मां बेटी का रिश्ता हुआ तार-तार, मां ने बेटी को सौंपा भेड़ियों के हाथ, पुलिस ने किया जख्मों में नमक लगाने का काम

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Published : Jun 7, 2022, 11:04 PM IST

हरैया थाना क्षेत्र

हरैया थाना क्षेत्र में एक नाबालिक किशोरी ने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है. पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

बलरामपुर: जिले में रिश्तों को कलंकित करने का मामला सामने आया है. जहां एक मां पर नाबालिक बेटी को हवस के भूखे भेड़ियों को परोस दिया. हरैया थाना क्षेत्र में एक नाबालिक किशोरी ने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है. पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

लेकिन पीड़ित और उसके परिवार को मुकदमा दर्ज करवाने के लिए काफी दिनों तक भटकना पड़ा. पीड़ित ने 21-22 मई को पहली बार हरैया सतघरवा थाने पर लिखित तहरीर देते हुए आरोप लगाया था, जिस पर थाना अध्यक्ष ने आरोपियों को महज सीआरपीसी की धारा 151 में चालान कर के कोर्ट भेज दिया था.

नाबालिक किशोरी ने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया
पीड़ित ने लिखित तहरीर में आरोप लगाया है कि पीड़ित की मां का गांव के ही सन्तोष नामक युवक से अवैध सम्बन्ध हैं. कई बार उसने अपनी मां को सन्तोष के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा. जिसका उसने विरोध किया. विरोध करने पर उसकी मां ने उसे चुप रहने के लिए कहा. पीड़ित ने बताया कि 20 मई को सन्तोष अपने 2 अन्य साथियों के साथ घर में आया था. तो उसकी मां ने चाय के लिए बोला. जब वह चाय बनाकर वापस लौटी तो सन्तोष और उसके अन्य 2 साथियों ने उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया. जबकि उसकी मां चारों को घर में बन्द कर बाहर से कुड़ी लगाकर चली गयी.

मां बोली चुप रहो, उसी से शादी करवा देंगे:- पीड़ित का आरोप है कि मां के वापस आने पर जब उसने सारी बात बताई तो, मां ने सन्तोष से विवाह कराने की बात कहकर उसे चुप रहने को कहा. पीड़ित ने हरैय्या थाने की पुलिस पर भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने धारा 151 में मुकदमा दर्ज कर मामले की लीपापोती करने की कोशिश की.

आरोपी सन्तोष भारतीय जनता युवा मोर्चा का स्थानीय नेता है. थाने पर इंसाफ न मिलता देखकर पीड़ित ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई. पुलिस अधीक्षक के कहने पर हरैया थाना एसएचओ ने पीड़ित का मुकदमा पंजीकृत किया. पुलिस अधीक्षक ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए क्षेत्राधिकारी को जांच सौपी है.

अपर पुलिस अधीक्षक नम्रता श्रीवास्तव ने मंगलवार को बताया कि पीड़ित की तहरीर पर सन्तोष व उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पीड़ित का मेडिकल कराया जा रहा है. मामले की जांच कराई जा रही है. रिपोर्ट मिलते ही आगे विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

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151 में जेल भेजने की घटना की चल रही जांच: एसएचओ द्वारा आरोपियों के खिलाफ महज 151 की कार्रवाई करने व पीड़ित की तहरीर का संज्ञान में लेने पर अपर पुलिस अधीक्षक का नमृता श्रीवास्तव ने कहा कि इस बात की भी जांच करवाई जा रही है कि कैसे एसएचओ प्रमोद कुमार सिंह ने पीड़ित की तहरीर का संज्ञान नहीं लिया. आरोपियों को क्यों महज सीआरपीसी की धारा 151 में चालान करते हुए, न्यायालय रवाना कर दिया. पीड़ित को अपर पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले में निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने फोन पर बताया कि सन्तोष भारतीय जनता युवा मोर्चा का पूर्व में मंडल अध्यक्ष था. लेकिन, विधानसभा चुनाव से पूर्व उसे हटा दिया गया था. सन्तोष से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है.

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