gorakhpur news: चंद्रशेखर आजाद बोले, वर्ण व्यवस्था के लिए पंडितों को जिम्मेदार ठहराने वाले मोहन भागवत कहीं खुद को शूद्र न कहने लगें

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Published : Feb 6, 2023, 3:21 PM IST

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वर्ण व्यवस्था के लिए पंडितों को जिम्मेदार ठहराने वाले मोहन भागवत के बयान को लेकर आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर ने निशाना साधा है. उन्होंने क्या कुछ कहा है चलिए जानते हैं.

गोरखपुर: आजाद समाज पार्टी(कांशीराम)के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने कहा है कि वर्ण और जाति व्यवस्था के लिए पंडितों को जिम्मेदार ठहराने वाले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ऐसा क्यों कहा है यह निश्चित ही आज से बड़ा सवाल बन गया है. उन्होंने कहा कि देश में जिस प्रकार मौजूदा समय में रामचरितमानस और अन्य मुद्दों को लेकर माहौल बन पड़ा है, उसमें मुझे लगता है कि ऐसे बयान देने वाले भागवत भी, कहीं खुद को "शूद्र" न कहना शुरू कर दें. चंद्रशेखर सोमवार को गोरखपुर पहुंचे थे और प्रेस क्लब में मीडिया से मुखातिब थे.

यह बोले चंद्रशेखर आजाद.

इस दौरान जब उनसे सवाल हुआ कि आखिरकार मोहन भागवत ने जाति व्यवस्था के लिए पंडितों को क्यों कठघरे में खड़ा किया है और भगवान को क्लीन चिट दी है, इसके पीछे उनका नजरिया क्या हो सकता है तो चंद्रशेखर ने कहा संघ प्रमुख ने अपनी जिम्मेदारी शायद किसी और के ऊपर छोड़ने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि सत्ता में उनके दल की सरकार रही है तो फिर ऐसी व्यवस्था को बदलवाने का प्रयास उन्होंने क्यों नहीं किया. आखिर उन्हें यह बात इस समय कहने की क्या जरूरत थी.

उन्होंने कहा कि इसका मतलब जिन लोगों ने जातियां बनाई उन्होंने अपने आप को ऊपर रखा और बाकी लोगों को नीचे नीचे रखा. इस तरह के अपमान की शुरुआत जहां से हुई उसका खात्मा होना चाहिए. इंसान, इंसान होता है. चंद्रशेखर ने कहा कि मोहन भागवत और बीजेपी एक ही हैं. यह दोनों किसके लिए वोट बटोरना चाहते हैं, यह सभी को मालूम है. उन्होंने कहा कि दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों की जो तरक्की हुई है वह संविधान में मिले हुए अधिकारों से हुई है. मौजूदा दौर में यह लोग अपने आप को आगे ले जाना चाहते हैं जिनके हक की लड़ाई उनकी पार्टी सड़क से लेकर सदन तक लड़ रही है.

चंद्रशेखर ने कहा कि मोहन भागवत को एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकने से अच्छा था कि, वह यह कहते कि इस देश से वह जाति व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं कहा और पंडितो पर ही सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि देश में 95% संसाधनों पर 10% लोगों का कब्जा है. इनकी पोल खोलने से सरकार डरी हुई है इसलिए इधर-उधर के बयान बड़े नेताओं के द्वारा देखने को मिल रहे हैं. रामचरितमानस की चौपाई पर चर्चा से अच्छा है बेरोजगारी और महंगाई को खत्म करने पर चर्चा हो. रामचरितमानस की चौपाई में जिस शब्द को लेकर लोगों की आपत्ति है उस शब्द को भी दूर करने पर विचार किया जाना चाहिए.

चंद्रशेखर ने इस दौरान उत्तर प्रदेश में पीछे छूट गई अति पिछड़ी जातियों को ओबीसी के लिए निर्धारित 27% आरक्षण के अलावा अतिरिक्त 15% आरक्षण देने की सरकार से मांग की. उन्होंने केंद्र प्रदेश की बीजेपी सरकार पर सरकारी नौकरियों को खत्म करने का आरोप लगाया और कहा कि जो नौकरियां बहाल भी की जा रही हैं उसमें आरक्षण का अनुपालन ठीक ढंग से नहीं हो रहा है. विश्वविद्यालयों में एनएफएस(not found suitable) के जरिए एससी, एसटी और ओबीसी को बाहर किया जा रहा है. आजादी के 7 दशक बाद भी गरीबी और बदहाली के कारण ओबीसी और एससी जातियों के बच्चे शिक्षा तक नहीं पहुंच सके हैं. यही कारण है कि उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ न के बराबर मिल रहा है. शेखर ने कहा कि आने वाले 13 फरवरी को दलित और ओबीसी के हित से जुड़े हुए विभिन्न मांगों को लेकर, प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन दिया जाएगा. अगर सरकार उनकी मांगों को समय से नहीं मांनती है तो विधानसभा का भी घेराव उनका दल करेगा.

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