फर्रुखाबाद की दो बेटियों ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, मिली यह सीख

फर्रुखाबाद की दो बेटियों ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, मिली यह सीख
बाल दिवस पर फर्रुखाबाद की भी दो बेटियों शैली और सानवी (Shaili and Saanvi) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) से मिलने का अवसर मिला. राष्ट्रपति ने इनसे बात की और जीवन के लक्ष्य के बारे में पूछा. अपने घर लौटीं दोनों बेटियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति से उन्हें प्रेरणा मिली.
फर्रुखाबाद : 14 नवंबर को बाल दिवस के मौके पर जिले की दो छात्राओं को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने का अवसर प्राप्त हुआ. वहां मुलाकात के बाद जब दोनों बेटियां लौटीं तो उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. कहा कि राष्ट्रपति ने उन्हें प्रेरणा दी कि वह कल्चरल, स्पोर्ट्स हर एक एक्टिविटी में अपना नाम कमा सकती हैं. उन्होंने प्रज्ञानानंद का उदाहरण दिया, जिन्होंने शतरंज में तहलका मचा दिया और देश का नाम रोशन किया. कहा कि आजकल के बच्चे फोन में ज्यादा व्यस्त हो गए हैं. पुस्तकों में भी रुचि बढ़ाएं.
शैली बोलीं- मैं खुशनसीब, राष्ट्रपति से मिली प्रेरणा
दसवीं की छात्रा शैली पांडे ने बताया कि जब वह राष्ट्रपति भवन के अंदर गईं तो देखा कि अलग-अलग जिलों से काफी तादात में बच्चे आए हैं. आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश समेत देश के कई राज्यों से बच्चे आए थे. बताया कि स्कूल की ओर से सूचना मिली कि राष्ट्रपति से मिलने का मौका मिला है. जब वहां पहुंची तो वहां 100 से ज्यादा स्कूलों के 500 से ज्यादा बच्चे थे. कहा कि वह अपने आप को बहुत खुशनसीब मानती हैं जो राष्ट्रपति भवन में उनसे मिलने का मौका मिला. उनसे बात करके वह बहुत खुश हैं और उनसे प्रेरणा भी मिली है.
डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं
शैली ने बताया कि वह बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती हैं. क्योंकि कोरोना काल में उन्होंने देखा कि डॉक्टर की कमी थी. जो डॉक्टर थे, वह अपना सौ प्रतिशत योगदान दे रहे थे. वह भी इसी तरह डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं. कहा कि इंटरनेट और मोबाइल का पढ़ाई में एक अलग ही महत्व है. इससे जानकारियां मिलती है. कुछ बच्चे इसका गलत इस्तेमाल करते हैं. इसका सही ढंग से इस्तेमाल करना चाहिए.
क्रिकेटर बनना चाहती हैं सानवी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने वालीं सानवी पांडे कक्षा 3 की छात्रा हैं. उनसे राष्ट्रपति ने मुलाकात की और बातचीत की. जब राष्ट्रपति ने उनसे पूछा कि क्या बनना चाहती हैं है तो उन्होंने बताया कि वह स्पोर्ट्स में जाना चाहती हैं. क्रिकेटर बनना चाहती हैं. साथ ही अपने माता-पिता और देश का नाम रोशन करना चाहती हैं. राष्ट्रपति से मिलने के लिए बच्चों में काफी उत्साह था. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि बचपन सबसे खूबसूरत चरण होता है. बच्चे जैसे हैं, वैसे ही स्वीकार किया जाता है. यही चीज उन्हें इतना जीवंत बनाती है. आज हम बच्चों की इसी मासूमियत और पवित्रता का जश्न मना रहे हैं. राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं उनके मंगल भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया.
