सरकार का विरोध कर रहे किसान, बैकडोर से दिया BJP को समर्थन, जानें कैसे?

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Published : Sep 11, 2021, 5:04 PM IST

बुंदेलखंड किसान यूनियन ने निषाद पार्टी को दिया समर्थन

बुंदेलखंड किसान यूनियन (bundelkhand kisan union) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा समेत यूनियन के कई पदाधिकारियों ने निषाद पार्टी को समर्थन पत्र देते हुए हाथ मिलाया है. ऐसे में कृषि कानूनों को लेकर सरकार का विरोध कर रहे किसान बैकडोर से बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं. निषाद पार्टी (Nishad Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने भी किसानों की समस्याओं का हल निकालने की बात कही है.

बांदा: बुंदेलखंड में किसानों की समस्याओं (problems of farmers in bundelkhand) को लेकर जगह-जगह धरना प्रदर्शन करने वाले किसान यूनियन (farmers union) ने अपना रुख बदल लिया. कृषि बिल (farmer bill) के विरोध में किसान मुक्ति मोर्चा के साथ कदम से कदम मिलाकर धरना-प्रदर्शन करने वाले यूनियन ने बीजेपी को 2022 विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने के लिए निषाद पार्टी से हाथ मिला लिया. यूनियन के अध्यक्ष ने निषाद पार्टी (Nishad Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद (Sanjay Nishad) को अपना समर्थन पत्र देते हुए पूरे बुंदेलखंड में अपने यूनियन के 5 हजार लोगों के साथ समर्थन करने की बात कही. अध्यक्ष ने 2022 में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनवाने के लिए अपना सहयोग देने का भरोसा दिलाया. ऐसे में संगठित किसान मोर्चे को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है.

शनिवार को शहर स्थित सर्किट हाउस में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद अपने पार्टी के पदाधिकारियों के साथ पहुंचे. जहां पर बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा समेत यूनियन के कई पदाधिकारियों ने अपने बुंदेलखंड किसान यूनियन की तरफ से निषाद पार्टी को समर्थन पत्र देते हुए हाथ मिलाया. और 2022 के चुनाव में निषाद पार्टी के साथ खड़े रहने की बात कही.

बुंदेलखंड किसान यूनियन ने निषाद पार्टी को दिया समर्थन
बुंदेलखंड किसान यूनियन के 5000 लोगों ने दिया समर्थनबांदा पहुंचे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि बुंदेलखंड एक वीरों की धरती है. जहां पर कई राजा और महाराजा हुए और यह एक ऐसा क्षेत्र है. जहां खनन का खूब भंडार है. इतना सब कुछ होने के बाद भी यहां के लोग पिछड़ेपन में जीने को मजबूर हैं. पिछले 70 सालों में सरकारों ने यहां विकास के नाम पर पैकेज देने का काम किया है. वह पैकेज आता तो है, लेकिन वापस चला जाता है. उसी बात को लेकर मैं यहां के लोगों को जगाने के लिए आया हूं. यहां पर एक किसानों और नौजवानों की लड़ाई लड़ने वाला संगठन बुंदेलखंड किसान यूनियन है, जिन्हें अब नए तरीके से इन लोगों के लिए लड़ाई लड़ने के लिए बताया गया है. आज के दौर में सामाजिक संगठन बिना राजनीतिक संगठन के अच्छे से कार्य नहीं कर सकता. और बुंदेलखंड की समस्या का हल भी राजनीतिक दलों से ही संभव है. आज बुंदेलखंड किसान यूनियन के 5000 लोग हमें समर्थन देने आए हैं.

डॉक्टर संजय निषाद ने कहा कि बुंदेलखंड किसान यूनियन अब निषाद पार्टी के साथ रहेगा. 2022 के चुनाव में बीजेपी के साथ निषाद पार्टी है और जिन मुद्दों को लेकर निषाद पार्टी बीजेपी के साथ है. उन्हीं मुद्दों के साथ किसानों के मुद्दे को और बुंदेलखंड के मुद्दे को बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से मिलकर बनाने की कोशिश की जाएगी. डॉक्टर संजय निषाद ने बताया कि इनकी सरकार से मांग है कि सरकार किसानों के हितों को लेकर एक विशेष कानून बनाए. जिसमें इनके भी बच्चों को अच्छी शिक्षा, अच्छा इलाज और बेहतर रोजगार मिल सके. बुंदेलखंड की जो खनिज संपदा है, उसके राजस्व को बुंदेलखंड में ही खर्च किया जाए, जिससे यहां का तेजी से विकास हो.

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बुंदेलखंड की 12 सीटों में चुनाव लड़ेगी निषाद पार्टीः संजय निषाद
डॉक्टर संजय निषाद ने बताया कि बुंदेलखंड में कई और समस्याओं को बुंदेलखंड किसान यूनियन ने हमसे साझा किया है. हम उन्हें मुद्दा बनाते हुए बुंदेलखंड की 12 सीटों में 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने का दावा करेंगे. वहीं, किसान बिल को लेकर डॉक्टर संजय निषाद ने बताया कि जिसका दल होता है उसका ही बल होता है और फिर उसकी ही समस्याओं का हल होता है. राकेश टिकैत के घर में एक दल है, जिसे बहुजन किसान दल कहते हैं. और उसी के माध्यम से वो चुनाव लड़ने का काम करते हैं और कांग्रेस उनका सपोर्ट करती है. डॉक्टर संजय निषाद ने कहा कि वहां पर जो लोग बैठे हैं वह किसान नहीं हैं, वह सिर्फ राजनीति के शिकार लोग हैं.

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