National Lok Adalat : हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में आयोजन, राजीनामे से लाखों मुकदमों का निस्तारण

National Lok Adalat : हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में आयोजन, राजीनामे से लाखों मुकदमों का निस्तारण
जयपुर में शनिवार को साल की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में मुकदमों का निस्तारण करने के लिए प्रदेश भर की अधीनस्थ अदालतों में 494 पीठों का गठन किया गया है.
जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को साल की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एमएम श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया.
इस अवसर पर जस्टिस एमएम श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय उपलब्ध कराने का उद्देश्य शामिल किया गया है. ऐसे में न्याय प्रणाली को इस तरह का रूप दिया गया है कि वह मुकदमे की प्रकृति के अनुसार उसके पक्षकारों को न्याय प्रदान करे. कई पक्षकारों के बीच ऐसे सिविल और छोटे आपराधिक प्रकृति के मामले होते हैं, जिन्हें आपसी सहमति से ही सुलझाया जा सकता है. ऐसे में लोक अदालत के माध्यम से ऐसे प्रकरणों को तय किया जाता है, जिससे पक्षकार को सालों तक अदालतों में समय और पैसा खर्च न करना पड़े.
जयपुर में कुल 9 पीठ सुनवाई के लिए : लोक अदालत में मुकदमों का निस्तारण करने के लिए प्रदेश भर की अधीनस्थ अदालतों में 494 पीठों का गठन किया गया है. वहीं हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्यपीठ और जयपुर में कुल 9 पीठ सुनवाई के लिए गठित की गई हैं. इन पीठों में 10 लाख से अधिक मुकदमों को रेफर किया गया है. इनमें विभिन्न अदालतों में लंबित करीब 4 लाख मुकदमे और 6 लाख 54 हजार से अधिक प्री-लिटिगेशन के मामले शामिल हैं.
69 लाख मुकदमों का निस्तारण : वर्ष 2023 में अब तक दो बार 11 फरवरी और 13 मई को लोक अदालत आयोजित की जा चुकी है. इसमें कुल 69 लाख से अधिक मुकदमों का निस्तारण हो चुका है. 11 फरवरी को आयोजित पहली लोक अदालत में 30 लाख 58 हजार से अधिक मुकदमे तय किए गए. इसके बाद 13 मई को आयोजित साल की दूसरी लोक अदालत में रिकॉर्ड 38 लाख से अधिक मामले आपसी सहमति से अंतिम रूप से समाप्त किए गए. इस दौरान अरबों रुपए की अवार्ड राशि भी जारी की गई.
विवादों का निस्तारण निशुल्क : जस्टिस एमएम श्रीवास्तव ने बताया कि लोक अदालत हमारी कानून व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है. इसके जरिए लंबी और महंगी प्रक्रिया से अलग विवादों का निस्तारण निशुल्क किया जा सकता है. प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने कहा कि लोक अदालत में राजीनामा होने वाले फौजदारी प्रकरणों के अलावा चेक अनादरण, धन वसूली, बिजली-पानी, तलाक को छोड़कर अन्य पारिवारिक प्रकरण, भूमि मुआवजा और सेवा संबंधी मामलों को सूचीबद्ध किया गया है. इस मौके पर जस्टिस अनिल उपमन और जस्टिस गणेश मीणा सहित अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे.
जोधपुर में इतने प्रकरणों का निस्तारण : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर महानगर न्याय क्षेत्र में भी तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया. प्राधिकरण के सचिव सुरेन्द्रसिंह सांदू ने बताया कि न्यायालयों, राजस्व न्यायालयों और स्थाई लोक अदालत से सम्बंधित विभिन्न श्रेणी के राजीनामा योग्य लंबित 36141 प्रकरणों और प्री-लिटिगेशन में प्राप्त 308881 प्रकरणों सहित कुल 345022 प्रकरणों को रखा गया. जोधपुर महानगर न्यायक्षेत्र में न्यायालयों के लंबित प्रकरण, स्थाई लोक अदालत के प्रकरण और राजस्व मामलों के कुल 8858 प्रकरणों का लोक अदालत के माध्यम से निस्तारण किया गया और 71,20,23,153 रुपए अवार्ड राशि पारित की गई.
कुचामनसिटी में प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण : कुचामन में साल 2023 की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत में समझाइश के साथ कई प्रकरणों का राजीनामे के साथ निस्तारण किया गया. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निदेर्शन और अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति सुंदर लाल खरोल के आदेशानुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कुचामन न्यायालय में किया गया. लोक अदालत में प्री लिटिगेशन, पोस्ट लिटिगेशन और राजस्व के प्रकरणों को चिन्हित कर समझाइश के प्रयास किए गए.
