गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे दिसंबर 2023 में हो जाएगा तैयार, लखनऊ जाने का मिलेगा तेज और वैकल्पिक मार्ग

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे दिसंबर 2023 में हो जाएगा तैयार, लखनऊ जाने का मिलेगा तेज और वैकल्पिक मार्ग
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे (Gorakhpur Link Expressway) को भाजपा सरकार लोकसभा चुनावा 2024 से पहले जनता को समर्पित करना चाहती है, जबकि इसका निर्धारित समय मार्च 2024 है. आईए जानते हैं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे कितना तैयार हो चुका है.
गोरखपुर: जाम से निजात और समय से लखनऊ समेत अन्य स्थान पर पहुंचने की ललक रखने वाले पूर्वांचल के लोगों को अब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर अपने वाहन को गति देने के लिए अधिकतम एक माह का इंतजार करना होगा. इस एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों को गति देने के लिए सभी जरूरी उपाय, निर्माण से संबंधित पूरे कर लिए गए हैं, जो शेष हैं उस पर भी काम और परीक्षण अपने अंतिम दौर पर है.
गोरखपुर के मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने इस कार्य में तेजी लाने के लिए संबंधित अधिकारियों, कार्यदाई संस्था को निर्देशित किया है. हर हाल में दिसंबर में काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं. लिंक एक्सप्रेस-वे को पूरा करने करने का लक्ष्य हालांकि मार्च 2024 तय है लेकिन, माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए इसे समय से पहले, जनता को भाजपा सरकार समर्पित करना चाह रही है. इसलिए कार्य में तेजी लाई जा रही है.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे करीब 92 किलोमीटर लंबा है, जो गोरखपुर से निकलकर आजमगढ़ में मिलेगा और अंबेडकरनगर सुलतानपुर होते हुए लखनऊ को कनेक्ट करेगा. इस पर कुल पांच हजार आठ सौ करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च होगी. यूपी एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी (यूपीडा) के मुताबिक अब तक इस पर करीब 90% कार्य पूर्ण हो चुका है.
वर्षा की वजह से मिट्टी कार्य भराई में देरी हुई नहीं तो इस कार्य की गति और अच्छी होती. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से इस लिंक एक्सप्रेस-वे के कनेक्ट होने से लखनऊ की यात्रा लोगों की आसान होगी. हालांकि, इस रास्ते करीब 30 किलोमीटर से अधिक की दूरी यात्री तय करेंगे. लेकिन, उनका समय कम लगेगा. करीब साढ़े तीन घंटे में वह लखनऊ पहुंच जाएंगे.
दिसंबर में शुरू होने जा रहा इसका संचालन फिलहाल अनौपचारिक होगा. इसका वास्तविक उद्घाटन जनवरी 2024 में प्रस्तावित करके प्रशासन चल रहा है. जिस दौरान भव्य सभा और आयोजन होगी. इसमें लोगों को कुछ स्थानों पर ही डायवर्जन का सामना करना पड़ेगा. सुरक्षा के सभी मानकों पर इसलिए पूरा ध्यान दिया जा रहा है. गोरखपुर के जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर के पास, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से यह लिंक एक्सप्रेस-वे मिलेगा, जिसमें कुल पांच टोल प्लाजा पड़ेंगे. इसमें नौसढ़ से सीधे लिंक एक्सप्रेस-वे पर आने वालों को सिर्फ एक जगह भगवानपुर में, जीरो बाईपास के पास टोल जमा करना पड़ेगा.
बाकी के चार टोल प्लाजा स्थानीय क्षेत्र को छोड़ने वाले सर्विस लेन पर बने हैं, जहां सिर्फ उस क्षेत्र से लिंक एक्सप्रेस-वे पर आने वालों लोगों को ही टाल जमा करना पड़ेगा. इसमें दूसरा टोल प्लाजा सराय तिवारीपुर के पास है, जहां से कौड़ीराम, बांसगांव आदि क्षेत्र के लिए रास्ता जाता है. इसी तरह तीसरा टोल प्लाजा हरनहीं के पास है, जहां से खजनी आदि क्षेत्र के लोग इससे कनेक्ट होंगे, तो शहर की ओर से सीधे जाने वालों को इन चारों टोल प्लाजा पर टोल नहीं देना होगा.
अभी गोरखपुर से लखनऊ जाने में करीब 5 घंटे का समय लगता है जो इस वैकल्पिक मार्ग के बन जाने से काम हो जाएगा. इस मार्ग पर अवरोध कम मिलेंगे. गोरखपुर से बस्ती, अयोध्या होते हुए लखनऊ की दूरी 279 किलोमीटर है, जबकि लिंक एक्सप्रेस-वे से यह दूरी 311 किलोमीटर की पड़ेगी. गोरखपुर और आजमगढ़ के बीच भी आवाजाही आसान हो सकेगी. इससे व्यापारियों को भी बहुत फायदा होगा.
घाघरा नदी पर करीब डेढ़ किलोमीटर का ब्रिज निर्माण पूरा हो गया है. इस पर रेलिंग आदि के लगाए जाने का कार्य तेजी से चल रहा है. एक्सप्रेस-वे पर करीब 342 स्ट्रक्चर हैं, जिसमें 335 बनकर तैयार हो चुके हैं. कमिश्नर अनिल ढींगरा ने इस मार्ग का निरीक्षण करने के बाद कहा है कि कुछ ही स्थान पर काम बाकी रह गया है. जनवरी से पहले दिसंबर में ही इस पर हर हाल में वाहनों को संचालित कर दिया जाएगा. निर्माण की नियमित निगरानी और समीक्षा चल रही है.
