पढ़ाई और खेल दोनों में उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है : DM सुहास

author img

By

Published : Sep 17, 2021, 5:01 PM IST

Suhas Lalinakere Yathiraj  सुहास यतिराज का बयान  टोक्यो पैरालंपिक 2020  रजत पदक विजेता सुहास यतिराज  खेल समाचार  Tokyo Paralympics 2020  Sports News  Silver Medalist Suhas Yathiraj

टोक्यो पैरालंपिक 2020 के रजत पदक विजेता सुहास यतिराज 'खेल आपको खुद पर जीतने में मदद करता है' के सिद्धांत पर जीते हैं. उन्होंने पदक जीतकर अपने शब्दों को सही साबित कर दिया. यतिराज की उपलब्धि ने भारत में एक सामान्य पुरानी सोच कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल में बराबर की उत्कृष्टता हासिल नहीं की जा सकती, को तोड़ने में भी मदद की है.

नई दिल्ली: रजत पदक विजेता सुहास यतिराज भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में एक अधिकारी हैं, जिन्होंने पहले ही प्रयास में देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक में सफलता प्राप्त की.

यतिराज ने साल 2004 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सुरथकल, कर्नाटक से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. यतिराज ने साल 2006 में सिविल सेवा परीक्षा पास की और फिर साल 2007 में एक अधिकारी के रूप में अपना कैरियर शुरू किया.

यह भी पढ़ें: वर्कलोड की समस्या अब भी बरकरार, क्या कोहली आरसीबी की कप्तानी भी छोड़ेंगे?

साल 2015-16 में ही वह एक पेशेवर पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए और तब से गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में अपने कर्तव्य और एक खिलाड़ी के रूप में अपने प्रशिक्षण को बखूबी अंजाम दिया.

यतिराज ने ओलंपिक डॉट कॉम से कहा, मुझे लगता है कि इस (टोक्यो पैरालंपिक) पदक का जश्न पूरे देश ने मनाया. नई दिल्ली हवाई अड्डे पर हमारा जबरदस्त स्वागत हुआ.

यह भी पढ़ें: Big News: सुरक्षा कारणों से न्यूजीलैंड का पाकिस्तान दौरा रद्द

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह मिथक टूट गया है कि पढ़ाई और खेल को एक साथ जारी नहीं रखा जा सकता है. कई लोग हैरान हैं कि एक व्यक्ति पढ़ाई और खेल दोनों में अच्छा हो सकता है.

यतिराज ने कहा, माता-पिता भी चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ाई और खेल में अच्छे हों. वे पढ़ाई को अधिक स्थाई विकल्प के रूप में देखते हैं. मुझे लगता है कि बहुत से युवा कम से कम दोनों को जारी रखने के लिए आत्मविश्वास प्राप्त कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: तमिलनाडु के पूर्व कप्तान शरथ श्रीधरन भारत की जूनियर चयन समिति का नेतृत्व करेंगे

यतिराज ने कहा, हर कोई जो समर्थन, स्नेह जता रहा है, वह बहुत अच्छा है. एक समय था, जब देश में मशहूर हस्तियां फिल्मी सितारे और क्रिकेटर हुआ करते थे.

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अब टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण रहा है. क्योंकि ओलंपियन और पैरालपियनों को, जो प्रशंसा और पहचान मिल रही है, यह निश्चित रूप से दिल को छू लेने वाला है.

यह भी पढ़ें: 'मैदान' फिल्म की टीम और हैदराबाद FC ने मिलाया हाथ, भारत में देंगे फुटबॉल को बढ़ावा

यतिराज ने कहा, बैडमिंटन मेरे लिए ध्यान है. मैं बेहद व्यवस्थित हूं. मैं अपने आक्रमण कौशल, रक्षा कौशल, अपनी पहुंच विकसित करता हूं. मैं कमजोर हिस्से पर बारीकी से काम करता हूं और यह भी कि मैं मैच में कैसे सामना करूंगा. मैं अपने दिमाग में मैचों की कल्पना करता हूं. मेरे पास ऐसे तरीके हैं, जो मुझे खेलते समय आराम देते हैं.

38 साल के यतिराज का मानना है कि टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक जीतना, उन्हें साल 2024 पेरिस पैरालंपिक में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.