नई दिल्ली : सरकार बांड बाजार को मजबूत बनाने के लिये 'बैकस्टॉप' सुविधा बनाने पर विचार कर रही है. इसकी घोषणा बजट में की गयी थी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी.
बैकस्टॉप सुविधा एक इकाई होगी जो निवेश ग्रेड वाले अपेक्षाकृत कम कारोबार वाले कॉरपोरेट बांड में कारोबार कर सकती है. यह इकाई खासकर दबाव के समय ऐसे बांड द्वितीयक बाजार में विभिन्न बाजार प्रतिभागियों से खरीदने के मामले में समर्थन देगी.
उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव आनंद मोहन बजाज ने कहा कि सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से कॉरपोरेट बांड में विदेशी निवेशकों की भागीदारी सीमा 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत की है.
पिछले कुछ साल में कॉरपोरेट बांड बाजार को लेकर काफी कुछ काम किये गये हैं और अभी इसमें बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है. बजाज ने कहा, 'हम व्यापार सुविधाओं पर काम कर रहे हैं' इससे निश्चित रूप से कॉरपोरेट बांड बाजार में प्रतिभागियों के बीच भरोसा बढ़ेगा.'
बाजार नियामक सेबी के प्रस्ताव के आधार पर वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में बैकस्टॉप सुविधा के गठन की घोषणा की गयी. इसके तहत निवेश ग्रेड वाले बांड की खरीद दबाव और सामान्य दोनों समय में की जाएगी. इससे बांड बाजार के विकास में मदद मिलेगी.
अधिकारी ने कहा कि सरकार निवेशकों के लिये एक 'चार्टर' बनाने पर भी काम कर रही है. इसमें निवेशकों के अधिकार और जिम्मेदारी की बात होगी. साथ ही निवेशक शिकायत निपटान की व्यवस्था होगी.
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निवेशक 'चार्टर' से न केवल निवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी बल्कि निवेशकों को बेहतर जानकारी के साथ निवेश के लिये प्रोत्साहित करेगा. वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से निवेशक चार्टर का प्रस्ताव किया गया था.
इसी कार्यक्रम में प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि सरकार और आरबीआई सरकारी बांड को वैश्विक बांड सूचकांकों में शामिल करने को लेकर काम कर रहे हैं और इस बारे में इस साल कुछ घोषणा होने की उम्मीद है.
(पीटीआई-भाषा)