ईरानः हिजाब न पहनने पर पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत

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Published : Sep 17, 2022, 8:10 AM IST

ईरानः हिजाब न पहनने पर पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत

ईरान की नैतिकता पुलिस द्वारा हिरासत में कोमा में जाने के बाद युवती की मौत हो गई है. इसके बाद जिससे सोशल मीडिया पर रोष फैल गया है. 22 वर्षीय महसा अमिनी अपने परिवार के साथ तेहरान की यात्रा पर थीं, जब उन्हें विशेषज्ञ पुलिस इकाई ने हिरासत में लिया थाय यह पुलिस 1979 की इस्लामी क्रांति के से ईरान में महिलाओं के लिए अनिवार्य ड्रेस कोड लागू करने के लिए जिम्मेदार है.

तेहरान: कथित तौर पर हिजाब पहनने के नियमों का पालन नहीं करने के आरोप में नैतिकता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद एक 22 वर्षीय ईरानी महिला की मौत हो गई है. चश्मदीदों ने कहा कि महसा अमिनी को मंगलवार को तेहरान में गिरफ्तारी के दौरान पुलिस वैन के अंदर पीटा गया था. पुलिस ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि अमिनी को अचानक दिल का दौरा पड़ा. हाल के हफ्तों में ईरान में अधिकारियों द्वारा महिलाओं के खिलाफ क्रूरता की रिपोर्ट की श्रृंखला में यह एक और वारदात है.

महसा अमिनी
महसा अमिनी. (फाइल फोटो)

अमिनी के परिवार का कहना है कि वह एक स्वस्थ युवा महिला थीं. उसे कोई ऐसी बीमारी नहीं थी कि अचानक दिल का दौरा पड़ जाये. हालांकि, उन्हें सूचित किया गया कि गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था. परिवार ने कहा कि शुक्रवार को उनकी मृत्यु से पहले वह कोमा में थीं. तेहरान पुलिस ने कहा कि अमिनी को हिजाब के बारे में शिक्षित करने के लिए गिरफ्तार किया गया था.

  • Molla rejimi demek cinayet demek.

    22 yaşında hayatının baharında olan #Mahsa_Amini, İran’da ahlak polisi tarafından sırf başörtüsünden saçının telleri gözüküyor diye feci şekilde dövüldü.

    Komaya giren Mahsa, bugün hayatını kaybetti. pic.twitter.com/pdxf1DERDR

    — Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) September 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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ईरान में अमिनी की मौत उनकी दमनकारी कृत्यों की बढ़ती रिपोर्टों के मद्देनजर महत्वपूर्ण है. हाल के दिनों में हिजाब नहीं पहनने के कारण कुछ महिलाओं को सरकारी कार्यालयों और बैंकों में प्रवेश करने से रोक दिये जाने की खबरें भी ईरान से आयी थी. सरकार समर्थक व्यक्तियों सहित कई ईरानी, ​​नैतिकता पुलिस जिसे गाइडेंस पेट्रोल के रूप में भी जाना जाता है का विरोध कर रहे हैं. ईरान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हैशटैग मर्डर पेट्रोल ट्रेंड कर रहा है.

सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिनमें अधिकारियों को महिलाओं को हिरासत में लेते हुए, उन्हें जमीन पर घसीटते हुए और जबरदस्ती करते हुए देखा जा सकता है. इसके लिए कई ईरानी सीधे तौर पर सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को दोषी ठहराते हैं. उनका एक पुराना भाषण सोशल मीडिया पर फिर से शेयर किया जा रहा है जिसमें वह इस्लामी शासन के तहत महिलाओं को इस्लामी ड्रेस कोड का पालन करने के लिए मजबूर किये जाने को सही ठहरा रहे हैं.

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