Business of usurers: गोरखपुर में फैला सूदखोरों का कारोबार, आत्महत्या को मजबूर हो रहे पीड़ित

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Published : Feb 8, 2023, 2:30 PM IST

सूदखोरों का कारोबार

गोरखपुर में सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या के मामले बढ़ते ही जा रहे है. पीड़ितों के शिकायत करने पर पुलिस द्वारा सख्त रवैया न अपनाने का आरोप भी लग रहा है.

गोरखपुरः जिले में शहर से लेकर गांव तक सूदखोरों का जाल फैलता जा रहा है. जिसमें फंसकर एक तरफ लोगों की जिंदगियां तबाह हो रही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लोग आत्महत्या करने पर भी मजबूर हैं. बीते महीनों में ऐसे कई हादसे सामने आए हैं. जिसमें सूदखोरों से परेशान होकर लोगों ने जहां अपनी जान दे दी. इनमें कुछ घटनाएं ऐसी थी, जिसमें पूरा परिवार आत्महत्या करने को मजबूर हो गया. पति- पत्नी बेटी बेटे सभी की जान एक साथ चली गई. ऐसी घटनाए सामने आने के बाद भी पुलिस अनजान बनी रहती है. न तो सूदखोरों की तलाश की जा रही है और न ही कोई कार्रवाई.

4 फरवरी 2023 को ऐसी ही एक घटना में परिवार के 4 लोगों की मौत ने एक बार फिर सूदखोरी जैसे मामले को गर्म कर दिया है. जिले में दर्जनों घटनाएं ऐसी हैं. जिसमें मृतकों की पूर्व की शिकायतों को पुलिस द्वारा गंभीरता से लेने पर उनकी जान बच सकती थी. सीएम योगी के जनता दरबार में भी ऐसी बातें पहुंचती रही हैं. सीएम के स्तर से जांच कार्रवाई का निर्देश भी होते है. फिर भी घटनाओं का क्रम लगातार जारी है.

गोला थाना क्षेत्रः दरअसल गोला थाना क्षेत्र के देवकली गांव में 4 फरवरी को इंद्र कुमार मौर्या ने सूदखोरों से परेशान होकर अपनी पत्नी और दो बच्चों समेत खुद को मौत के घाट उतार दिया. इसी तरह 2019 में देवकली गांव के ही संत कुमार मौर्य ने सूदखोरों से तंग आकर सीएम योगी के जनता दर्शन में शिकायत की थी. जिसपर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने आत्महत्या का प्रयास किया था. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था. लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और आखिरकार वह गांव छोड़कर चला गया. लेकिन कहां किसी को कुछ नहीं पता. 4 फरवरी को उसी के भाई इंद्र कुमार मौर्या ने परिवार सहित जान दे दिया.

गोला थाना क्षेत्र का देवकली गांव सूदखोरी के बड़े जाल में है. यहां पर 6 फरवरी 2018 को ऋतुराज शर्मा ने भी सूदखोरों से तंग आकर पहले अपनी दो बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली. उसका परिवार के अन्य सदस्यों ने गांव छोड़ दिया. फिर भी परिवार के लोग कभी-कभी सूदखोरों द्वारा परेशान किए जाते हैं.

चिलुआताल थाना क्षेत्रः 18 अप्रैल 2022 को चिलुआताल थाना क्षेत्र में सैलून चलाने वाले राजेश ने सूदखोर से तंग आकर जहरीला पदार्थ खा लिया और उसकी मौत हो गई. उसकी पत्नी ने थाने मुकदमा भी दर्ज कराया. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी तरह 9 दिसंबर 2022 को पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धूषण में कर्ज में डूबे पुरोहित ने पत्नी के साथ खुदकुशी कर ली थी. पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट भी मिला था. 15 नवंबर 2022 शाहपुर थाना क्षेत्र के गीता वाटिका में सिलाई का काम करने वाले व्यक्ति ने दो पुत्रियों के साथ खुदकुशी कर ली. पुलिस को यहां भी कमरे से सुसाइड नोट मिला.

गोरखनाथ थाना क्षेत्रः 14 नवंबर 2022 को गोरखनाथ थाना क्षेत्र के जनप्रिय विहार कॉलोनी निवासी सरोज देवी ने बेटे मनीष राव के साथ जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली थी. 4 फरवरी 2019 को राजघाट थाना क्षेत्र निवासी व्यापारी ने पत्नी, दो बेटी और छोटे बेटे को खाने में जहर दे दिया और फिर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दिया. यह सभी घटनाएं सुसाइड नोट और छानबीन में सूदखोरी से परेशान होने की वजह से घटित हुई थीं.

पुलिस का बयानः जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर का कहना है कि बिना लाइसेंस के ब्याज का धंधा कौन कर रहा है. पुलिस इसकी जानकारी जुटा रही है. जिले के सभी चौकी प्रभारी, हल्का दरोगा और बीट पुलिस को इस संबंध में जानकारी जुटाने के निर्देश दिए गए हैं. फिलहाल वर्तमान में सूदखोरों की जानकारी पुलिस के पास नहीं है. वहीं, जिले के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह ने कहा है कि जिन्हें भी सूदखोर परेशान कर रहे हैं या जिनके पास ऐसे लोगों की जानकारी है. वह उन तक शिकायत पहुंचाएं, कार्रवाई जरूर होगी.

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