नई दिल्ली. दिल्ली में फ्री बिजली या बिल में सब्सिडी का लाभ लेने वालों के लिए यह जरूरी खबर है। दिल्ली सरकार सब्सिडी के नियमों को बदलने की तैयारी कर चुकी है. आने वाले दिनों में सब्सिडी तभी मिलेगी जब आप इसके लिए अपनी सहमति देंगे. सहमति नहीं दी तो आपको खपत के अनुसार बिजली बिल का पूरा भुगतान करना पड़ेगा.
अगर आप चाहते हैं कि आपको फ्री बिजली का लाभ पहले की तरह मिलता रहे तो इसके लिए अब जुलाई से एक फॉर्म भरना होगा.अगर नहीं लेना है, तब भी फार्म भरकर बताना होगा। आपने यह फार्म नहीं भरा तो माना जाएगा कि आप योजना का लाभ नहीं लेना चाहते और अक्टूबर माह से बिजली बिल का पूरा भुगतान करना पड़ेगा. दिल्ली सरकार उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक पूरी सब्सिडी देती है. वहीं, 200 से 400 यूनिट खर्च करने वाले लोगों को बिल का 50 फ़ीसदी या अधिकतम 800 रुपये की सब्सिडी प्राप्त होती है.
मुफ्त बिजली पाने के लिए भरना होगा फॉर्म
दिल्ली सरकार ने गत माह बिजली बिल में सब्सिडी की वैकल्पिक व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया था, जिसके तहत केवल वही लोग 200 यूनिट फ्री बिजली का लाभ ले पाएंगे, जो स्वेच्छा से इसे लेना चाहते हैं. इस फॉर्म को उपभोक्ता अपने नजदीकी बिजली बिल केंद्र में जमा कर सकते है. इसके अलावा आम लोग इसे विधायक कार्यालय में भी जमा कर सकते है. जल्द ही बिजली सब्सिडी लेने या छोड़ने के संबंध में राय देने के लिए मोबाइल एप और ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी.
दिल्ली वालों को मुफ्त व सब्सिडी दर पर मिल रही बिजली के संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि कई लोगों ने कहा था कि वे सक्षम हैं, उन्हें फ्री बिजली नहीं चाहिए. इसलिए अब हम लोगों से पूछेंगे कि क्या उन्हें बिजली बिल में सब्सिडी चाहिए? अगर वे कहेंगे कि चाहिए तो हम देंगे और वे कहेंगे कि नहीं चाहिए तो हम नहीं देंगे. एक अक्टूबर से दिल्ली में उन्हीं लोगों को बिजली की सब्सिडी दी जाएगी, जो सब्सिडी मांगेगे.
दिल्ली में 27 लाख उपभोक्ताओं को मिल रही है मुफ्त बिजली
फिलहाल दिल्ली में 54.5 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 27 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हर महीने 200 यूनिट बिजली का उपयोग करते हैं. ऐसे में इनका बिल शून्य होता है. सरकार 201-400 यूनिट की खपत करने वाले लगभग 15.5 लाख उपभोक्ताओं के बिजली शुल्क में 50 प्रतिशत सब्सिडी देती है. बिजली सब्सिडी का लाभ उठाने वाले घरेलू उपभोक्ता लगभग 86 प्रतिशत है.
नई दिल्ली. दिल्ली में फ्री बिजली या बिल में सब्सिडी का लाभ लेने वालों के लिए यह जरूरी खबर है। दिल्ली सरकार सब्सिडी के नियमों को बदलने की तैयारी कर चुकी है. आने वाले दिनों में सब्सिडी तभी मिलेगी जब आप इसके लिए अपनी सहमति देंगे. सहमति नहीं दी तो आपको खपत के अनुसार बिजली बिल का पूरा भुगतान करना पड़ेगा.
अगर आप चाहते हैं कि आपको फ्री बिजली का लाभ पहले की तरह मिलता रहे तो इसके लिए अब जुलाई से एक फॉर्म भरना होगा.अगर नहीं लेना है, तब भी फार्म भरकर बताना होगा। आपने यह फार्म नहीं भरा तो माना जाएगा कि आप योजना का लाभ नहीं लेना चाहते और अक्टूबर माह से बिजली बिल का पूरा भुगतान करना पड़ेगा. दिल्ली सरकार उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक पूरी सब्सिडी देती है. वहीं, 200 से 400 यूनिट खर्च करने वाले लोगों को बिल का 50 फ़ीसदी या अधिकतम 800 रुपये की सब्सिडी प्राप्त होती है.
मुफ्त बिजली पाने के लिए भरना होगा फॉर्म
दिल्ली सरकार ने गत माह बिजली बिल में सब्सिडी की वैकल्पिक व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया था, जिसके तहत केवल वही लोग 200 यूनिट फ्री बिजली का लाभ ले पाएंगे, जो स्वेच्छा से इसे लेना चाहते हैं. इस फॉर्म को उपभोक्ता अपने नजदीकी बिजली बिल केंद्र में जमा कर सकते है. इसके अलावा आम लोग इसे विधायक कार्यालय में भी जमा कर सकते है. जल्द ही बिजली सब्सिडी लेने या छोड़ने के संबंध में राय देने के लिए मोबाइल एप और ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी.
दिल्ली वालों को मुफ्त व सब्सिडी दर पर मिल रही बिजली के संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि कई लोगों ने कहा था कि वे सक्षम हैं, उन्हें फ्री बिजली नहीं चाहिए. इसलिए अब हम लोगों से पूछेंगे कि क्या उन्हें बिजली बिल में सब्सिडी चाहिए? अगर वे कहेंगे कि चाहिए तो हम देंगे और वे कहेंगे कि नहीं चाहिए तो हम नहीं देंगे. एक अक्टूबर से दिल्ली में उन्हीं लोगों को बिजली की सब्सिडी दी जाएगी, जो सब्सिडी मांगेगे.
दिल्ली में 27 लाख उपभोक्ताओं को मिल रही है मुफ्त बिजली
फिलहाल दिल्ली में 54.5 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 27 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हर महीने 200 यूनिट बिजली का उपयोग करते हैं. ऐसे में इनका बिल शून्य होता है. सरकार 201-400 यूनिट की खपत करने वाले लगभग 15.5 लाख उपभोक्ताओं के बिजली शुल्क में 50 प्रतिशत सब्सिडी देती है. बिजली सब्सिडी का लाभ उठाने वाले घरेलू उपभोक्ता लगभग 86 प्रतिशत है.