Rajasthan High Court : अवैध खनन करने वालों की लीज निरस्त को लेकर पेश करें जवाब

Rajasthan High Court : अवैध खनन करने वालों की लीज निरस्त को लेकर पेश करें जवाब
रोहिल्ला कलां गांव में अवैध खनन के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि अवैध खनन में लिप्त लीज होल्डर की लीज निरस्त करने में आ रही कठिनाईयों को लेकर विभाग जवाब पेश करे.
जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रोहिल्ला कलां गांव में अवैध खनन में लिप्त पाए गए लीज होल्डर की लीज निरस्त करने में आ रही कठिनाईयों को लेकर खनन विभाग को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. न्यायाधीश विजय विश्नोई व न्यायाधीश फरजंद अली की खंडपीठ के समक्ष रोहिल्ला कलां के ग्रामीणों की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने पैरवी की और कहा कि अभी तक अवैध खनन में लिप्त पाए गए लीज होल्डर की लीज को निरस्त नहीं किया गया.
एएजी संदीप शाह ने कहा कि रोहिल्ला कलां में खनन क्षेत्र का सीमाकंन का कार्य पूरा हो चुका है. अवैध खनन रोकने के लिए होम गार्डस के जवान भी तैनात किए गए. एएजी शाह ने कहा कि जो भी खदान धारक अवैध खनन में लिप्त पाए गए हैं, उनकी लीज को अभी तक निरस्त नहीं किया गया है. क्योंकि लीज निरस्त करने में समस्या आ रही है. ऐसे में उनके मामलों में अर्थदंड लगाकर उनका निपटारा किया जा सकता है. कोर्ट ने सुनवाई के बाद खनन विभाग को निर्देश दिए है कि जो भी खदान धारक अवैध खनन में लिप्त पाए गए हैं उनके खनन पट्टे निरस्त करने में आ रही कठिनाईयों को लेकर जवाब पेश करें.
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नागौर की तालाब की जमीन का मामला: राजस्थान हाईकोर्ट में डिडवाना नागौर के तालाब को लेकर दायर याचिका में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि आदेश की अनुपालना की जा रही है. तालाब से गंदा पानी निकालने का कार्य जारी है. वहीं सौंदर्यीकरण का कार्य भी शुरू हो गया है. न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश राजेन्द्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता उत्थान विधिक सहायता एवं सेवा संस्थान की याचिका पर सुनवाई हुई. एएजी सुनील बेनीवाल ने कहा कि 27 जुलाई, 2022 के आदेश की पालना की जा रही है और रिपोर्ट आज ही रिकार्ड पर पेश की जाएगी.
उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि तालाब की जमीन को गैर मुमकिन आबादी में आवंटन को किया गया है. उसे अभी तक वापस तालाब में परिवर्तन नहीं किया गया है. उसकी स्थिति का पता लगाया जा रहा है. इस पर कोर्ट ने 14 मार्च को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुनील जोशी को निर्देश दिए कि वे भौतिक निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट अवलोकन के लिए प्रस्तुत करें.
गौरतलब है कि याचिका में डिडवाना में तालाब की जमीन को गैर मुमकिन आबादी दर्ज करते हुए नगर पालिका को आवंटित करने को चुनौती दी है. कोर्ट में नागौर जिला कलक्टर की मौजूदगी में स्वीकार किया था कि तालाब की भूमि को अवैध रूप से आबादी दर्ज किया गया है और नियमानुसार ऐसा नहीं किया जा सकता. इस पर कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि डीडवाना के खसरा नंबर 2379 को तालाब से गैर-मुमकिन आबादी के रूप में दर्ज करने की एंट्री बदली जाए. तालाब की जमीन पर कितने अतिक्रमण हैं, इसका पता लगाने के लिए जांच की जाए. तालाब की सफाई एवं सौंदर्यीकरण की योजना बनाने के लिए भी कहा गया था.
