यूपी पुलिस दिखा रही कानून को ठेंगा, कोतवाली के लॉकअप में 6 दिन से बंद है नाबालिग

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Published : Aug 28, 2021, 10:35 PM IST

minor kept in lockup at bhognipur kotwali in kanpur dehat from last six days

कानपुर देहात में पुलिस की मनमानी सामने आयी है. यहां की भोगनीपुर कोतवाली के लॉकअप में एक नाबालिग को पिछले छह दिनों से रखा गया है. ये मामला पूरी तरह से किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act) का उल्लंघन है.

कानपुर देहात: जनपद से ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर आप सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि क्या वाकई उत्तर प्रदेश में कानून का राज है. यहां एक नाबालिग को चोरी के आरोप में छह दिन पहले पुलिस पकड़ कर कोतवाली ले आयी थी. उसको पिछले छह दिन से हवालात में सलाखों के पीछे रखा गया है.

भोगनीपुर कोतवाली पहुंची ईटीवी भारत की टीम

मामला जनपद कानपुर देहात की भोगनीपुर कोतवाली का है. यहां चोरी के आरोप में एक नाबालिग पिछले छह दिन से लॉकअप में बंद है. पुलिस को न तो इस नाबालिग के पास से चोरी का कोई सामान मिला है और न ही कोई और सुराग. फिर भी ये नाबालिग छह दिन से कोतवाली के लॉकअप में सलाखों के पीछे है. ये नाबालिग कूड़ा बीनकर अपने परिवार का पालन करता है. नाबालिग की मां ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया .

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (Juvenile Justice Act) की धारा 10 के अनुसार पुलिस द्वारा पकड़े गए बच्चे/किशोर को विशेष किशोर पुलिस यूनिट या किसी नामित अधिकारी की निगरानी में रखा जाना चाहिए और यह जिम्मेदारी संभालने वाले लोगों को पकड़े गए बच्चे/किशोर को देरी के अधिकतम 24 घंटे के अंदर जेजेबी (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) के सामने पेश किया जाना चाहिए.

धारा (अधिनियम की) के प्रावधानों में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कथित रूप से कानून के साथ छेड़छाड़ करने वाले किसी बच्चे/किशोर को पुलिस हिरासत में या जेल में नहीं रखा जाएगा. एक बच्चे/किशोर को जैसे ही जेजेबी के सामने पेश किया जाएगा, उसे जमानत देने का नियम है. अगर जमानत नहीं दी जाती है, तो भी बच्चे को जेल या पुलिस हिरासत में नहीं रखा जा सकता और उसे निरीक्षण गृह या किसी सुरक्षित स्थान पर रखना होगा. यह सुनिश्चित करना जेजेबी (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) की जिम्मेदारी है कि बच्चे को तुरंत जमानत दी जाए या निरीक्षण गृह या सुरक्षित स्थान में भेजा जाए.

अधिवक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष सुनील पाण्डेय का कहना है कि अगर कोई आरोपी नाबालिग है तो उसे न तो हथकड़ी लगाई जा सकती है और ना ही उसको लॉकप में सलाखों के पीछे बंद किया जा सकता है. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि फिलहाल कानपुर देहात में भोगनीपुर पुलिस ने कानून को ताक पर रखा हुआ है.

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