हर घर तिरंगा अभियान में महिलाओं की भागीदारी, 23 हजार झंडे बनाने की मिली जिम्मेदारी

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Published : Aug 6, 2022, 6:07 PM IST

महिलायें तैयार कर रहीं झंडे

हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने झंडा बनाने का कार्य शुरू किया है. बीकेटी ब्लॉक के तय लक्ष्य के अनुसार कई गांव की महिलाओं को 23 हजार झंडे बनाने की जिम्मेदारी दी गई है.

लखनऊ : हर घर तिरंगा अभियान के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने झंडा बनाने का कार्य शुरू किया है. बीकेटी ब्लॉक के तय लक्ष्य के अनुसार कई गांव की महिलाओं को 23 हजार झंडे बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. इन झंडों को बीकेटी ब्लॉक द्वारा 10 अगस्त से स्कूलों, ग्राम पंचायतों और सरकारी कार्यालयों में वितरित किया जाएगा.


बता दें कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को झंडा तैयार करने के निर्देश जारी किये थे. जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में 9361 स्वयं सहायता समूह की 33725 महिलाएं काम कर रही हैं. इन महिलाओं के लिए लगभग डेढ़ करोड़ झंडे बनाने का लक्ष्य तय किया गया है और अब तक 80 लाख से ऊपर झंडों का निर्माण किया जा चुका है. वहीं लखनऊ के बख्शी का तालाब विकासखंड की बात करें तो यहां पर 23 हजार झंडों का लक्ष्य दिया गया था.

महिलायें तैयार कर रहीं झंडे




बीकेटी ग्राम पंचायत के गांव मंडोली में स्वयं सहायता समूह की महिला सखी राम लली ने बताया कि हमारे समूह को 4 हजार झंडों का लक्ष्य दिया गया है. प्रति झंडे बनाने के लिए समूह को एक रुपए निर्धारित किया गया है. यह सभी झंडे हमारे समूह को तैयार करने के लिए 1 हफ्ते का समय दिया गया है. उन्होंने बताया कि हमारे समूह में 12 सदस्य हैं. राम लली ने बताया कि एक महिला 1 दिन में लगभग 100 से डेढ़ सौ झंडे तैयार कर रही है. झंडों को लेकर बात की जाए तो उसमें सिलाई और उसकी फिनिशिंग का काम महिलाओं द्वारा किया जा रहा है.


सदस्य शुभी पाल ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत समूह को जो झंडा बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, इससे हम लोग काफी खुश हैं. हमारे समूह में 12 सदस्य हैं और समूह को 4000 झंडे बनाने का लक्ष्य दिया गया है. शुभी ने यह भी बताया कि विभाग द्वारा जो झंडा बनाने का मूल्य निर्धारित किया गया है उसको लेकर कहीं ना कहीं थोड़ी सी मायूसी जरूर है. उन्होंने कहा कि हमारी अपील है कि झंडे बनाने का मूल्य डेढ़ से ₹2 किया जाए.


वहीं खंड विकास अधिकारी पूजा सिंह ने बताया कि आजादी के अमृत महत्व को लेकर ब्लॉक स्तर पर बृहद तैयारियां शुरू करा दी गई हैं. इस संबंध में सबसे महत्वपूर्ण है कि 15 अगस्त को अमृत सरोवर है जो हमें पूर्ण करना हैं. इसको लेकर तेजी से कार्य चल रहा है. हमारी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं 20,000 झंडे बना रही हैं. प्रत्येक गांव की अलग-अलग समूह की महिलाओं को झंडा बनाने का टारगेट दिया गया है. जिनको हम घर-घर पहुंचाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के जागरूकता को लेकर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम, शिक्षा विभाग और युवक मंडल दल के लोग आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 9 अगस्त से रैलियां निकालेंगे और लोगों को जागरूक करेंगे.

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उन्होंने बताया कि प्रत्येक झंडे को लेकर हमारा ₹20 का रेट तय किया गया है. समूह की महिलाओं को दो अलग-अलग स्तर पर इस पर विभाजित किया गया है. उन्होंने बताया कि बीकेटी ब्लॉक में चार कलस्टर हैं, जिसमें कुमहरांवा, नगमामऊ, बाहर गांव, जिसमें 40 से ज्यादा महिलाएं झंडा बनाने का कार्य कर रही हैं.
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