2000 साल पुरानी मंदिर में हो रहे अवैध निर्माण को एसडीएम ने रुकवाया

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Published : Sep 28, 2021, 11:13 AM IST

2000 साल पुरानी मंदिर में हो रहे अवैध निर्माण को एसडीएम ने रुकवाया

बदायूं में ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला है. यहां 2000 साल पुरानी मंदिर में हो रहे अवैध निर्माण कार्य को रुकवा दिया है. वहीं, कब्जे की जानकारी के बाद मौके पर निरीक्षण के लिए एसडीएम दातागंज व सीओ उझानी पहुंचे, जहां मंदिर परिसर में मौजूद लोगों से पूछताछ की गई. इसके बाद वहां जारी चबूतरा निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया.

बदायूं: ईटीवी भारत की खबर का असर ही है कि बिना समय गवाए प्रशासन ने 2000 साल पुरानी मंदिर में (Stopped illegal construction in 2000 year old temple in Badaun) हो रहे अवैध निर्माण कार्य को रुकवा दिया है. वहीं, कब्जे की जानकारी के बाद मौके पर निरीक्षण के लिए एसडीएम दातागंज व सीओ उझानी (SDM Dataganj and CO Ujhani) पहुंचे. मंदिर परिसर में पूछताछ के बाद वहां हो रहे चबूतरा निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया.

2000 साल पुरानी मंदिर में हो रहे अवैध निर्माण को एसडीएम ने रुकवाया

दरअसल, बदायूं जनपद के उसहैत थाना (Ushat Police Station) क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले ग्राम खेड़ा जलालपुर में 2000 साल पुराने देवस्थान मंदिर पर कब्जा करने और मंदिर में अवैध तरीके से निर्माण कार्य किया जा रहा था, जिसकी शिकायत प्रशासन को की गई थी. वहीं, इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. इसके बाद हरकत में आई प्रशासन ने उक्त मामले की गंभीरता को समझते हुए मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और वहां जारी कार्य के बाबत पूछताछ के बाद काम को रुकवा दिया.

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एसडीम दातागंज पारसनाथ मौर्य ने बताया सूचना प्राप्त होने के बाद सीओ और वे स्वयं मौके पर निरीक्षण को गए, जहां पूछताछ करने पर बताया गया कि यहां स्थित भैरव बाबा का मंदिर अति प्राचीन है, जो वर्तमान में खंडहर में तब्दील गया है. वहीं, वहां हवन कार्यक्रम के लिए टेंट लगाया जा रहा था, तभी अचानक से मार्बल के सफेद शिवलिंग देखने को मिली, जिसे प्राचीन मूर्ति बताया गया.

खैर, शिवलिंग के अति प्राचीन होने का कोई प्रमाण नहीं मिला. इधर, मंदिर के पास एक चबूतरा बनाने का काम चल रहा था, जिसे रुकवा दिया गया है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यहां एक-दो माह पहले पुरातत्व विभाग के लोग आए थे. इधर, उक्त मामले को प्रमुखता के साथ उठाने के लिए स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत की सराहना भी की. साथ लोगों ने कहा कि अगर इस खबर को प्रमुखता से नहीं उठाया गया होता तो फिर यहां कब्जा यूं ही बहाल रहता.

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