पाकिस्तान ने इमरान-बुशरा बीबी समेत पीटीआई के 80 से ज्यादा सदस्यों को नो फ्लाई लिस्ट में डाला

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Published : May 25, 2023, 6:24 PM IST

Imran and Bushra Bibi

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, पत्नी बुशरा बीबी और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 80 अन्य सदस्यों को नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया गया है. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. इमरान के देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है. नो फ्लाई लिस्ट में इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के करीब 80 सदस्यों को शामिल किया गया है. इमरान की पत्नी बुशरा बीबी भी इसमें शामिल हैं.

वहीं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के कई प्रांतों में अनुच्छेद 245 लागू किए जाने को लेकर सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर कर इसे अघोषित 'मार्शल लॉ' करार दिया है. पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 245 के अनुसार, देश की सुरक्षा करने में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सेना बुलाई जा सकती है.

  • Last year on the 25th of May commenced our descent into fascism. While three long marches by PDM during the 3.5 years of PTI govt were allowed without any hindrance, we faced the full force of state terror.
    Houses broken in the middle of the night and PTI office bearers and…

    — Imran Khan (@ImranKhanPTI) May 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

खान ने न्यायालय में याचिका दायर कर पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और इस्लामाबाद में अनुच्छेद 245 लागू किए जाने को चुनौती दी है तथा इसे अघोषित 'मार्शल लॉ' करार दिया.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख ने कहा कि सेना अधिनियम, 1952 के तहत नागरिकों की गिरफ्तारियां, जांच और मुकदमे असंवैधानिक व अमान्य हैं तथा कोई कानूनी प्रभाव नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा कि ये संविधान, कानून का शासन और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को अस्वीकार करने के समान है.

'डॉन' अखबार की खबर के अनुसार, खान ने अपनी गिरफ्तारी के बाद नौ मई को भड़की हिंसा की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित करने का आदेश देने का शीर्ष न्यायालय से अनुरोध किया है.

खबर के अनुसार, याचिका में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरयम नवाज, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है.

इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि नौ मई के हमलावरों ने पाकिस्तान की अस्मिता पर हमला किया और देश के दुश्मनों को जश्न मनाने का मौका दिया.
उन्होंने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, 'मैं नौ मई की दुखद घटनाओं को महज एक प्रदर्शन के रूप में नहीं देखता हूं, जो हिंसक हो गई थी. इसकी साजिश जिन लोगों ने रची थी, उनके मंसूबे नापाक थे.'

उन्होंने कहा, 'शर्मनाक घटनाओं की स्पष्ट रूप से तैयारी की गई थी, क्योंकि पूरे राष्ट्र ने देखा कि किस तरह से सत्ता के लिए कुछ लोगों की लालसा ने उनसे वह सब कराया, जो पहले कभी नहीं हुआ था.'

शरीफ ने कहा कि अर्द्धसैनिक बल के कर्मियों द्वारा खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से गिरफ्तार किए जाने के बाद नौ मई को हिंसक प्रदर्शन हुए थे.

भीड़ ने एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी. देश के इतिहास में पहली बार, भीड़ रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में भी घुस गई थी. पुलिस ने हिंसक झड़पों में मारे गए लोगों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी ने सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में अपने 40 कार्यकर्ताओं के जान गंवाने का दावा किया है.

पढ़ें- असद उमर के बाद, इस्लामाबाद HC ने इमरान खान की पार्टी के नेता एजाज चौधरी को रिहा करने का आदेश दिया

(एक्स्ट्रा इनपुट पीटीआई)

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