बरेली: कानपुर के गणेश ईकोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से ढाई करोड़ रुपए की नाइजीरियन साइबर ठग ने ठगी की थी और उस ठगी का ढाई करोड़ रुपए अलग-अलग खातों में भेजा गया था. इसमें से कुछ रुपये बरेली में रहने वाले जरी जरदोजी का काम करने वाले व्यापारी रुकसाद के खाते में आए थे. बरेली पुलिस ने व्यापारी रुकसाद को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से 27 लाख रुपए नकद मिले. बाकी धनराशि 30 लाख रुपये पुलिस ने सीज कर दी. रुकसाद ने उसी फर्म के खाते में ठगी की रकम मंगायी थी.
खातों की जांच शुरू हुई तो उसमें एक खाता बरेली के जरी जरदोजी का व्यापार करने वाले व्यापारी रुकसाद का मिला. रुकसाद के खाते में भी रुपये नाइजिरयन ठग ने ट्रांसफर किए थे. उसके बैंक खाते में बाकी बचे 30 लाख रुपये पुलिस ने सीज कर दिए हैं. बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने बताया कि गैंग के सदस्य साइबर ठगी के पैसों को मंगाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करके अलग-अलग जिलों में बैंक खाते खोलते थे और फिर उनमें रकम ट्रांसफर करवाते थे. आरोपियों ने कानपुर में धागा कंपनी की ईमेल हैक कर, उसके लेटर पैड का इस्तेमाल किया था. इस ईमेल से कानपुर स्थित HDFC बैंक को संदेश भेजा गया कि धागा कंपनी के खाते से कई दूसरे खातों में पैसा भेजा जाए.
HDFC बैंक ने ईमेल के आधार पर कंपनी के खाते से करोड़ों रुपए कई लोगों के खाते में भेज दिए. कंपनी के अधिकारियों को जब भनक लगी तो स्वरूपनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई. केस होने के बाद कानपुर पुलिस ने जांच शुरू की. पकड़े गए नाइजीरियन युवक रॉबर्ट ने पुलिस को बताया कि उसका पासपोर्ट खो गया है. वह डेढ़ साल पहले भारत आया था. राबर्ट के वीजा की अवधि केवल छह महीने की थी, जो अब अवैध हो गयी है. वो अवैध रूप से भारत में रह रहा था. राबर्ट के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत भी केस दर्ज कर दिया गया है. अंदेशा था कि ढाई करोड़ रुपये 20 से अधिक खातों में ट्रांसफर किए गए थे. आशंका है कि ये खाते फर्जी आईडी पर बैंक में होंगें. सभी पुलिस खातों का सत्यापन करवा रही है.