स्वतंत्रता सेनानी की बहू डॉ रंजना भदौरिया ने अंतरराष्ट्रीय जगत में बनाई अलग पहचान, लोगों ने दी यह प्रतिक्रिया

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Published : Dec 17, 2022, 3:05 PM IST

Updated : Dec 17, 2022, 3:44 PM IST

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लोहिया ग्राम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया की याद में क्रांतिकारियों की प्रदर्शनी व श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में सामाजिक व राजनीतिक लोगों ने भाग लिया. इस दौरान लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी की पुत्रवधू डॉ रंजना भदौरिया के बारे में क्या कुछ कहा, आइए जानें.

इटावा : लोहिया ग्राम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया की याद में क्रांतिकारियों की प्रदर्शनी व श्रदांजलि सभा का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में सामाजिक व राजनीतिक लोगों ने भाग लिया. इस दौरान महिलाओं के लिए गैर सरकारी संगठन "वूमेन पावर कनेक्ट" बनाकर अंतरराष्ट्रीय जगत में अपनी विशेष पहचान बनाने वाली उनकी पुत्र वधू डॉ रंजना भदौरिया की लोगों ने तहेदिल से प्रशंसा की.

दरअसल डॉक्टर रंजना भदौरिया (Dr. Ranjana Bhadoria) पंडित विश्वनाथ शर्मा की पौत्री हैं. जिनके द्वारा विश्व प्रसिद्ध काशी विद्यापीठ की स्थापना की गई. माता चंद्रवती शर्मा तथा पिता जयनाथ की 6 संतानों में दो बेटियां और चार बेटे जिसमें डॉक्टर रंजना दूसरे नंबर की बेटी हैं. जिनकी प्राथमिक शिक्षा काशी विद्यापीठ परिसर में हुई. उच्च शिक्षा में उन्होंने राजनीति विज्ञान में एमए, एमफिल, पीएचडी की उपाधि अर्जित कर तमाम सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर लेखन कार्य किया. साथ ही महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार करने हेतु तथा महिलाओं के उत्पीड़न पर गैर सरकारी संगठन के माध्यम से वैधानिक तथा सामाजिक पहल की.

अतिथियों के साथ मंचासीन डॉ रंजना भदौरिया.
अतिथियों के साथ मंचासीन डॉ रंजना भदौरिया.

डाॅ. रंजना भदोरिया (Dr. Ranjana Bhadoria) ब्रिटिश हुकूमत को धूल चटाने वाले लाल सेना के संस्थापक कमांडर अर्जुन सिंह भदोरिया तथा संघर्ष की प्रतिमूर्ति माता सरला भदोरिया के पुत्र सामाजिक और राजनीतिक व्यक्तित्व से समृद्ध सुधींद्र भदौरिया के साथ दांपत्य बंधन में बंध गईं. वैवाहिक जीवन का उत्तर दायित्व निभाते हुए उन्होंने अपने मिशन और विजन को थमने नहीं दिया और महिलाओं के लिए गैर सरकारी संगठन "वूमेन पावर कनेक्ट" बनाकर अंतरराष्ट्रीय जगत में सदैव महिलाओं का पुरजोर पक्ष रखती रहीं. उन्होंने लगभग 100 से अधिक देशों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय महिलाओं का पक्ष प्रबलता से रखा. वर्तमान में डॉ रंजना भदौरिया "सेंटर फॉर सोशल रिसर्च नई दिल्ली "की निदेशिका तथा "वूमेन पावरकनेक्ट" की अध्यक्ष होने के साथ सामाजिक एक्टिविस्ट हैं.

कार्यक्रम में उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं धन्य हूं कि एक सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी के घर की बहू हूं. यहां के लोगों का भी धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मेरे मिशन में सदैव सहयोग किया. उन्होंने मुझे बहू से ज्यादा अपनी बेटी माना. महिलाओं के प्रति आप सभी का सम्मान भुलाया नहीं जा सकता. मैं अभिभूत हूं कि इस कार्यक्रम में सर्वाधिक संख्या महिलाओं की है. डॉ राम मनोहर लोहिया के नर नारी समता सिद्धांत के पथ पर हम लोगों को चलना है. डॉक्टर आंबेडकर के विचारों को स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी देश की समृद्धि वहां की महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक व पारिवारिक प्रगति पर निर्भर करती है. इसलिए हमें महिलाओं को बराबर का अधिकार देते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है. साथ ही महिलाओं के साथ दुराचार हमारे परिवार या समाज का ही नहीं पूरे देश को नीचा दिखाने का घृणित कार्य है.

