सिरोही. सरकारी अस्पताल में कुत्तों के मासूम को नोंचने वाले मामले को विधानसभा में भी उठाया गया था. सदन में संयम लोढ़ा ने मुद्दा उठाया था. 27 फरवरी को मां के पास सोए बच्चे को कुत्ते उठाकर ले गए थे और उसकी जान ले ली थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सचिव राजेश गुप्ता ने सिरोही जिला कलेक्टर डॉ भवरलाल चौधरी को पीड़ित परिवार (महेंद्र कुमार मीणा) को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 10 लाख रुपये स्वीकृत किए जाने की सूचना दी.
गौरतलब है की 27 फरवरी की रात में महेंद्र कुमार सिलोकोसिस वार्ड में भर्ती था. उसकी पत्नी अपने तीन बच्चों के साथ वार्ड में उसकी देखभाल के लिए सो रही थी. रात में करीब 2 बजे आवारा कुत्ते महेंद्र के सबसे छोटे बेटे विकास जो महज एक माह का था उसे उठा ले गए और बाहर ले जाकर नोच कर मार डाला. कुत्तों के हमले से गई नवजात की जान ने तूल पकड़ा तों जिला अस्पताल की लापरवाही खुलकर सामने आई.
सरकारी अस्पताल पहुंच रहे मरीज और उनके परिजनों ने अपनी परेशानी बताई. बताया कि किस तरह अस्पताल में आवारा कुत्ते आतंक फैलाते हैं. सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने पूरे मामले को विधानसभा में उठाया.उन्होंने ही परिवार को मुआवजा राशि 10 लाख देने और सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई थी. जिस पर पर अब राज्य सरकार ने अमल करते हुए पीड़ित परिवार को 10 लाख की सहायता राशि जारी करने के आदेश दिए.
मामले में PMO, आयुक्त सहित नर्सिंग स्टॉफ पर गिरी गाज
बच्चे की दर्दनाक मौत को लेकर जांच कमेटी बैठाई गई. जिसमें प्रथम दृष्टया जिला अस्पताल के पीएमओ एके मौर्या, नगर परिषद आयुक्त की गलती सामने आई. जिस पर राज्य सरकार ने दोनों अधिकारियों को एपीओ किया. वहीं नर्सिंग कर्मचारी को निलंबित किया गया. इसके साथ ही वॉर्ड बॉय और गार्ड की सेवा समाप्त कर दी गई.