जोधपुर में बड़ी जीत का रिकॉर्ड गहलोत और छोटी हार का भाटी के नाम

जोधपुर में बड़ी जीत का रिकॉर्ड गहलोत और छोटी हार का भाटी के नाम
राजस्थान के सियासी मैदान में राजनीतिक दलों के बीच खींचतान जारी है. इस बीच आज हम आपको बता रहे हैं कि जोधपुर के राजनीतिक इतिहास में किस विधायक ने सबसे ज्यादा वोटों से जीत का रिकॉर्ड बनाया है. साथ ही सबसे कम वोटों से किसकी हार हुई है.
जोधपुर. जिले की सरदारपुरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज और धुरंधर नेता सीएम अशोक गहलोत ने 49 हजार 280 वोटों से जीत दर्ज की, जो अब तक की सबसे बड़ी जीत है. साल 1999 में विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी जीत का जो रिकॉर्ड बनाया, उसे अभी तक कोई तोड़ नहीं पाया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तब सरदारपुरा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मेघराज लोहिया को 49,280 वोटों से हराया था.
जोधपुर जिले में विधानसभा चुनाव में किसी प्रत्याशी की अब तक की सबसे बड़ी जीत का मार्जिन है. इसी तरह से विधानसभा चुनाव में ओसियां से सबसे छोटी हार महज 79 वोटों से कांग्रेस के दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह भाटी की हुई थी. साल 1990 में रामनारायण विश्नोई ने भाटी को 79 वोटों से हराया था. विश्नोई ने उस समय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा था. जोधपुर जिले में सबसे ज्यादा मतों के मार्जिन से जीत और सबसे कम मतों से हार का रिकॉर्ड अभी तक बरकरार है. जिले अब तक छह परिणाम ऐसे आए हैं जिसमें एक हजार से कम जीत-हार का अंतर रहा है.
40 हजार से ज्यादा की तीन जीत: जोधपुर जिले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम 49,280 मतों से जीत का रिकॉर्ड है. दूसरे स्थान पर भी अशोक गहलोत ही हैं जिन्होंने 2018 में 45,597 मतों से शंभूसिंह खेतासर को चुनाव में हराया था. तीसरे पायदान पर कांग्रेस के किशनाराम विश्नोई का है जिन्होंने 2018 में 40,876 वोटों से गजेंद्र सिंह खींवसर को हराया था. उन्होंने 2018 में लोहावट विधानसभा सीट पर भाजपा के गजेन्द्र सिंह खींवसर को हराकर जीत का परचम फहराया था.
जिले में एक हजार से कम मतों की हार-जीत
- 1985 में जोधपुर शहर विधानसभा से कांग्रेस के सईद अंसारी भाजपा के बिरदमल सिंघवी से 428 वोटों से हारे थे.
- 1967 में जोधपुर शहर विधानसभा से जनसंघ के गुमानमल लोढ़ा कांग्रेस के बरकतुल्लाह खान से 440 वोटों से हारे थे.
- 1990 में भोपालगढ़ से लोक दल के नारायण राम बेदा ने कांग्रेस के दिग्गज परसराम मदेरणा को 676 मतों से हराया था.
- 1972 में फलोदी से निर्दलीय मोहनलाल छंगाणी ने एसडब्ल्यूटी के रामनारायण को 780 वोटों से हराया था.
- 1977 में फलोदी से जनता पार्टी के बाल किशन छंगाणी ने कांग्रेस के पूनम चंद्र बिश्नोई को 981 वोटों से हराकर जीत का परचम लहराया था.
