ऊंचे दाम पर बीज खरीदने को मजबूर मिर्च उत्पादक, कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय

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Published : Jun 23, 2022, 12:46 PM IST

etv bharat

फिरोजाबाद के मिर्च उत्पादक (Chilli growers) बीज की किल्लत से जूझ रहे हैं. इस पर जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि किसान सिर्फ एक खास किस्म का ही बीज खरीदते हैं, इसलिए बीज की कमी आई है.

फिरोजाबाद: जनपद में किसानों को मिर्च के बीज के लिए भटकना पड़ रहा है. जिले में मिर्च उत्पादकों (Chilli growers) को बीज तक नहीं मिल पा रहा है. किसान बीज को ऊंचे दामों में ब्लैक मार्केट से खरीदने के लिए मजबूर हैं. इसकी शिकायत किसानों ने उच्च अधिकारियों से भी की.

जिला कृषि अधिकारी रविकांत से खास बातचीत

जिले में मिर्च के बीज की किल्लत से किसान परेशान हो रहे हैं. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर किसान एक खास किस्म का ही बीज खरीदना चाहते है. इसी वजह से बीज की कमी हो गई है. इसका सीधा उपाय यही है कि, किसानों को अन्य किस्म का बीज भी खरीदना चाहिए. बता दें, कि फिरोजाबाद जनपद के नारखी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मिर्च की खेती होती है. यहां करीब 14 से 15 हजार हेक्टेयर में शिमला और अचारी मिर्च की पैदावार होती है. जिले से यह मिर्च की सप्लाई जयपुर और कानपुर की मंडियों में भी होती है.

जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि इस बार जिले में मिर्च का रकबा और बढ़ने की उम्मीद है. मिर्च की फसल को बढ़ावा देने के लिए सरकार बागवानी स्कीम के तहत इसे प्रोत्सहित कर रही है. वहीं, इस फसल को अनुदान भी दिया जाता है. लेकिन इस बार किसानों के लिए बीज की किल्लत बड़ी समस्या बन गई है.

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किसानों ने बताया कि बीएनआर 38 किस्म का बीज उन्हें नहीं मिल पा रहा है. उसकी कीमत कंपनी ने 42 हजार रुपये प्रति किलो निश्चित की थी. लेकिन अधिकृत बीज एजेंसी से यह बीज 82 हजार रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है, जो कि ब्लैक मार्केटिंग है. जिला कृषि अधिकारी रविकांत ने बताया कि इस साल 231 किलो बीज का ही जिले को आबंटन हुआ है, जबकि उसकी डिमांड 16 सौ क्विंटल की है. इसलिए बीज की शॉर्टेज है. किसानों को अब अन्य उन्नत किस्म के बीज का भी इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि, जो दुकानदार बीज की कालाबजारी करेगा. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.


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