सुप्रीम कोर्ट का आदेश दरकिनार कर ताज व्यू प्वाइंट पर गूंजे मोहब्बत के तराने

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Published : Sep 23, 2021, 9:08 AM IST

सुप्रीम कोर्ट का आदेश दरकिनार कर ताज व्यू प्वाइंट पर गूंजे मोहब्बत के तराने

आगरा में यमुना के किनारे ताज व्यू प्वाइंट पर बुधवार शाम 'सबसे ऊंची प्रेम सगाई' कार्यक्रम के तहत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जबकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ताजमहल के आसपास 500 की परिधि में इस तरह के आयोजन पर पाबंदी है. एडीए अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करके यह कांसर्ट कराया.

आगरा: यमुना के किनारे मेहताब बाग स्थित ताज व्यू प्वाइंट पर बुधवार शाम 'इनक्रेडिबल ताज कांसर्ट हारमनी' कराया. कार्यक्रम 'सबसे ऊंची प्रेम सगाई' कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जबकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ताजमहल के आसपास 500 की परिधि में इस तरह के आयोजन पर पाबंदी है. एडीए अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करके यह कांसर्ट कराया. जिसका शुभारंभ आगरा कमिश्नर अमित गुप्ता और एडीए वीसी राजेंद्र पैंसिया ने दीप प्रज्वलित करके किया. इसके बाद ताज के पार्श्व में मोहब्बत के तराने गूंजे. शाम से स्वर लहरियां ऐसी छिड़ी,जो रात करीब नौ बजे तक एक के बाद एक गूंजती रहीं. कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने कवियों का तालियां बजाकर उत्साहवर्धन किया.

बता दें कि, मेहताब बाग के पास यमुना किनारे आगरा विकास प्राधिकरण एडीए ने ताज व्यू प्वाइंट विकसित किया है. जहां से पर्यटक हर दिन ताजमहल को निहार सकते हैं. इसी ताज व्यू प्वाइंट पर बुधवार शाम विश्व पर्यटन दिवस के कार्यक्रमों की श्रंखला में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ. शहर के मशहूर गजल गायक सुधीर नारायण ने भगवान श्रीकृष्ण के शानदार गीत से कार्यक्रम का आगाज किया. मंच से कवि और शायरों ने प्रस्तुतियां दी.

एडीए के उपाध्यक्ष राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि, ताज व्यू प्वाइंट के प्रचार प्रसार के लिए हारमनी के नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का सब टाइटल 'सबसे ऊंची प्रेम सगाई' है. ऐसे में मोहब्बत की निशानी के पार्श्व में कार्यक्रम हुआ. जिसमें शहर के मशहूर कवि और गजल गायकों ने प्र​स्तुति दी. जिससे इनके बारे में दुनियाभर के लोग जान सकें.

यह रहे मौजूद
कवि सम्मेलन में कमिश्नर अमित गुप्ता, मुख्य अभियंता, नगर नियोजक के साथ प्राधिकरण परिवार के अभियंता/कर्मचारीगण, प्रसिद्ध उद्यमियों, पर्यटक भी मौजूद रहे.

उठ रहे सवाल
बता दें कि, एडीए ने यमुना किनारे मेहताब बाग पर ताज व्यू प्वाइंट विकसित किया है. यह प्वाइंट एडीए ने पर्यटकों के ताज निहारने के लिए बनाया है. मगर, वहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होना सवाल खड़े कर रहा हैं. क्योंकि, एडीए ने सांस्कृतिक संध्या के लिए ग्यारह सीढ़ी के पास ताज व्यू पार्क विकसित किए हैं. ऐसे में ताज व्यू प्वाइंट पर ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम कराने की अनु​मति पर भी सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि, ताजमहल से चंद कदम की दूरी पर टैंट लगाना, लाइटिंग और साउंड लगाना कितना उचित है. यहां की लाइट की वजह से ताजमहल का नाइट व्यू देखने वाले पर्यटकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही ताज व्यू प्वाइंट से भी पर्यटक रात में ताज का दीदार नहीं कर पा रहे हैं.

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यान्नी के कार्यक्रम से लगी थी रोक
सन 1997 में ताजमहल के पास में यमुना की तलहटी में यान्नी का शो हुआ था और उसके बाद फिर सारेगामा का कार्यक्रम भी हुआ. लेकिन, फिर सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के आसपास 500 मीटर की परिधि में इस तरह के कार्यक्रम कराने पर रोक लगा दी. यही वजह रही कि जब भी आगरा के पर्यटन कारोबारियों ने ताजमहल के आसपास सांस्कृतिक संध्या के लिए पर्यटन विभाग और एएसआई से संपन्न किया तो उसकी अनुमति नहीं मिली. इतना ही नहीं ताज नेचर पार्क में होने वाला कार्यक्रम भी ताज के आसपास होने वाले प्रदूषण के चलते बंद कर दिया गया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
पर्यावरणविद और याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता का कहना है कि, यह मामला गंभीर है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है. जिन अधिकारियों के जिम्मे आदेश का पालन कराना है. वे ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

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