेय की मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की प्रति कोर्ट को सौंपी थी. इसके अलावा सीबीआई ने स्थानीय पुलिस और एसआईटी की जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल किया.

चार अप्रैल को कोर्ट ने सीबीआई से अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल करने को कहा था. 14 मार्च को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अंबिका सिंह की कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामले पर सुनवाई करने के लिए इस मामले को सेशंस कोर्ट में भेजने का आदेश दिया था. इससे पहले 11 मार्च को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई द्वारा पेश आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था.

इस मामले में कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मियों थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह, दारोगा अक्षय कुमार मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, कमलेश सिंह यादव और प्रशांत कुमार को तिहाड़ शिफ्ट करने का निर्देश दिया था. इसके बाद 26 फरवरी को सभी आरोपी राउज एवेन्यू कोर्ट में वर्चुअल तौर पर पेश हुए थे. सुनवाई में मारे गए कारोबारी मनीष गुप्ता के परिजनों समेत मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम भी शामिल हुई थी.

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कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के एक होटल में आधी रात को घुसे पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से पीटकर हत्या कर दी थी. मनीष अपने कुछ दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने गए थे. वो गोरखपुर के रामगढ़ताल के एक होटल में ठहरे थे. आरोप है कि चेकिंग के नाम पर घुसी पुलिस ने विवाद के बाद मनीष को इतनी बुरी पीटा कि उनकी मौत हो गई. इस मामले में रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए थे.

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