श्रीगंगानगर. तीन दिन पहले RAS अधिकारी अशोक मीणा और बीडीओ भोम सिंह के बीच हुई हॉटटॉक ने अब तूल पकड़ लिया है. अशोक मीणा ने श्रीगंगानगर के कोतवाली थाना में बीडीओ और कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. यह हॉटटॉक अशोक मीणा और बीडीओ भोम सिंह के बीच पंचायत समिति के आवास को खाली करवाने के लिए हुई थी.
थाना प्रभारी ने की तस्दीक- कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि आरएएस अशोक मीणा ने श्रीगंगानगर पंचायत समिति के बीडीओ भोम सिंह, वरिष्ठ सहायक विरेन्द्र जाखड़, कनिष्ठ सहायक मनोज मित्तल, कनिष्ठ सहायक हरीकिशन, डीपीसी एसबीएम हरविन्द्र सिंह ढिल्लो सहित 15-20 अन्य व्यक्तिओं पर मामला दर्ज करवाया है. अशोक मीणा ने एफआईआर में बताया कि उन्हें पंचायत समिति के तत्कालीन विकास अधिकारी ने डेढ़ साल पहले यह आवास आवंटित किया गया था और अब 16 जनवरी को पंचायत समिति के बीडीओ भोम सिंह ने आवास बेदखली का नोटिस दिया.
अपशब्द का आरोप- नोटिस में आपराधिक किस्म के तथ्यों को दर्ज किया गया था. मीणा के मुताबिक उन्होंने जवाब भी पेश कर दिया. आरोप है कि इसके बाद 24 जनवरी को बीडीओ भोम सिंह अपने साथियों संग आए और आवास खाली करने के लिए कहा. आरएएस अशोक मीणा ने शिकायत में कहा है कि बीडीओ ने अपशब्द भी कहे. मीणा ने कहा उनका तबादला बीकानेर हो गया है और तीस जनवरी तक आवास खाली करने के लिए उन्होंने मोहलत मांगी थी. इस मामले से जिला कलक्टर को भी अवगत करवाया था. फिलहाल कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
बीडीओ बोले 'कब्जा जमा कर बैठे मीणा'- उधर बीडीओ भोम सिंह का कहना है कि यह आवास पंचायत समिति के अधीन है. पिछले डेढ़ साल से अशोक मीणा ने इस आवास पर कब्ज़ा जमा रखा है और उन्हें इस आवास को खाली करने के लिए कई बार कहा जा चुका है. नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं. दावा किया है कि अफसर के लिए उन्होंने अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है.
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क्या हुआ था?: मामला जिला मुख्यालय का है, जहां 24 जनवरी को बीडीओ पंचायत समिति के अधिकारियों और कर्मचारियों संग RAS अफसर का आवास खाली करवाने पहुंचे थे. दरअसल, आरएएस अधिकारी अशोक मीणा पिछले एक साल से पंचायत समिति के अधीन आने वाले विकास अधिकारी के लिए बनाए गए आवास में रह रहे थे. विकास अधिकारी भोम सिंह ने बताया था कि पंचायत समिति से उन्हें यह आवास खाली करने के लिए लगातार कहा जा रहा था लेकिन वो सुनने को तैयार नहीं थे. बाकायदा इसके लिए नोटिस भी दिए गए जिसका संतोषप्रद जवाब नहीं मिला. इसके बाद ही उन्हें घर से बेदखल करने के लिए पंचायत समिति के अधिकारी पहुंचे थे. इसे लेकर दोनों के बीच देर तक हॉटटॉक भी हुई थी. दोनों अधिकारियों की तरफ से इस मामले की वीडिओ ग्राफी भी करवाई गई थी.