लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश और नमाज अदा करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं इस पर मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने याचिकाकर्ता को इस्लाम की जानकारी न होने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने की पाबंदी नहीं है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव कमिटी के मेंबर मौलाना महली ने कहा है कि कोर्ट में याचिका दायर करने वाले को इस्लाम धर्म की जानकारी नहीं है. औरतों को मस्जिद में नमाज पढ़ने से न कभी रोका गया है न कभी रोका जाएगा. दुनिया और देश की कई मस्जिदों में औरतें पहले से ही नमाज पढ़ती रही हैं और यह कहना बिल्कुल गलत है कि औरतों को मस्जिद में जाने की किसी तरह की पाबंदी है.
मौलाना ने यह साफ किया कि शरीयत में औरतों को घर में नमाज पढ़ने पर ज्यादा सवाब हासिल होता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि औरतें मस्जिद में नमाज अदा नहीं कर सकती हैं.