फर्रुखाबाद में बुखार की चपेट में गांव के करीब सौ से ज्यादा लोग, स्वास्थ्य विभाग कैंप लगाकर कर रहा खाना पूर्ति

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Published : Sep 16, 2021, 10:34 AM IST

फर्रुखाबाद में बुखार की चपेट में गांव के करीब सौ से ज्यादा लोग

फर्रुखाबाद में विचित्र बुखार से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शेखपुर गांव में बुखार से पीड़ित 11 वर्षीय बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वहीं इस गांव में करीब सौ से ज्यादा लोग बीमार हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कैंप लगाकर सिर्फ खाना पूर्ति कर रही है.

फर्रुखाबाद: जिले में विचित्र बुखार से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शेखपुर गांव में बुखार से पीड़ित 11 वर्षीय बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई. नारायनपुर गढ़िया गांव में भी बुखार ने पांव पसार लिए हैं. यहां करीब 24 से अधिक ग्रामीण बुखार की चपेट में हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कैंप लगाकर सिर्फ खाना पूर्ति कर रही है. गांव में सफाई व्यवस्था राम भरोसे है. गांव में चारों तरफ गंदगी का सम्राज्य है. गांव की गलियों में नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है.

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के शेखपुर गांव की आबादी लगभग 10 हजार है. गांव निवासी आत्माराम की 11 वर्षीय पुत्री किरन करीब दस दिन से बुखार से पीड़ित थी. उसका कस्बा के एक निजी चिकित्सालय में इलाज चल रहा था. तीन दिन पूर्व किरन की हालत गंभीर हुई तो परिवार के लोग उसे फतेहगढ़ स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया. जहां रात उसकी मौत हो गई. गांव में करीब हर घर में लोग बुखार की चपेट में आ गए हैं.

फर्रुखाबाद में बुखार की चपेट में गांव के करीब सौ से ज्यादा लोग

ग्रामीणों का कहना है की बुखार से 3 से 4 लोगो की मौत हो चुकी है. गांव के निकेश, स्वाति, अमित कटियार, सूरज व राकेश आदि लोग बुखार से पीड़ित हैं. मरीज गांव में ही झोलाछाप से इलाज करा रहे हैं. ग्रामीणों ने गांव में स्वास्थ्य कैंप लगाने की मांग की. जिसके बाद गांव में स्वास्थ्य टीम सिर्फ खानापूर्ति के लिए कैंप लगाकर 58 मरीजों को दवाई दी. गांव में किसी भी मरीज की डेंगू, मलेरिया व टाइफायड जांच नहीं की गई.

स्वच्छता के नाम पर गांवों में अभियान तो चलाए जाते है. लेकिन जमीनी स्तर पर इनका असर देखने को नही मिलता.शेखपुर गांव में अस्वच्छता पसरी हुई है. गांव इन दिनों गंदगी का अंबार लगा हुआ है. पूरे गांव में गंदगी व कीचड़ और चौक नालियों का पानी रोड पर बहने से लोगों को खासी परेशानी उठाना पड़ रही है.

कूड़ा गांवों की सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर पसरा हुआ है. ग्राम प्रधान द्वारा साफ सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. रोड पर पानी सड़क पर बहने से कीचड़ हो गया. इस कीचड़ से लोगों को निकलना पड़ रहा है. जिससे आसपास के राहगीरों को गंदे पानी वह कीचड़ से काफी दिक्कतें होती हैं. वहीं जिलाधिकारी मानवेन्द सिंह ने संचारी रोग डेंगू, मलेरिया के दृष्टिगत ग्राम आलूपुर, इकडरिया एवं छन्गेनगला का स्थलीय भ्रमण कर ग्रामीणों से स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग कैंप लगाकर कर रहा खाना पूर्ति
स्वास्थ्य विभाग कैंप लगाकर कर रहा खाना पूर्ति

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निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने देखा कि ग्रामीणों की छतों पर ​जैसे डिब्बा, टायर आदि में ठहरा हुआ पानी भरा हुआ था. उन्होंने तुरन्त पानी हटवाया और सभी को सलाह दी कि सभी अपने छतों पर किसी भी बर्तन, टायर, खाली डिब्बा, कूलर आदि में पानी जमा न होने दें. ठहरे हुए साफ पानी में ही डेंगू मच्छर पनपने की संभावना होती है. निगरानी समिति, प्रधान को सौंपी जिम्मेदारी घर-घर विजिट कर स्वयं देखें और लोगों समझाएं कि घर, छातों पर बर्तन, पात्र, कूलर या टायर इत्यादि में एक बूंद पानी की जमा न होने दें.

डीएम ने कहा कि बुखार आने पर डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. निजी अस्पताल की ठगी का शिकार न बने. स्वास्थ्य टीम लगाकर आप सभी का नि:शुल्क जांच और बेहतर उपचार की व्यवस्था की जाएगी. जिला पंचायत राज अधिकारी को उक्त गांवों में अभियान चलाकर सफाई कराने एवं एंटी लार्वा का छिड़काव कराने के निर्देश दिए. मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ​निर्देशित करते हुए कहा कि बुखार से पीड़ित मरीजों को आज ही सीएचसी में भर्ती कर बेहतर उपचार की व्यवस्था की जाए. गावं मेडिकल टीम लगाकर डेंगू एवं मलेरिया की टेस्टिंग भी कराई जाएगी.

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