लोकसभा स्पीकर पहुंचे जैसलमेर: कहा-सदन में नियोजित तरीके से गतिरोध पैदा नहीं करना चाहिए

लोकसभा स्पीकर पहुंचे जैसलमेर: कहा-सदन में नियोजित तरीके से गतिरोध पैदा नहीं करना चाहिए
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला का कहना है कि सहमति और असहमति लोकतंत्र की विशेषता है. लेकिन सदन में नियोजित तरीके से गतिरोध पैदा नहीं करना चाहिए.
जैसलमेर. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला मंगलवार सुबह अपने दो दिवसीय दौरे पर जैसलमेर पहुंचे. यहां उन्होंने रुणिचा नगरी में लोकदेवता बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन कर देश में अमन चैन व खुशहाली की कामना की. इस दौरान बिड़ला ने कहा कि सदन में सांसदों को नियोजित तरीके से गतिरोध पैदा नहीं करना चाहिए.
इसके बाद रामदेवरा से रवाना होकर लोकसभा स्पीकर जैसलमेर बीएसएफ पहुंचे. इसके बाद उन्होंने जैसलमेर शहर में स्थित जैन उत्कर्ष भवन में आयोजित प्रबुद्धजन संवाद कार्यक्रम में भाग लिया. प्रबुद्धजन संवाद कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बिरला ने कहा कि बाबा रामदेव ने सामाजिक न्याय, वंचित, गरीब व शोषितों की समानता के लिए लंबा संघर्ष किया. बाबा रामदेव को समाज के कल्याण के लिए चमत्कारी सिद्धि थी.
लोकसभा स्पीकर ने जैसलमेर को लेकर कहा कि भारत का यह सबसे बड़ा सीमावर्ती जिला है. यहां खड़े रहकर हम यह कह सकते हैं कि भारत की सीमाएं आज बहुत ही सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि सीमा पार से होने वाली किसी भी तरह की हरकत का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए सीमा सुरक्षा बल व अन्य अर्ध सैनिक बल हर समय मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं. इसलिए वे सभी भी धन्यवाद के पात्र हैं.
लोकसभा स्पीकर ने आगे कहा कि भारत का लोकतंत्र एक जीवंत लोकतंत्र है. साथ ही भारत का लोकतंत्र सशक्त और मजबूत है. लोकसभा स्पीकर बिड़ला ने कहा कि भारत समावेशी विस्तार और विकास की ओर बढ़ रहा है. सहमति और असहमति यह तो लोकतंत्र की विशेषता है. लेकिन सदन में गतिरोध नहीं होना चाहिए. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने आगे कहा कि सदन में नियोजित तरीके से गतिरोध पैदा नहीं करना चाहिए.
प्रबुद्धजन संवाद कार्यक्रम में भाग लेने के बाद बिरला हेलीकॉप्टर से तनोट पहुंचे. जहां पर सीमा सुरक्षा बल की बबलियान सीमा चौकी पर बीएसएफ के अधिकारियों व जवानों से मुलाकात करेंगे. साथ ही घंटियाली गांव में घंटियाली माता मंदिर के दर्शन करने के साथ ही गांव के ग्रामीणों से रूबरू होंगे. इसके बाद वे मातेश्वरी तनोट माता के मंदिर में विशेष पूजा अर्चना कर आरती में शामिल होंगे.
