मॉस्को : यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के बीच रूस ने अपनी मुद्रा रूबल को संभालने के लिए कड़े आर्थिक फैसले लिए हैं. 'बैंक ऑफ रूस' ने ब्याज दर में सौ फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. यानि पहले यह दर 9.5 फीसदी थी, अब इसे 20 फीसदी कर दिया गया है. रूस के केंद्रीय बैंक ने विदेशी निवेशकों और ब्रोकरेज हाउस को रसियन सिक्यॉरिटीज बेचने से भी रोक दिया है. डॉलर के मुकाबले रूबल 117 के स्तर पर पहुंच गया है. शुक्रवार को इसका वैल्यू एक डॉलर के मुकाबले 84 था.
भारतीय करेंसी के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो हमारा रूपया रूबल से मजबूत है. एक रूबल 68 पैसे का हो गया है. आज सुबह में ही यह 65 पैसे का था. 2014 में दो रुपये का एक रुबल होता था. आपको बता दें कि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस के रिजर्व के आधे से अधिक हिस्से को ब्लॉक कर दिया है. रिजर्व में 650 बिलियन डॉलर राशि है. इस फैसले के बाद रूस की करेंसी रूबल 30 फीसदी तक धड़ाम हो गई. अभी तक रूबल कभी भी इतना नीचे कभी नहीं गिरा था. रूबल के मुकाबले डॉलर 117 के स्तर पर पहुंच गया है. शनिवार को स्विफ्ट इंटरनेशनल पेमेंट पर भी प्रतिबंध लग चुका था. आर्थिक जानकार बता रहे हैं कि स्विफ्ट की वजह से रूस पर काफी दबाव था. इसलिए रूस ने ब्याज दर को बढ़ा दिया, ताकि लोग रूबल छोड़कर डॉलर खरीदने के पीछे भागे नहीं. अर्थशात्र की भाषा में इसे पेनिक सेलिंग से बचने का उपाय बताया जाता है.
क्योंकि यूरोपियन देशों ने रूस के रिजर्व पर रोक लगा रखी है, इसलिए रूस ने कहा कि वह अपने बैंकों को कैश और नॉन-कैश रूबल लिक्विडिट उपलब्ध करवाएगा. इन हलचलों के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट संस्थाओं ने रूस की रेटिंग घटा दी है. स्टैंडर्ड एंड पुअर्स और मूडीज ने इनकी रेटिंग घटा दी है.
आर्थिक जानकार बताते हैं कि रूस के सेंट्रल बैंक (Russia Central Bank) ने गिरते रूबल को संभालने के लिए एक हताशा भरी कोशिश (attempt to shore up the plummeting ruble) के तहत अपनी प्रमुख दर को 9.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है. पश्चिमी देशों द्वारा स्विफ्ट वैश्विक भुगतान प्रणाली से रूसी बैंकों को बाहर करने के बाद सोमवार तड़के अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूबल लगभग 26 प्रतिशत टूट गया था.
पश्चिमी देशों द्वारा रूस के विनिमय योग्य मुद्रा भंडार पर रोक लगाने के बाद मुद्रा की गिरावट थामने के लिए सेंट्रल बैंक ने यह कदम उठाया. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस रोक से रूस का विनियम योग्य मुद्रा भंडार कितना प्रभावित होगा, लेकिन यूरोपीय अधिकारियों का कहना है कि इससे रूस के 640 अरब अमेरिकी डॉलर के भंडार का आधा हिस्सा प्रभावित होगा.