Encounter of Criminal Sahab Singh : साहब सिंह के एनकाउंटर से पीड़ित परिजनों में खुशी, 22 साल बाद मिला न्याय

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Published : Feb 21, 2023, 1:46 PM IST

पीड़ित परिजन बदमाश साहब सिंह के एनकाउंटर से खुश

बदमाश साहब सिंह के एनकाउंटर में मारे जाने पर पीड़ित परिजनों ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास था कि एक दिन न्याय जरूर मिलेगा. बदमाश साहब सिंह ने पीड़ित परिवार के छह लोगों की डकैती के दौरान हत्या कर दी थी.

पीड़ित परिजन बदमाश साहब सिंह के एनकाउंटर से खुश

गोंडा: जिले में 22 साल पहले नगर कोतवाली क्षेत्र के मेवातियान मोहल्ले के एक घर में डकैती और 6 लोगों की हत्या करने वाले शातिर बदमाश साहब सिंह को यूपी एसटीएफ ने बुलंदशहर में रविवार को एनकाउंटर में मार गिराया था. यह खबर सुनकर पीड़ित परिजनों को खुशी हुई. उन्होंने कहा कि अब न्याय मिला है.

नगर कोतवाली क्षेत्र के मेवातियान मोहल्ले में 17 अगस्त 2001 की रात को सशस्त्र डकैतों ने रेलवे कॉन्ट्रैक्टर तारीख सिद्दीकी के घर डकैती डाली थी. इस डकैती में बदमाशों ने उनके पिता सहित छह लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. मृतकों में दो मासूम बच्चे भी शामिल थे. वहीं, 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पुलिस ने इस शातिर हत्यारे पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. सोमवार को हत्यारे के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर जब पीड़ित परिजनों को मिली तो उनके चेहरे पर संतोष नजर आया. वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश लाखों रुपये की नकदी और जेवर लूट ले गए थे. पीड़ित की तरफ से 10 अज्ञात बदमाशों के खिलाफ नगर कोतवाली में डकैती और हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.

मामले में तत्कालीन कोतवाल हीरा सिंह ने विवेचना कर फिरोजाबाद के रहने वाले शातिर बदमाश साहब सिंह सहित 10 बदमाशों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. पुलिस ने साहब सिंह पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. सोमवार को बुलंदशहर जिले में यूपी एसटीएफ की टीम ने एक एनकाउंटर में बदमाश साहब सिंह को मार गिराया. शातिर हत्यारे के मारे जाने की खबर सोमवार को जब तारीख के परिजनों को मिली तो उनके परिजनों की निर्मम हत्या की वारदात एक बार फिर से ताजा हो गई.

शातिर बदमाश साहिब सिंह के मारे जाने की खबर पर वह दर्दनाक दृश्य एक बार फिर से तारीख के परिजनों की आंखों के सामने घूम गया. तारीख सिद्दीकी के बेटे तारिक ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि ईश्वर एक दिन न्याय जरूर करेगा और आज न्याय मिला है. उन्हें इस बात की खुशी है. वहीं, इस खौफनाक वारदात में घायल हुई मो. रिफा का कहना है कि वारदात के वक्त वह महज 4 साल की थी, जब हत्यारों ने उसे मरणासन्न कर छोड़ दिया था. लेकिन, जिंदा बच गई. अपने मां-बाप और छोटे भाई को खो चुकी रिफा ने कहा कि आज जब उसके परिवार का हत्यारा साहब सिंह मारा गया है तो उसे खुशी मिली है.

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