अतिथियों के साथ मंचासीन डॉ रंजना भदौरिया.
अतिथियों के साथ मंचासीन डॉ रंजना भदौरिया.

सुधींद्र भदौरिया ने मां का जिक्र किया तो भावुक हो गए. उन्होंने बताया जब वह डेढ़ वर्ष के थे और माताजी उन्हें लेकर फैजाबाद जेल में रहीं. पिता का क्रांतिकारी व्यक्तित्व परिभाषित करते हुए उन्होंने बुआ का भी जिक्र किया जिन्हें पिताजी जिया कहकर संबोधित करते थे. उनका जिक्र कर पुनः आंखों से आंसू छलक गए. कहा कि हम सबको डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण तथा कमांडर साहब के कारवां को आगे ले जाने हेतु संगठित होकर प्रयास करना है. पूर्व एडवोकेट जनरल राज बहादुर यादव ने कहा कि माताजी उनसे अपार स्नेह करती थीं. उन्होंने कमांडर साहब के निर्देशों का सदैव पालन किया. इस दौरान उन्होंने कुछ पुरानी चिट्ठियों का जिक्र किया.

कौमी तहफ्फुज कमेटी के संयोजक (Co-ordinator of Qaumi Tahafuz Committee) तथा सियासी अखाड़ा के संपादक खादिम अब्बास (Khadim Abbas, Editor of Political Arena) ने कहा कि हमारे नाना वली मोहम्मद के साथ उनके प्रगाढ़ संबंध थे. कमांडर साहब के साथ बिताए गए कुछ पलों में जिसमें चाहे जेल जाना रहा हो या माता सरला भदोरिया के स्नेह की बात हो. हम उनके स्नेह को तथा उनके कार्यों को भुला नहीं सकते. कमांडर साहब तथा लोहिया द्वारा रमेश प्रजापति के नामकरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी यह महानता थी कि वह सदैव गरीबों के यहां भोजन करते थे. आज के समाजवादी डॉक्टर लोहिया की सुप्रसिद्ध पंक्ति को भूल गए हैं. जिसमें उन्होंने कहा था कि "संसोपा ने बांधी गांठ पिछड़े पाबे 100 में 60 "आज के समाजवादी उस पथ से भटक गए हैं. हम सबको डॉक्टर लोहिया तथा कमांडर अर्जुन सिंह भदोरिया के बताए हुए मार्ग पर चलना है. डॉ राम मनोहर लोहिया और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के बीच हुए पत्राचार की बुनियाद पर आज भी भारत में कुछ बात बन सकती है हमें उस पथ पर चलना होगा. खादिम ने डॉक्टर रंजना भदोरिया से कहा कि अब वक्त आ गया है आप किसी बड़े मंच से आगाज करो कारवां हम सब मिलकर बना देंगे.

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ धर्मेंद्र कुमार (Assistant Professor Dr Dharmendra Kumar) तथा कवि दीपक राज (Poet Deepak Raj) ने अपनी कविताओं से समा बांध दिया और कहा कि हम लोगों का कर्तव्य है कि डॉ राम मनोहर लोहिया और कमांडर अर्जुन सिंह भदोरिया के समाजवादी कारवां को आगे ले जाना होगा. मध्य प्रदेश से पधारे विधायक नरेंद्र सिंह तोमर (MLA Narendra Singh Tomar) ने चंबल घाटी की विशेषता बताते हुए कहा कि इस मिट्टी में कुछ तो है जो कमांडर साहब जैसे नीत मर्मज्ञ क्रांतिकारी तथा समाजवादी विचारों को जन्म देती रही है. हम इस मिट्टी को प्रणाम करते हैं और कमांडर साहब के बताए हुए रास्ते पर चलने के लिए हम सब लोगों को तैयार रहना चाहिए.

कार्यक्रम में सुल्तान सिंह चौहान ने शराब बंदी और नशाबंदी को लेकर एक मुहिम छेड़ी है. जो समाज की एक बुराई है. जिसके लिए उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी महिला व पुरुषों को प्रेरित किया और शराब पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार से अपील की. कार्यक्रम के संयोजक शाह आलम (Program coordinator Shah Alam) द्वारा कार्यक्रम के अंत में मौजूद गणमान्य अतिथियों तथा सभ्रांत नागरिकों एवं दूर-दराज से आए कार्यक्रम में शामिल हुए सभी महिला पुरुषों का धन्यवाद ज्ञापित किया. कवि दीपक राज की पुस्तक (Poem Deepak Raj's book) का मंचासीन अतिथियों के माध्यम से विमोचन कर कार्यक्रम संपन्न हुआ

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Last Updated :Dec 17, 2022, 3:44 PM IST
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