संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाला, सीए सहित 3 को एसओजी ने पकड़ा

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Published : Jan 7, 2023, 6:40 AM IST

Updated : Jan 7, 2023, 7:58 AM IST

Sanjivani Credit Cooperative Society Scam

राजस्थान एसओजी ने शुक्रवार को संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव मामले (Sanjivani Credit Cooperative Society Scam) में सीए सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया है. तीनों से जयपुर में पूछताछ जारी है.

जोधपुर. संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़े घोटाले के मामले (Sanjivani Credit Cooperative Society Scam) को लेकर शुक्रवार को एसओजी की टीम ने जोधपुर में बड़ी कार्रवाई की है. एसओजी ने जोधपुर में चार्टर्ड अकाउंटेंट जेठमल डाकलिया, भाई गौतम चंद और उनके बेटे दिनेश डाकलिया को हिरासत (SOG Action in Jodhpur) में लिया है. हिरासत में लेकर तीनों को जयपुर भेजा गया है, जहां उनसे पूछताछ की जाएगी. जेठमल डाकलिया का संजीव क्रेडिट कॉरपोरेशन से सीधा जुड़ाव बताया जा रहा है. इसके अलावा वे एक केंद्रीय मंत्री के भी निकटस्थ हैं.

जानकारी के अनुसार जेठमल डाकलिया संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. इसी क्रेडिट कोऑपरेटिव से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनकी पत्नी जुड़े हुए थे. हालांकि, लोकसभा का पहला चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी से अपना नाता खत्म कर दिया था. लेकिन जब से यह घोटाला उजागर हुआ है उसके बाद से शेखावत का नाम जोड़ा जा रहा है. संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव में करीब 900 करोड़ों का घोटाला हुआ, जिसके चलते हजारों निवेशकों की राशि फंस गई.

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यह है पूरा मामला- संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (Sanjivani Credit Co-Operative Society Limited) ने राजस्थान में 211 और गुजरात में 26 शाखाओं सहित भारत के कई अन्य राज्यों में भी अपनी शाखाएं खोली. जिससे करीब 1 लाख 46 हजार 993 निवेशकों से 953 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निवेश करा ठगी की गई. ठगी के मामले में सर्वप्रथम मुख्य रूप से सीईओ नरेश सोनी, कार्यकारी अधिकारी किशन सिंह चोली, भूतपूर्व अध्यक्ष देवी सिंह शैतान सिंह और मुख्य सूत्रधार विक्रम सिंह इंद्रोई को गिरफ्तार किया गया. राजस्थान एसओजी ने करोड़ों रुपए के घोटाले में साल 2019 में 32 नंबर की एक FIR दर्ज की. जिसमें आरोप लगाए गए थे कि शिकायतकर्ता की तरफ से लाखों रुपए सोसायटी में लगाए गए और यह पैसा कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व उनके परिवार जनों की कंपनियों में लगाया गया. इसके साथ ही पीड़ितों द्वारा निवेश किया गया पैसा गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके साथियों के अकाउंट में जमा होना बताया गया.

जयपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने दिए यह आदेश- इस पूरे प्रकरण में कार्रवाई करते हुए SOG ने कुछ लोगों को गिरफ्तार तो किया, लेकिन गजेंद्र सिंह सहित अन्य लोगों के खिलाफ जांच नहीं की. जिस पर जुलाई 2020 में परिवादी गुमान सिंह व अन्य की ओर से दायर रिवीजन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए जयपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उनकी पत्नी, साथ ही राजेंद्र बाहेती और केवल चंद डगलिया के खिलाफ जांच के आदेश दिए.

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कोर्ट में दायर किया गया यह प्रार्थना पत्र- कोर्ट में दायर प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता अजय कुमार जैन ने अदालत को बताया कि प्रार्थियों ने संजीवनी सोसाइटी में मोटी राशि निवेश की. इस राशि का आरोपियों ने छल करते हुए दुरुपयोग किया और प्रार्थी व उस जैसे 50 हजार से अधिक दूसरे निवेशकों से धन प्राप्त कर इस राशि को नवप्रभा बिल्टेक, ल्युसिड फार्मा, जनक कंस्ट्रक्शन और अरिहंत एटर के साथ ही उनके कर्ता-धर्ता नवनंद कवर, मोहन कवर, राजेंद्र बाहेती, केवलचंद डगलिया और गजेंद्र सिंह को अंतरित की गई. जिन्होंने इस राशि से अपनी कई बिल्डिंग बनाई और इथोपिया में जमीन खरीदी.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि यह बात SOG के अनुसंधान में आने के बाद भी न तो इन लोगों से अनुसंधान किया गया और ना ही इनकी संपत्तियों को जब्त किया गया. परिवादी की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि गजेंद्र सिंह की पार्टनरशिप की कंपनी ने संजीवनी सोसायटी के संचालन विक्रम सिंह और उसकी पत्नी के नाम कंपनी के अंशों का हस्तांतरण किया था. विक्रम सिंह ने इसके लिए संजीवनी सोसायटी के निवेशकों के धन को काम में लिया था.

Last Updated :Jan 7, 2023, 7:58 AM IST
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