क्राइम ब्रांच ने पकड़ा 72 साल का जासूस, पाकिस्तान को भेज रहा था खुफिया जानकारी

author img

By

Published : Sep 27, 2022, 9:25 PM IST

Pakistani spy caught from Ahmedabad

क्राइम ब्रांच ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल एक वरिष्ठ नागरिक को पकड़ा है (Pakistani spy caught from Ahmedabad). 72 साल के बुजुर्ग पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है. वह आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी जानकारी व्हाट्सएप के जरिए पाकिस्तानियों को दे रहा था. वह फर्जी वेबसाइट बनाकर पूर्व सैनिकों को निशाना बनाता था. इस रिपोर्ट में जानिए कौन है ये पाकिस्तानी जासूस ?

अहमदाबाद: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में एक बुजुर्ग अब्दुल वहाब पठान (72) को पकड़ा गया है. उसे अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने हिरासत में लिया है. 72 साल के अब्दुल वहाब (Abdul Wahab) पहली नज़र में भले ही बूढ़े और बेबस नज़र आते हों, लेकिन वो पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसियों को देश-विरोधी सूचनाएं भेजते थे. आरोपी सरकारी वेबसाइट की क्लोन वेबसाइट बनाता था और सेना के सेवानिवृत्त सैनिकों और वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी एकत्र करके पाकिस्तान भेजता था. इस खुलासे से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की भारत विरोधी नेटवर्क फैलाने की साजिश का पर्दाफाश हो गया है.

क्राइम ब्रांच का दावा है कि आरोपी अब्दुल वहाब अहमदाबाद से सिम कार्ड खरीदता था. सिम कार्ड नंबर नई दिल्ली में पाकिस्तान के खुफिया अधिकारी शफाकत जतोई को दिया जाता था. उस नंबर पर पाकिस्तान के खुफिया अधिकारी शफाकत का व्हाट्सएप एप्लिकेशन डाउनलोड करता था. इसे एक्टिवेट करने के लिए अब्दुल वहाब खरीदे गए सिम कार्ड के ओटीपी को ऑथेंटिकेट करता था, जिससे वॉट्सएप एक्टिवेट कर सारी जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाई गई.

वीजा के लिए गया था, लालच में बन गया जासूस : पकड़ा गया अब्दुल वहाब पाकिस्तान का मूल निवासी है, लेकिन पिछले 30 साल से अहमदाबाद के कालूपुर खजूरी मस्जिद की गली में अपने परिवार के साथ रह रहा है. वह एक निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत था, लेकिन 2010 में सेवानिवृत्त हो गया. आरोपी पाकिस्तान का वीजा लेने नई दिल्ली गया जहां वह पाकिस्तान इंटेलिजेंस के अफसर शफाकत जतोई के संपर्क में आया. वह पैसे के लालच में पाकिस्तानी जासूस बन गया.

जांच में सामने आया है कि आरोपी चार-पांच बार पाकिस्तान जा चुका था और पिछले 4 साल से देश विरोधी हरकत कर रहा था. अब तक कई सिम कार्ड के जरिए व्हाट्सएप एक्टिवेट हो चुका है, लेकिन उसके पास से करीब 10 सिम कार्ड मिले हैं जो किसके नाम से खरीदे गए थे. इस खुलासे से साफ है कि पाकिस्तान स्थित खुफिया एजेंसी आईएसआईएस, Whatsapp के माध्यम से भारत के सुरक्षा बलों की अत्यधिक संवेदनशील आंतरिक प्रणालियों की जानकारी एकत्र करके, भारत के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का नेटवर्क बना रहा था.

क्राइम ब्रांच की जांच में खुलासा हुआ कि उसने सेना के सेवानिवृत्त जवानों को संदेश भेजकर निशाना बनाया. इसके लिए उसने बाकायदा भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग के नाम से सेंट्रल सेना से जुड़ी फर्जी वेबसाइट बना रखी थी. सिम कार्ड के माध्यम से व्हाट्सएप कॉल या संदेश भेजकर सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों को निशाना बना रहा था. आरोपी को एक सिम के बदले 8 से 10 हजार रुपये मिलते थे. फिलहाल क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके साथ और कौन शामिल है. अब तक कितने सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया है, इस मामले में जांच शुरू कर दी है.

पढ़ें- पाकिस्तान को खुफिया जानकारी देने के आरोप में मौलवी गिरफ्तार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.