डेंगू से हाल-बेहाल: सरकारी अस्पतालों में लटक रहे ताले, जा रही जान

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Published : Sep 23, 2021, 8:35 PM IST

फिरोजाबाद में स्वास्थ्य केंद्रों पर लटक रहा ताला

फिरोजाबाद में वायरल फीवर से 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा कई लोग डेंगू की भी चपेट में हैं. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग यह दावा कर रहा है कि मरीजों को उचित इलाज दिया जा रहा है लेकिन, हकीकत यह है कि ग्रामीण इलाकों में कई स्वास्थ्य केंद्र तो ऐसे हैं जो डॉक्टरों के अभाव में बंद पड़े हैं. ऐसे में मरीजों को दूर सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भटकना पड़ता है.

फिरोजाबाद: जिले में फैली डेंगू महामारी और वायरल फीवर के बीच सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्था मरीजों के दर्द को और अधिक बढ़ा रही है. हालात यह हैं कि अस्पतालों से डॉक्टर नदारद रहते हैं, जिसकी वजह से मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता है. पीड़ित मरीजों को या तो झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है या फिर काफी दूर सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भटकना पड़ता है. ईटीवी भारत की टीम ने प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र कपावली गांव जाकर देखा तो हालत कुछ ऐसी ही थी. ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर लंबे समय से डॉक्टर नहीं आते हैं, जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.

फिरोजाबाद जिले में डेंगू महामारी का रूप ले चुका है, साथ ही इन दिनों वायरल फीवर भी चल रहा है. इस फीवर की चपेट में आकर करीब 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग भी 60 मौतों की पुष्टि कर चुका है, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं. इससे पूरे जिले में हाहाकार मचा हुआ है. अकेले फिरोजाबाद शहर में 70 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जबकि 30 से ज्यादा मौतें जिले के ग्रामीण इलाकों में हुई हैं. बता दें कि डेंगू का पहला मामला 18 अगस्त को सामने आया था, उसके बाद यह मामले लगातार बढ़ते गए. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने भी शुरू से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. इसका परिणाम यह हुआ कि धीरे-धीरे महामारी पूरे शहर में फैल गई, हालांकि इसकी शुरुआत तो ग्रामीण इलाकों से हुई थी. लेकिन इसने शहर के कई इलाकों को अपनी जद में ले लिया और देखते ही देखते मरीज काल के गाल में समाने लगे.

फिरोजाबाद में स्वास्थ्य केंद्रों पर लटक रहा ताला

मामले की गूंज लखनऊ तक पहुंची तो 30 अगस्त को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिरोजाबाद आए थे, जहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों का हालचाल जाना था. सुदामा नगर नामक एक मोहल्ले में जाकर उन्होंने यह देखा था कि यहां साफ-सफाई के क्या इंतजाम हैं और डेंगू आखिर क्यों फैल रहा है. इसके बाद कई टीमें भी फिरोजाबाद आई लेकिन, डेंगू महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है. इधर स्वास्थ्य विभाग यह दावा तो कर रहा है कि इलाज में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है. मेडिकल कॉलेज में सभी मरीजों को इलाज दिया जा रहा है, इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं वहां पर भी मरीजों को भर्ती घर उनका बेहतर इलाज किया जा रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत दावों के ठीक विपरीत है.

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जिले के ग्रामीण इलाकों में कई स्वास्थ्य केंद्र तो ऐसे हैं जो डॉक्टरों के अभाव में बंद पड़े हैं. ऐसा ही हाल प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र गांव कपावली का है जो बंद पड़ा है. जिसमें लंबे समय से कोई डॉक्टर नहीं आया, जबकि इस प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र के पास जो गांव हैं, जिनमें नगला अमान और कपावली डेंगू महामारी की चपेट में हैं. इन दोनों ही गांव में सैकड़ों लोग वायरल फीवर की भी चपेट में है और दोनों गांव में 15 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह स्वास्थ्य केंद्र एक्टिव हो जाए तो बीमार मरीजों को गांव में ही स्वास्थ्य सुविधा मिल सकती है.

इस संबंध में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करने की कोशिश की गयी तो उनका कहना था कि उप स्वास्थ्य केंद्र एएनएम के अधीन होते है लेकिन, फिरोजाबाद में टीकाकरण आदि होने की वजह से हो सकता है कि कोई केंद्र बंद हो. वैसे हमारे हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर मौजूद रहते हैं.

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