World Tourism Day: वैश्विक हुआ काशी का पर्यटन कारोबार, वाराणसी में विश्वनाथ कॉरिडोर ने बढ़ाई भव्यता

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Published : Sep 27, 2022, 1:49 PM IST

Updated : Sep 27, 2022, 2:01 PM IST

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विश्व पर्यटन दिवस पर काशी का पर्यटन कारोबार वैश्विक (Global tourism business of Kashi) हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) का लोकार्पण किया था. उसके बाद बनारस में पर्यटकों के आने का सिलसिला जारी है. हर महीने 15 से 20 लाख की संख्या में पर्यटक काशी पहुंच रहे हैं. जहां पहले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या सीमित रहती थी.

वाराणसी: काशी शहर की काया ही ऐसी ही कि देश-दुनिया से लोग इसे देखने के लिए चले आते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के काशी के सांसद बनने के बाद शहर का कायाकल्प किया गया. वाराणसी की तंग गलियों को विस्तार भी मिला है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) ने शहर की भव्यता को बढ़ाया है. दशाश्वमेध घाट पर अब कितनी भी भीड़ हो पर्यटकों को इसकी चिंता नहीं रहती, क्योंकि दशाश्वमेध भवन बनकर तैयार हो गया है.

जानकारी देते क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव
पर्यटकों के लिए गंगा का किनारा, काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव मंदिर, बनारसी साड़ी और यहां की गलियां हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही हैं. इन सभी स्थलों और व्यवसायों पर काफी असर पड़ा है. वाराणसी के साड़ी व्यापारी, होटल कारोबारी, उद्योग चलाने वालों को पर्यटन बढ़ने से काफी लाभ मिला है. काशी की भव्यता (Vishwanath Corridor increased grandeur in Varanasi) वैश्विक स्तर पर पहुंची तो लोग वहां से भी बाबा के दर्शन करने आने लगे हैं.
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वाराणसी में मां गंगा का किनारा
विश्वनाथ धाम के विस्तार से बदली बनारस की छवि: वाराणसी की सुंदरता और उसकी भव्यता के बारे में कौन नहीं जानता है. देश के राज्यों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक वाराणसी घूमने आते हैं. इनकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. एक समय ऐसा था कि सिर्फ तंग गलियां ही बनारस की पहचान मानी जाती थीं, लेकिन अब विस्तार में फैला काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) और वहां की चौड़ी गलियों में टहलते लाखों पर्यटक इसकी (Global tourism business of Kashi) शान में और इजाफा कर रहे हैं. साल 2020-2021 में संक्रमण काल के बीच मिले समय में 9 लाख लोग बनारस दर्शन के लिए आए. थोड़ी और राहत मिली तो यह आंकड़ा 2021 के नवंबर-दिसंबर माह में 3 लाख के पार पहुंच गया. साल 2022 के जनवरी में यह आंकड़ा 10.60 लाख पर पहुंचा. नए साल के सिर्फ दो दिनों में 5 लाख से अधिक लोगों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया. मंदिर प्रशासन की ओर से जारी आकड़ों के मुताबिक बीते 6 महीने में काशी में 1.5 करोड़ से ज्यादा पर्यटक पहुंचे हैं. जून में 20 लाख की अपेक्षा जुलाई में यहां धार्मिक पर्यटकों की संख्या में बेहिसाब दोगुने से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. पर्यटन विभाग के आंकड़े के मुताबिक, जुलाई में 40 लाख से ज्यादा लोग वाराणसी आए.
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शिव की नगरी काशी

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मंदिरों में पर्यटन सुविधाओं को बढ़ावा: क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना काल के बाद घरेलू पर्यटन बढ़ गया है. अब प्रतिदिन एक लाख लोग बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आ रहे हैं. जब प्रधानमंत्री मोदी ने देव दीपावली का आयोजन किया था उस समय से लेकर पर्यटन एकदम से बढ़ गया है. विदेशी टूरिस्ट्स की संख्या अभी उतनी नहीं हो पाई, जितनी कि होनी चाहिए थी. अभी विदेशी टूरिस्ट्स की संख्या 15 हजार से 16 हजार हो गई है. यहां क्रूज बोट और साउंड एंड लाइट शो का पहले से ही संचालन किया जा रहा था. अब काशी की पौराणिक परिक्रमाएं पावन पथ और पंचकोषी परिक्रमा के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जा रहा है. पावन पथ परियोजना (Pawan Path Project) में सभी आस-पास के मंदिरों में पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है.

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काशी विश्वनाथ

शंघाई सहयोग संगठन की सांस्कृतिक राजधानी बनी वाराणसी: देश-दुनिया में सांस्कृतिक राजधानी के रूप में काशी की पहचान पहले से ही है, लेकिन अब एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है. इसे शंघाई सहयोग संगठन (शंघाई कॉरपोरशन आर्गेनाइजेशन- SCO) की सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है. शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization) में भारत की ओर से काशी एक वर्ष के लिए सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी बनेगी. इसके लिए सभी विभागों के समन्वय से बनारस का डोजियर (बायोडाटा) तैयार किया जाएगा.

दशाश्वमेध भवन ने खूबसूरती को निखारा: चुनार के गुलाबी पत्थरों से बना दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat Varanasi) पर बनकर तैयार दशाश्वमेध भवन (टूरिस्ट प्लाजा) में काशी की झलक दिखाई पड़ती है. इसमें पत्थरों पर नक्काशी की गई है. पर्यटकों के बैठने, खाने-पीने, बनारसी साड़ी, गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने समेत जरूरी सामान एक ही स्थान पर मिलेंगे. बाहर 15 फीट चौड़े और 40 फीट लंबी दीवार पर सभी घाटों की झलक दिखाई पड़ेती है.

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Last Updated :Sep 27, 2022, 2:01 PM IST
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