छोटा सा ट्रैक्टर बनाने का बड़ा कारनामा, 16 साल के बच्चे ने सबको चौंकाया

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Published : Dec 28, 2020, 10:38 AM IST

किशोर ने बनाया छोटा सा ट्रैक्टर

उत्तर प्रदेश के जिला गोरखपुर के एक किशोर ने कमाल कर दिया. महज 16 साल की उम्र में एक छोटा सा ट्रैक्टर बनाया, जिसे भारत का सबसे छोटा ट्रैक्टर होने का दावा किया जा रहा है.

गोरखपुरः शहर के एक होनहार किशोर ने ऐसा कमाल किया कि जिसने भी सुना वह चौंक गया. किशोर ने एक छोटा सा ट्रैक्टर बना डाला. इस ट्रैक्टर को भारत का सबसे छोटा ट्रैक्टर बताया जा रहा है. मात्र 16 साल की उम्र में इसने सबसे छोटा ट्रैक्टर बनाकर, दिल्ली में आयोजित हुए 'इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2020' में नवभारत निर्माण सेक्शन में देश पहला स्थान हासिल किया है. यह प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित थी. इसमें तमाम युवा वैज्ञानिक अपने प्रोजेक्ट को लेकर ऑनलाइन शामिल हुए थे. इस फेस्टिवल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व समापन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने किया था. इन सभी हस्तियों ने राहुल सिंह नाम के इस किशोर वैज्ञानिक की खोज को सराहा है. राहुल को 26 जनवरी को सम्मानित करने दिल्ली बुलाया जा सकता है.

किशोर ने बनाया छोटा सा ट्रैक्टर

ट्रैक्टर की डिमांड हो गई शुरू
राहुल सिंह महाराजगंज जिले के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. यह आठवीं कक्षा से ही विभिन्न तरह के प्रयोग करने लगे. कबाड़ के जुगाड़ से पंखे का इजाद, धान और गेहूं की कटाई करने वाली मशीन, बैटरी चालित साइकिल और कोरोना पीरियड में ऑटोमेटिक सैनिटाइजेशन मशीन इनके सफल प्रयोग का हिस्सा हैं. यह सब तैयार करके राहुल कई बार स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत होने का गौरव हासिल कर चुके हैं. इनकी प्रतिभा को देखते हुए मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के इनोवेशन सेंटर में रहते शोध करने और पढ़ाई जारी रखने की व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से की गई है. इस बार उनके सबसे छोटे ट्रैक्टर के प्रयोग ने सभी को अचंभित कर दिया है. इसकी पूरी तकनीक राहुल ने खुद विकसित की है. यह पेट्रोल-डीजल से नहीं बल्कि बैटरी से चलता है. राहुल का कहना है कि छोटे खेत से लेकर क्यारी की जुताई करने में यह ट्रैक्टर काफी सफल होगा. इसकी खरीद करने में छोटे किसान सहज होंगे क्योंकि इसकी कीमत लगभग 1.50 लाख होगी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल को उसने अवसर में लेते हुए ढाई से 3 महीने में इस ट्रैक्टर को बना लिया. आज वह देश स्तर पर प्रथम पुरस्कार पाकर बेहद खुश हैं. राहुल मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय के डिजाइन एंड इनोवेशन सेंटर में नए प्रयोगों को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय की मदद से अपने शोध में जुटे हैं. वह गोरखपुर के ही एबीसी पब्लिक स्कूल में इंटरमीडिएट के छात्र हैं. इनके प्रबंधक हेमन्त मिश्रा इन्हें मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं. राहुल के पिछले प्रयोगों को आधार बनाते हुए ही उत्तर प्रदेश सरकार ने उसके नए प्रयोग में आने वाले खर्च का बजट अप्रूव किया था.

किशोर ने बनाया छोटा सा ट्रैक्टर
किशोर ने बनाया छोटा सा ट्रैक्टर
MMMTU कर रही मददमदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय (MMMTU) के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय भी अपने इस शोधार्थी से बेहद प्रसन्न हैं. वह कहते हैं कि राहुल के बनाए गए ट्रैक्टर की डिमांड अभी से ही शुरू हो गई है. इनका शोध सफल है लेकिन कुछ तकनीकी कमियों को दूर करने के साथ यह पूरी तरह से उपयोग में लाने लायक बहुत जल्द हो जाएगा. कुलपति ने कहा कि राहुल को हर प्रकार की मदद उपलब्ध कराई जा रही है. राहुल कहते हैं कि अगर कोरोना का असर नहीं बढ़ा तो 26 जनवरी को उसे दिल्ली बुलाकर सम्मानित किया जाएगा, वरना उनका पुरस्कार घर पर ही भेज दिया जाएगा. वह बेहद उत्साहित हैं और दिल्ली तक की यात्रा अपने इसी ट्रैक्टर से करने की बात करते हैं.
छोटा सा ट्रैक्टर, smallest tractor
छोटा सा ट्रैक्टर, smallest tractor
राहुल के प्रोजेक्ट को 15 मिनट तक देखते रहे वैज्ञानिकइंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2020 में देशभर से हिस्सा लेने वाले छात्रों को अपने प्रोजेक्ट को दिखाने के लिए 5 मिनट का समय मिला था लेकिन राहुल ने जब अपना प्रोजेक्ट पेश किया तो करीब 15 मिनट तक जजेज उसके इस शोध को देखते ही रहे. राहुल के अनुसार इस ट्रैक्टर का वजन 1 कुंतल 71 किलोग्राम है. यह 3 घंटे में 1 एकड़ खेत जोत सकता है. इसकी स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह बड़े फर्राटे से सड़क पर भी रफ्तार भरता है. उन्होंने बताया कि इसमें जो बैटरी लगी है वह 48 बोल्ट और 100 एंपियर की है. इसमें अल्टरनेटर और डायनेमो भी लगा है, जो बैटरी को चार्ज करने में मदद करती है.राहुल की अन्य बड़ी उपलब्धियांवर्ष 2018 में चार्ज बैटरी से चलने वाली साइकिल बनाने पर भी राहुल को देश में पहला स्थान मिला था. साल 2019 में बनाई आटा गूंथने वाली ऑटोमेटिक मशीन और मिनी ऑटोमेटिक चेयर को भी पहला स्थान प्राप्त हो चुका है. अब ट्रैक्टर बनाकर कमाल ही कर दिया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मानित होने के बाद अब राहुल की इच्छा पीएम मोदी के हाथों सम्मान पाने की है. जिसके लिए वह अपने ट्रैक्टर से ही दिल्ली जाने का मन बनाया है.
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