झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा कसने की तैयारी, 8 पर FIR

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Published : Sep 12, 2021, 10:23 AM IST

झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा

यूपी के फिरोजाबाद जिले में डेंगू और वायरल फीवर से हो रही मौतों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. ऐसे आठ झोलाछाप डॉक्टरों पर एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है.

फिरोजाबाद: जिले में डेंगू और वायरल फीवर से हो रही मौतों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. फिरोजाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी के निर्देश पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्याम मोहन गुप्ता ने शनिवार की शाम को आठ झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ थाना दक्षिण में केस दर्ज कराया है. कई झोलाछाप डॉक्टरों को नोटिस भी जारी किया गया है. कुछ दिन पहले आगरा के अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. एके सिंह ने मीडिया को जानकारी दी थी कि जिन बालकों की मौत हुई है, वह झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से हुई है, क्योंकि इन डॉक्टरों ने अपनी दवा में स्टेरॉइड और पेनकिलर अधिक मात्रा में दिए थे, जो मरीज को नुकसान कर गए.


फिरोजाबाद में डेंगू महामारी का कहर जारी है. सरकारी अफसरों की दौरे और बीमारी को रोकथाम के लिए किए जा रहे सारे प्रयास अभी तक नाकाफी साबित हुए हैं. डेंगू पेशेंट से मेडिकल कॉलेज फुल हो गया है. 100 शैय्या के अस्पताल में 404 डेंगू के पेशेंट भर्ती हैं. शुक्रवार की शाम मेडीकल कॉलेज से मिली जानकारी के मुताबिक बीते 24 घंटे में 120 नए मरीज भर्ती किए गए.

जनपद में डेंगू और वायरल फीवर से मरने वालों का आंकड़ा 75 को भी पार कर गया है. मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण मेडिकल कॉलेज में डेंगू प्रभावित मरीजों के लिए 100 अतिरिक्त बेड का इंतजाम किया गया है, लेकिन वह भी फुल हो गए. मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण कॉलेज प्रशासन भी अब इन्हें भर्ती करने से कन्नी काटने लगा है. यही वजह है कि पिछले दिनों कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिनमें यह साफ देखा जा सकता था. इलाज न मिलने से परेशान होकर मरीज के तीमारदारों द्वारा मेडिकल कॉलेज के बाहर ही एक पार्क में उन्हें लिटाकर सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखकर अपने बालक का तापमान कम कर रहे थे. हालांकि मेडिकल कॉलेज लगातार यह दावा कर रहा है कि उसके पास पर्याप्त इंतजाम है. 30 अगस्त को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दौरे पर आए थे, तो उन्होंने भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को हिदायत दी थी कि यहां पर मैन पावर बढ़ाई जाए. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में 25 नए डाक्टरों की तैनाती हुई है. इसके बाद भी हालात सुधरे नहीं हैं.

कॉलेज में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ने से कॉलेज प्रशासन भी परेशान है और आरोप है कि बीमार मरीजों की जबरन छुट्टी की जा रही है. इधर वायरल फीवर और डेंगू से हो रही मौतों को रोक पाने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग ने मौत का ठीकरा झोलाछाप डॉक्टरों के सिर पर फोड़ दिया है. आगरा के अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. एके सिंह ने कहा था कि उन्होंने डेंगू प्रभावित कुछ जगहों का दौरा किया. इस दौरान मरीजों के परिजनों ने उन्हें जो दवाइयां दिखायीं थी, उनमें ज्यादार पेनकिलर और स्टेरॉइड थी, जिनसे आराम तो जल्द मिल जाता है, लेकिन यह घातक होते हैं.

अपर स्वास्थ्य निदेशक के आदेश और सीएमओ के निर्देश पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा थाना दक्षिण के मोहल्ला हुमायूंपुर में क्लीनिक चलाने वाले झोलाछाप डॉक्टरों लोकेंद्र सिंह, डॉ. बंगाली, संजय बाबू राठौर, मुकुल कुमार गोला, राम अवतार नगला पचिया, बृजेश कुमार, श्याम बिहारी निवासी भीम नगर के खिलाफ केस दर्ज कराया है.

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