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महिलाओं को मस्जिद में नमाज अदा करने की मांग वाली याचिका पर यह बोले मुस्लिम धर्मगुरु

मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश और नमाज अदा करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने कहा कि कोर्ट में याचिका दायर करने वाले को इस्लाम धर्म की जानकारी नहीं है.

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Published : Apr 16, 2019, 7:52 PM IST

Updated : Apr 17, 2019, 8:56 AM IST

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली.

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश और नमाज अदा करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं इस पर मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने याचिकाकर्ता को इस्लाम की जानकारी न होने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने की पाबंदी नहीं है.

जानकारी देते ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव कमिटी के मेंबर मौलाना महली ने कहा है कि कोर्ट में याचिका दायर करने वाले को इस्लाम धर्म की जानकारी नहीं है. औरतों को मस्जिद में नमाज पढ़ने से न कभी रोका गया है न कभी रोका जाएगा. दुनिया और देश की कई मस्जिदों में औरतें पहले से ही नमाज पढ़ती रही हैं और यह कहना बिल्कुल गलत है कि औरतों को मस्जिद में जाने की किसी तरह की पाबंदी है.

मौलाना ने यह साफ किया कि शरीयत में औरतों को घर में नमाज पढ़ने पर ज्यादा सवाब हासिल होता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि औरतें मस्जिद में नमाज अदा नहीं कर सकती हैं.

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश और नमाज अदा करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं इस पर मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने याचिकाकर्ता को इस्लाम की जानकारी न होने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने की पाबंदी नहीं है.

जानकारी देते ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव कमिटी के मेंबर मौलाना महली ने कहा है कि कोर्ट में याचिका दायर करने वाले को इस्लाम धर्म की जानकारी नहीं है. औरतों को मस्जिद में नमाज पढ़ने से न कभी रोका गया है न कभी रोका जाएगा. दुनिया और देश की कई मस्जिदों में औरतें पहले से ही नमाज पढ़ती रही हैं और यह कहना बिल्कुल गलत है कि औरतों को मस्जिद में जाने की किसी तरह की पाबंदी है.

मौलाना ने यह साफ किया कि शरीयत में औरतों को घर में नमाज पढ़ने पर ज्यादा सवाब हासिल होता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि औरतें मस्जिद में नमाज अदा नहीं कर सकती हैं.

Intro:note- बयान एफ़टीपी पर भेज दिया गया है।
FTP path:- up_lko_arslan_16april_masjidentry

सुप्रीम कोर्ट में एक दम्पति द्वारा मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश और मस्जिद में औरतो को नमाज़ अदा करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर जहाँ एक ओर कोर्ट ने केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है तो वहीं मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने याचिकाकर्ता को इस्लाम की जानकारी न होने की बात कहते हुए महिलाओ को मस्जिद में नमाज़ की पाबंदी से इनकार किया है।


Body: मुस्लिम धर्म गुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव कमिटी के मेंबर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद में नमाज़ पढ़े जाने के मामले को लेकर अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि कोर्ट में याचिका दायर करने वाले को इस्लाम धर्म की जानकारी नहीं है, औरतों को मस्जिद में नमाज पढ़ने से ना कभी रोका गया है ना कभी रोका जाएगा क्योंकि कई मस्जिदों में औरतें पहले से ही नमाज पढ़ती रही है और यह कहना बिल्कुल गलत है कि औरतों को मस्जिद में जाने की किसी तरह की पाबंदी है मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने यह साफ किया कि शरीयत में औरतों को घर में नमाज पढ़ने पर ज्यादा सवाब हासिल होता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि औरतें मस्जिद में नमाज अदा नहीं कर सकती हैं।


Conclusion:
Last Updated : Apr 17, 2019, 8:56 AM IST
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